UP : घर में टीवी देख रही नाबालिग से रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने किया दुष्कर्म, पहले भी विवादों से बटोर चुका है सुर्खियां

देर रात लड़का वहां से चला गया, लेकिन लड़की मां के पास नहीं पहुँची। कुछ देर बाद मां जब वहां पहुँची तो दरवाजा खोलकर देखा तो उसके होश उड़ गये। दिनेश उसकी बेटी से दुष्कर्म कर रहा था...

Update: 2021-08-10 03:10 GMT

जनज्वार, कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) स्थित चकेरी निवासी एक रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने घर पर काम करने वाली महिला की 13 वर्षीय नाबालिग बेटी को हवस का शिकार बना डाला। आरोपी इंस्पेक्टर को लड़की की मां ने खुद रंगे हाथों पकड़ा। देर शाम पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।

डीसीपी ईस्ट (DCP East) अनूप कुमार सिंह ने बताया कि, 'मूलरूप से प्रयागराज के रहने वाले रिटायर्ड इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी का चकेरी में मकान है। यहां उसका परिवार नहीं रहता, बल्कि उसने एक परिवार को मकान की देखरेख के लिए रखा हुआ है। डीसीपी के मुताबिक रविवार को दिनेश घर पर आया था।

दिनेश के मकान में रहने वाले परिवार के दो बच्चे हैं। एक बेटा व 13 साल की बेटी दिनेश के कमरे में टीवी (TV) देख रहे थे। देर रात लड़का वहां से चला गया, लेकिन लड़की मां के पास नहीं पहुँची। कुछ देर बाद मां जब वहां पहुँची तो दरवाजा खोलकर देखा तो उसके होश उड़ गये। दिनेश उसकी बेटी से दुष्कर्म कर रहा था। बेटी को उसके चंगुल से छुड़ाकर पुलिस को सूचना दी गई।'

पहले भी विवादित रहा है इंस्पेक्टर 

बताया जाता है कि बाबूपुरवा थानेदार रहते हुए दिनेश त्रिपाठी ने दिवंगत सपा नेता अमर सिंह, अमिताभ बच्चन, अनिल अंबानी आदि पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर दिया था। 2011 में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की पीआईएल दाखिल करने वाले संजीव अवस्थी को नकली करेंसी मामले में जेल भेज दिया था। इसी तरह कानपुर देहात में एक शिक्षा अधिकारी को फर्जी मुकदमें में फंसाकर जेल भेजा था। इन मामलों में दिनेश पर मुकदमा भी हुआ था।

कांग्रेस नेता को फंसाने पर गया था जेल 

विवादित इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी ने कांग्रेसी नेता को नकली नोट केस में फंसाने के बाद चर्चा में आ गया था। 2 फरवरी 2011 को कांग्रेसी नेता दिनेश अवस्थी सहित उनके दो ड्राइवरों को चकेरी एयरपोर्ट से 4.21 लाख रूपये के जाली नोटों के साथ पकड़ा था। पुलिस का दावा था इनके पास से हजार व पांच सौ के नकली नोट पकड़े गये हैं। 17 जुलाई 2013 को जस्टिस एचएल दत्तू व जस्टिस एस ए बोबड़े ने यूपी सरकार से केस की स्टेटस रिपोर्ट मांगी। जांच में मामला फर्जी निकला था। ईओडब्ल्यू ने पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। एक साल से जादा समय तक फरारी काटने के बाद दिनेश ने अदालत में समर्पण किया था।

रायपुरवा में महिलाओं को पीटा था 

रायपुरवा इंस्पेक्टर रहे दिनेश त्रिपाठी ने एक साफ छवि वाले परिवार की पार्टी में मय फोर्स धावा बोल दिया था। वहां फोर्स के साथ परिवार की महिलाओं को पीटा था। पूरा विवाद पार्टी में तेज आवाज डीजे बजाने की शिकायत को लेकर शुरू हुआ था। मामले में त्तकालीन डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह के हस्तक्षेप के बाद सुलझा था।

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