आदिवासी डॉक्टर ने उठाई बिस्तरों की कमी की बात तो डीएम ने दिया गिरफ्तारी का आदेश !

प्रसारित हो रहे वीडियो में कलेक्टर को गुस्से में यह कहते सुना जा सकता है, 'ये क्या बकवास है, ये डॉक्टर कहाँ से है...

Update: 2020-09-13 02:30 GMT

  पॉल ओमेन की रिपोर्ट 

कोविड-19 की समीक्षा के दौरान अप्रत्याशित ढंग से घटी एक घटना में गुंटूर के कलेक्टर सैमुएल आनंद कुमार एक स्वास्थ्य अधिकारी को ले कर अपना आपा खो बैठे और उसके निलंबन व गिरफ्तारी का फरमान जारी कर दिया। डॉक्टर सोमलु नायक नांदेंदाला प्राइमरी हेल्थ सेंटर में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी हैं। यह घटना बृहस्पतिवार १० सितम्बर को नसरोपेट टाउन हॉल में चल रही समीक्षा बैठक में घटी। पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई।

'द न्यूज़ मिनट' ने एक वरिष्ठ डॉक्टर से बात की जो समीक्षा बैठक में शामिल था। डॉक्टर ने बताया, 'डॉक्टर सोमलु नायक ने प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर में बिस्तरों की कमी को ले कर अपनी चिंता जाहिर की थी। कलेक्टर ने चिंता का जवाब देते हुए कहा कि यह सच नहीं है। कलेक्टर ने यह भी पूछा कि क्या यह चिंता जिला मेडिकल स्वास्थ्य अधिकारी के समक्ष भी प्रदर्शित की गई थी ? बहस इस तरह शुरू हुई। घटनाओं का ये मोड़ ले लेने से हम सभी क्रोधित थे। बात आगे बढ़ती चली गई।'

यह भी बताया जा रहा है कि डॉक्टर सोमलु नायक ने कलेक्टर से यह भी कहा कि ज़मीनी स्तर पर डॉक्टर्स के पुरजोर प्रयास करने के बावजूद उनके प्रयासों की सराहना नहीं की जा रही है।

प्रसारित हो रहे वीडियो में कलेक्टर को गुस्से में यह कहते सुना जा सकता है, 'ये क्या बकवास है। ये डॉक्टर कहाँ से है ? इसे ले जाओ और गिरफ्तार कर लो। उसकी हिम्मत कैसे हुई मुझसे यह पूछने की...मैं कौन हूँ ? आपदा प्रबंधन धाराओं के तहत उसे गिरफ्तार कर लो। उसे ले जाओ।' इसके बाद डॉक्टर को फाइल उठा कर ऑडोटोरियम से बाहर जाते हुए देखा जा सकता है।

घटनाओं से नाराज़ कलेक्टर ने जिला मेडिकल हेल्थ अधिकारी डॉक्टर जे यास्मिन से डॉक्टर सोमलु नायक को निलंबित करने और नसरोपेट के डीएसपी वीरा रेड्डी को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश जारी कर दिया। .पुलिस अधिकारी डॉक्टर सोमलु नायक को नसरोपेट डीएसपी कार्यालय ले गए और बाद में उन्हें छोड़ दिया।

'द न्यूज़ मिनट' ने गुंटूर की ज़िला मेडिकल हेल्थ अधिकारी डॉक्टर जे यास्मिन से यह जानने के लिए संपर्क किया कि क्या डॉक्टर सोमलु नायक के खिलाफ कुछ कार्रवाई की गई ? उन्होंने कहा, 'अभी तक कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है क्योंकि कलेक्टर कार्यालय से अभी कोई भी निर्देश नहीं आये हैं।' 'द न्यूज़ मिनट' ने कलेक्टर के वक्तव्य के लिए उनसे भी संपर्क किया लेकिन हमारे फोन कॉल्स का जवाब नहीं दिया गया।

विपक्ष ने इस घटना के लिए सोशल मीडिया में सरकार की खूब आलोचना की। टीडीपी एमएलसी नारा लोकेश ने वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, 'एक आदिवासी अधिकारी पर यह जगन मोहन रेड्डी सरकार की ज़्यादती है। गुंटूर ज़िले के नसरोपेट में कोरोना की समीक्षा बैठक के दौरान नदेंदला मेडिकल अधिकारी सोमलु नायक इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उसने सवाल उठाया था कि न्यूनतम सुविधाएँ दिए बग़ैर कोरोना केस बढ़ने के लिए उसके जैसे अधिकारियों को क्यों दोषी ठहराया जा रहा है। मैं उसकी निर्दयतापूर्ण गिरफ्तारी की निंदा करता हूँ। सोमलु नायक की तुरंत रिहाई होनी चाहिए।'

इस बीच आंध्रा प्रदेश गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने घटना की निंदा की है। एसोसिएशन ने आगाह किया है कि अगर गिरफ्तारी के आदेश वापिस नहीं लिए गए तो वे हड़ताल पर चले जायेंगे। एसोसिएशन ने डॉक्टर नायक द्वारा इंगित की गई कमियों की भी विभागीय जांच कराने की मांग की है।

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