Varanasi : भूख से बिलखती बच्ची को रोटी देने पर भाई की हत्या, पति को बचाने दौड़ी पत्नी का भी सिर हथौड़े से कुचला, मौत

Varanasi : थोड़ी दूर बैठी मां जुलेखा, बिलखते हुए बार-बार यही कह रही थी कि, रोटी के एक टुकड़े के लिए भाई-भाई का हत्यारा बन गया। तुमने बहुत बड़ा गुनाह कर दिया निजाम...

Update: 2021-09-26 21:36 GMT

अपने 3 माह के बच्चे के साथ मतक नासिर व खुशबू (file photo)

Varansi (जनज्वार) : 7 साल की शाइस्ता खाने के लिए रो रही थी। सामने बैठी खुशबू से देखा नहीं गया। उसने एक थाली में रोटी-सब्जी परोसकर भूख से रोती शाइस्ता को दे दी। बस इतने में कत्लेआम (Murder) हो गया। थोड़ी दूर बैठी, मां जुलेखा बिलखते हुए यही कह रही थी कि, रोटी के एक टुकड़े के लिए भाई-भाई का हत्यारा (Varanasi Double Murder) बन गया। तुमने बहुत बड़ा गुनाह कर दिया निजाम। यही कहते हुए मां जुलेखा बार-बार बेसुध हो जा रही थी।

दरअसल, वाराणसी (Varanasi Double Murder) के थाना लोहता रहीमपुर नई बस्ती इलाके में रविवार 26 सितंबर की सुबह बड़े भाई ने अपने छोटे भाई और उसकी पत्नी की हथौड़े से कुचलकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी बड़ा भाई और उसकी पत्नी घर से फरार हो गये। घरेलू कलह और आपसी क्षगड़े में हुई हत्या की सूचना पाकर पहुंची लोहता पुलिस सहित फॉरेंसिक टीम ने मौके से सबूत जुटाए हैं।

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थाना लोहता पुलिस ने बताया कि, भदोही के स्वर्गीय महबूब अली का परिवार छह-सात साल पहले आकर लोहता की इस रहीमपुर नई बस्ती में बस गया था। महबूब अली के पांच लड़के हैं। जिसमें एक दुबई (Dubai) रहता है, चार रहीमपुर नई बस्ती में रहते हैं। बेटों में तीसरे नंबर का नियाज भदोही में हुई एक वारदात मामले में जेल में बंद है। घर में बड़ा भाई निजामुद्दीन समेत निसार व नसीर रहते हैं।

घर में निजामुद्दीन और निसार (Nijamuddin-Nisar) के बीच पिछले कई महीने से मनमुटाव चल रहा था। रविवार सुबह नौ बजे निजामुद्दीन उर्फ मुन्ना की 7 वर्षीय बेटी शाइस्ता खाना मांग रही थी तो 35 वर्षीय निसार उर्फ सीपू की 30 वर्षीय पत्नी खुशबू ने उसे थाली ले जाकर रोटी-सब्जी परोस दी। जबकि दोनों भाइयों का रसोईघर अलग-अलग है। यह देखते ही निजामुद्दीन और उसकी पत्नी शहजादी ने खुशबू (Sahjadi-Khushbu) का विरोध किया और कहा कि, तुमने मेरी बेटी को खाना कैसे परोस दिया। 

पड़ोसियों के मुताबिक, निजामुद्दीन के परिवार से मोहल्ले में किसी से बनती नहीं थी। हालांकि पावरलूम का काम करने वाला छोटा भाई निसार उर्फ सीपू मिलनसार और हमेशा दूसरों की मदद करने की प्रवृत्ति का बताया जाता है। दोनो भाइयों में विवाद था, लेकिन मृतक निसार और खुशबू निजामुद्दीन के बच्चों के लिए कोई रंज नहीं रखते थे। बिलखते हुए मां जुलेखा बार-बार यही कह रही थी कि, रोटी के टुकड़े के लिए भाई-भाई का हत्यारा बन गया।

वहीं, इस वारदात को अंजाम देने के बाद निजामुद्दीन और उसकी पत्नी शहजादी मौके से फरार हो गए हैं। एसपी ग्रामीण अमित कुमार (SPRA  Amit Kumar) ने बताया कि 'निजामुद्दीन और उसकी पत्नी शहजादी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। गिरफ्तारी के लिए दो टीमें गठित की गई हैं। उम्मीद है हम घटना के मुजरिमों तक जल्द ही पहुँचेगे।'

भूखी बच्ची शाइस्ता को मात्र खाना देने पर हुए विवाद पर निसार ने बीच में पड़कर समझाने का प्रयास भी किया। लेकिन, तभी निजामुद्दीन ने एक धारदार रॉड से निसार की गर्दन पर जानलेवा वार कर दिया। इसके बाद उसने पास में रखे हथौड़े से उसके सिर पर वार किया। पति को बचाने दौड़ी खुशबू के सिर में भी निजामुद्दीन ने हथौड़े का भरपूर वार किया। जिससे निसार और उसकी पत्नी खुशबू (Nisar-Khushbu) लहूलुहान होकर गिर पड़े। 

चीख पुकार सुनकर पड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे और खून से लथपथ दंपती को बीएचयू स्थित ट्रामा सेंटर (Trauma Centre BHU) भिजवाया, लेकिन अस्पताल पहुँचने से पहले ही दोनो ने रास्ते में ही  दम तोड़ दिया। निसार और खुशबू की दो संतान, जिनमें 4 साल का फैजान और 3 महीने की आफसा है। बच्चों की परवरिश कौन करेगा, यह कहते हुए बूढ़ी मां जुलेखा बेसुध हो जा रही थी। वहीं, खुशबू के मायके से भी परिजन पहुंच चुके थे।

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