बरेली में खेत में फेंकी 1 दिन की नवजात बच्ची का पैर कुतरा कीड़ों ने, रोने की आवाज सुन नौलखराम के परिवार ने बचायी जान
बच्ची के पूरी रात खेत में पड़े रहने की वजह से उसके दोनों पैरों पर कीड़े-मकौड़े लग गए, उसकी दोनों पैरों की एड़ियों को कीड़ों ने खा लिया, हालत यह हो गई कि उसकी एड़ियों की हड्डियां तक दिखने लगीं...
जनज्वार। एक तरफ औलाद के लिए हमारे समाज में लोग डॉक्टर से लेकर अंधविश्वास यानी टोनो—टोटकों तक का सहारा लेते हैं, वहीं बरेली से एक नवजात बच्ची के साथ उसके अपनों ने ही जो नृशंसता की है उससे इंसानियत भी शर्मसार हो उठी है। हालांकि हमारे समाज में अनचाही बच्चियों को पैदा होते ही मार दिये जाने की घटनायें सदियों से हो रही हैं, हो सकता है यह बच्ची भी किसी की अनचाही पैदाइश हो, जिसे दुनिया में आते ही मां-बाप ने मरने के लिए छोड़ दिया।
बरेली में शाही थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में मात्र एक दिन की जन्मी नवजात बच्ची को गन्ने के खेत में फेंक दिया गया। पूरी रात बच्ची खेत में पड़ी रही। उस नवजात के दोनों पैरों की एड़ियों को कीड़े खा गये, घाव इतना गहरा हो गया कि हड्डी नजर आने लगी। खेत के मालिक नौलखराम से बच्ची की आवाज सुनी तो उसे उठाया और उसके पैरों से कीड़े साफ किये। उसके बाद पुलिस को सूचित किया और पुलिस ने चाइल्ड लाइन को फोन किया। नवजात बच्ची को बरेली के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बच्ची के पैरों का ऑपरेशन किया गया।
दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर के मुताबिक सुल्तानपुर गांव के नौलखराम के गन्ने के खेत में रविवार 27 जून की शाम 4 बजे किसी बच्चे के रोने की आवाज आई। नौलखराम का यह खेत घर के पास ही है, इसलिए उन्होंने बच्ची के रोने की आवाज सुन ली। नौलखराम के मुताबिक बच्ची के रोने की आवाज पर पहले तो किसी ने गौर नहीं किया, क्योंकि उन्हें लगा कोई अपने खेत में बच्चा लेकर आया होगा। मगर जब शाम तक बच्ची लगातार रोती रही, फिर भी हमें लगा कि कोई व्यक्ति अपने बच्चे के साथ होगा। रात को सभी सो गए, मगर बीच-बीच में बच्चे के रोने की आवाजें आती रही, सुबह तक जब बच्ची के रोने की आवाज आती रही तो खेत मालिक नौलखराम के चाचा की बेटी उर्मिला खेत में गयी। बच्चे को देखते ही उसने कहा कि खेत में किसी की बच्ची पड़ी है, तब जाकर नौलखराम और उसकी पत्नी ने बच्ची को उठाया। उसके पैर से कीड़े साफ किये और पुलिस को फोन किया।
नौलखराम के मुताबिक, बच्ची के पूरी रात खेत में पड़े रहने की वजह से उसके दोनों पैरों पर कीड़े-मकौड़े लग गए। उसकी दोनों पैरों की एड़ियों को कीड़ों ने खा लिया, हालत यह हो गई कि उसकी एड़ियों की हड्डियां तक दिखने लगीं। बच्ची दर्द में चीख रही थी, मगर किसी ने उसे उठाया तक नहीं। अब बच्ची जिला अस्पताल की एसएनसीयू (सिक न्यूवॉर्न केयर यूनिट) में रखा गया है और जहां उसे कीड़ों ने काटा है वहां आपरेशन किया गया है।
एक मां-बाप ने जहां बच्ची को मरने के लिए खेत में फेंक दिया, दूसरी तरफ नौलखराम और उसकी बीवी ने उसे अपनाने का फैसला किया है। नौलखराम का कहना है कि उनकी अभी एक महीने की बेटी है और खेत में मिली बच्ची को वह पालेंगे, क्योंकि वह उनके खेत से मिली है। नौलखराम खेत में मिली बच्ची जो जिला अस्पताल में भर्ती है, उसकी देखभाल किसी बाप की तरह करने में जुट गये हैं।