दलित पत्रकार वेद प्रकाश की पटना में मॉब लिंचिंग का प्लान बनाने वाला आया सामने

पीड़ित ने कहा कि गुरुवार की शाम वह अपनी बहन और भांजे के साथ कार से जा रहे थे। जब वे फुलवारीशरीफ में थे तो कुछ लोगों की हरकत उन्हें ठीक नहीं लगी। वहां से वे जैसे ही निकले तो उनका पीछा किया जाने लगा....

Update: 2021-07-03 14:52 GMT

जनज्वार डेस्क। बिहार की राजधानी पटना पटना में गुरुवार 1 जुलाई को उस वक्त सरेआम गुंडई देखने को मिली जब एक दलित पत्रकार वेद प्रकाश को मारने के लिए फुलवारी शरीफ से लेकर एम्स और नौबतपुर के रास्ते तक घंटों दौड़ाया गया। हालांकि वेद प्रकाश ने किसी तरह अपनी जान बचाई। मॉब लिंचिंग की इस घटना पर सोशल मीडिया में खूब चर्चा हो रही है। पत्रकार के समर्थन में 'आई सपोर्ट वेद' और 'जय भीम' हैशटैग के साथ बड़ी संख्या में ट्वीट किए जा रहे हैं।

पत्रकार वेद प्रकाश 'द एक्टिविस्ट' नाम से यूट्यूब पर एक चैनल चलाते हैं जिसके 10 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। इस चैनल पर वेद दलितों, वंचितों, आदिवासियों समेत तमाम मुद्दों को उठाते रहते हैं। इसलिए संभव है कि वह कुछ लोगों की आंख की किरकिरी बने हुए हों। मॉब लिंचिंग की घटना के बाद पीड़ित पत्रकार ने शिकायत दर्ज कराई है और सुरक्षा की मांग की है। बिहार के डीजीपी को दिए गए आवेदन में वेद प्रकाश ने अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया है।

पीड़ित ने कहा कि गुरुवार की शाम वह अपनी बहन और भांजे के साथ कार से जा रहे थे। जब वे फुलवारीशरीफ में थे तो कुछ लोगों की हरकत उन्हें ठीक नहीं लगी। वहां से वे जैसे ही निकले तो उनका पीछा किया जाने लगा। शाम के करीब 5 बजे से लेकर छह बजे के बीच उन्हें मारने की नीयत से इस तरह उनके साथ किया गया। काफी देर तक अमृतांशु ने पीछा किया। लेकिन किसी तरह उन्होंने अपनी जान बचाई और वह बचे।

वेद ने कहा कि फेसबुक लाइव पर ही आरोपी ने जातिगत बात भी कही है। इसके अलावा पत्रकारिता छोड़ देने जैसी धमकी भी दी। पीड़ित पत्रकार ने दिए गए आवेदन में फेसबुक लाइव वीडियो और कुछ तस्वीरें भी उपलब्ध कराई है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

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वहीं दूसरी ओर इस घटना को लेकर बिहार का प्रमुख विपक्षी राजद नीतीश सरकार पर हमलावर हो गया है। राजद ने आरोपी के वीडियो और तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा- दब्बू नीतीश कुमार के सौजन्य से बिहार में रणवीर सेना की नाजायज़ औलाद पैदा हुई है! नाम रखा गया है- टीम रणवीर! सरकार की शह में दलित पिछड़ों के विरुद्ध अपराध की लंबी फेहरिस्त! इसके सरगना ने एक बहुजन पत्रकार की हत्या को फेसबुक पर लाइव दिखाने के प्रयास में खुलेआम पीछा किया। पर वीडियो, फोटो इत्यादि के रूप में हज़ारों सबूत के बावजूद नपुंसक सरकार और उसकी पालतू अधिकारियों वाली बिहार पुलिस के कान में जू नहीं रेंग रही है! बिहार की लाचार बेकार नीतीश कुमार सरकार का हर अपराध से पहले ढर्रा ही यही रहा है! और सदा यही रहेगा!

वहीं दूसरी ओर आरोपी अमृतांशु वत्स ने अपने बचाव में सफाई दी है। खबरों के मुताबिक फेसबुक पर लाइव आकर वहां जुड़ने वाले लोगों से वेद प्रकाश को घेरने को कहने वाले अमृतांशु ने कहा है कि वह वेद प्रकाश को मारने के लिए नहीं घेर रहे थे, बल्कि उनसे बातचीत करना चाहते थे। आरोपी ने कहा कि वेद प्रकाश सोशल मीडिया पर अपने चैनल में जातिवाद को लेकर कुछ भी कहते हैं जो सही नहीं है। इस पर वेद से कई बार बात करने की कोशिश की थी लेकिन वेद बात बात नहीं करना चाहते थे, हमेशा भागते थे। 

आरोपी अमृतांशु ने कहा कि गुरुवार (1 जुलाई) को उन्हें पता चला कि वेद प्रकाश किस जगह पर हैं। इसके बाद उन्होंने सोचा कि आज मौका है कि वेद को किसी तरह रोककर उनसे बात की जाए। इसलिए उन्होंने फेसबुक लाइव किया था और अपने लोगों से उसे किसी तरह रोकने के लिए कह रहे थे। कहा कि अब यह सब मामला आने के बाद वेद प्रकाश ने अपने चैनल से कई वीडियो को हटा दिया है।

वहीं आज शनिवार को वेद के समर्थन में ट्विटर ट्रेंड चले हैं। यूजर्स उनकी सुरक्षा की भी मांग कर रहे हैं। पूर्व सांसद व कांशीराम बहुजन मूलनिवासी पार्टी की अध्यक्ष सावित्री बाई फुले ने अपने ट्वीट में लिखा- बिहार के तेजतर्रार पत्रकार वेद प्रकाश पर कुछ अराजक तत्वों ने हमला कर और सोशल मीडिया पर लाइव आकर गाली और जान से मारने की धमकी दी है जो बिहार में जंगलराज का सबूत है, नीतीश कुमार सरकार पूरी तरह फेल है, मामले में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

भीम आर्मी प्रवक्ता कुश अंबेडकरवादी अपने ट्वीट में लिखते हैं- बहुजन मीडिया के पत्रकार हमेशा जातिवादी लोगों के निशाने पर रहते है, बड़े-बड़े चैनलों में कोई दलित पत्रकार नहीं हैं, इसलिए वो लोग बहुजन मीडिया को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। बहुजन समाज की जिम्मेदारी बनती है कि वेद प्रकाश जैसे अपने पत्रकारों के साथ एकजुटता से खड़े हों।

झारखंड हाईकोर्ट की वकील लक्ष्मी नायक लिखती हैं- मैं वेद प्रकाश के साथ खड़ी हूं। एक पत्रकार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है और प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है। अपराधियों पर जल्द से जल्द करवाई की जाए।


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