UP Election 2022 : भारतीय इतिहास को लेकर BJP खुद अंधकार में है या फिर जनता को भटकाने की साजिशन भूल की जा रही!

सिकंदर का समय, जुलाई 356 ई०पू० से जून 323 ई०पू० और चंद्रगुप्त का राज्यकाल 324 ई०पू० से 297 ई0पू0 है। दोनों का कभी आमना सामना हुआ ही नहीं। सिकन्दर तो पंचनद पर हमले के बाद वापस हो गया था...

Update: 2021-11-15 03:43 GMT

(इतिहास की गलत जानकारी बताने में भाजपा को महारत हासिल है)

UP Election 2022 : अमित शाह के रामायण (Ramayan) वाले बयान की अपार सफलता के बाद प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी एक एतिहासिक बयान दे डाला है। योगी के इस बयान को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा और 'हिंदुत्व' को झूठे इतिहास की फैक्ट्री बताया है।

उत्तर प्रदेश की जनता अभी भूली नहीं होगी की देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आजमगढ़ की धरती पर रावण से आखिरी समय गूढ़ रहस्य लेने लक्ष्मण की जगह भरत को भेज दिया था। अमित शाह का बयान खूब बिका। जिसके बाद अब सीएम ने कहा कि इतिहास सिकंदर को 'द ग्रेट' के रूप में याद करता है, जो चंद्रगुप्त मौर्य से 'हार गया' था।

योगी के मुताबिक इतिहास

लखनऊ में सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'इतिहास को कैसे विकृत किया गया है! इतिहास ने चंद्रगुप्त मौर्य को महान नहीं कहा, किसे महान कहा? जो उनसे हार गए। वे सिकंदर को महान कहते हैं। देश को धोखा दिया गया है। लेकिन इतिहासकार इस पर खामोश हैं, क्योंकि अगर सच्चाई भारतीयों के सामने आएगी तो समाज एक बार फिर खड़ा होगा। जब समाज खड़ा होगा, तो देश भी खड़ा होगा। पीएम मोदी आज इस देश को खड़ा कर रहे हैं। जब हम बात करते हैं 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की तो इन मुद्दों पर ध्यान दिया जाता है।'

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समाजवादी पार्टी का नाम लिए बिना सीएम योगी ने कहा कि जो लोग अब विभाजन का मुद्दा उठा रहे हैं वे एक तरह से तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'जो लोग विभाजन के बारे में बात कर रहे हैं वे एक तरह से तालिबान को समर्थन दे रहे हैं। जैसे ही तालिबान अफगानिस्तान में फिर से उभरा, उसके समर्थन में कई आवाजें आने लगीं। जब कड़ी कार्रवाई की गई, तो ये आवाजें नरम हो गईं।'

क्या कहता है इतिहास?

योगी द्वारा दिए गये बयान के बाद इतिहासकारों का मानना है कि, चंद्रगुप्त मौर्य और सिकंदर के बीच कब युद्ध हुआ था जिसमें सिकन्दर हारा था? इस बारे में शांतनु चैतन्य ने जनज्वार से बात करते हुए बताया कि, 'सिकंदर का समय, जुलाई 356 ई०पू० से जून 323 ई०पू० और चंद्रगुप्त का राज्यकाल 324 ई०पू० से 297 ई0पू0 है। दोनों का कभी आमना सामना हुआ ही नहीं। सिकन्दर तो पंचनद पर हमले के बाद वापस हो गया था।

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