UP पुलिस ने फतेहपुर में फिर दोहराया हाथरस कांड, जबरन किया 2 बच्चियों का अंतिम संस्कार

परिजनों को धमकाकर और अंदर करने की धमकी देकर यूपी की फतेहपुर पुलिस ने संदिग्ध रूप से मरीं दो बच्चियों को जबर्दस्ती दफन कर दिया, साथ ही इस खबर को दिखाने पर पुलिस ने दो चैनलों के पत्रकारों पर भी मुकदमा दर्ज किया...

Update: 2020-11-19 07:32 GMT

जनज्वार, फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड में पुलिस की संवेदनहीनता को दुनिया ने देखा था ठीक ऐसी ही संवेदनहीनता फतेहपुर जिले में देखने को मिली। गनीमत ये रही कि मृतका दो छोटी बच्चियां थीं, जिसके चलते उन्हें जलाया नहीं दफन कराया है। लेकिन दोनों बच्चियों को दफन कराने में यूपी पुलिस ने एक बार फिर अपनी जबरजस्त कार्यशैली का नमूना पेश किया है। साथ ही इस खबर को दिखाने पर पुलिस ने दो चैनलों के पत्रकारों पर मुकदमा भी दर्ज किया है।

गौरतलब है कि सोमवार 16 नवंबर को देर रात छिछनी गांव में दिलीप धोबी की पुत्री सुमी 12 वर्ष व उसकी छोटी किरन 8 वर्ष के शव जंगल में एक तालाब में मिले थे। जानकारी के मुताबिक सोमवार 16 नवंबर को दोपहर करीब 12 बजे वे दोनों जंगल में चना का साग तोड़ने गई थीं। देर शाम तक घर वापस नहीं आयी तो लोग खोजने निकले। खोजने पर बच्चियों की लाशें एक भूमिधारी तालाब में पड़े सिंघाड़े में तैरती मिली थीं।

पुलिस ने दोनों बच्चियों की लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था और कहा था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही घटना की हकीकत सामने आयेगी। ग्रामीणों के अनुसार किशोरियों का पिता दिलीप मुंबई में था। वह वहां परिजनों का भरण-पोषण करने के लिए प्राइवेट नौकरी करता है। पिता को सूचना दे दी गई थी।

परिजनों का आरोप है कि बच्चियों की लाशों का पोस्टमार्टम करवाने के बाद पुलिस जबरन ​बच्चियों की लाश अंतिम संस्कार करने ले जा रही थी तो ग्रामीणों ने असोथर पुलिस को शवों ले जाने से रोका, मगर पुलिस जोर जबरदस्ती कर शव लेकर थाने चली गयी। वहीं ग्रामीणों को आशंका है कि दोनों बच्चियों की किसी ने हत्या की है।

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जनज्वार को मिले बच्चियों के चाचा के बयान के मुताबि​क पुलिस ने जबरन उनका अंतिम संस्कार करवा दिया। बच्चियों के चाचा ने बताया कि एसपी ने खुद उन्हें संस्कार न करने पर मुकदमा लिखकर जेल भेजने की धमकी दी थी। पुलिस ने रात में ही दोनों बच्चियों की लाशों को नमक डालकर दफन करवा दिया, जबकि परिवार दिन में विधिवत उनका अंतिम संस्कार करवाना चाहता था।

बताया जा रहा था कि घटना की रात पहले एसओ रणवीर बहादुर सिंह इस मामले में लीपापोती करता रहा, जिसके चलते लड़की के चाचा सहित कुछ अन्य लोगों को थाने में ही बिठाए रखा गया। वहीं ग्रामीणों की मानें तो एसपी-डीएम भी घटना की हकीकत दबाने में जुटे रहे। दोनों बच्चियों की डेड बॉडी पोस्टमार्टम के लिए भेज दी गई थी। वहीं सूत्रों की मानें तो डॉक्टरों की कमेटी पर भी मुंह न खोलने का दबाव बनाया गया था।

पुलिस ने इस घटना के संबंध में भारत समाचार चैनल व न्यूज़ 18 चैनल के रिपोर्टर धारा सिंह यादव पर मुकदमा लगाया है। पुलिस का आरोप है कि इन दोनों ने लड़कियों के संबंध में भ्रामक न्यूज़ चलाई थी। यह मुकदमा थानेदार असोथर रणवीर बहादुर सिंह ने लिखाया है। पुलिस ने एफआईआर नम्बर 157 के तहत दोनों पत्रकारों पर धारा 153-A, 353, 7 व 67 में मुकदमा दर्ज किया है।

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