बहुचर्चित अभया हत्याकांड मामले में 28 साल बाद आज फैसला सुनाएगी CBI अदालत, पादरी के साथ तीन अन्य आरोपी

नन अभया हत्याकांड मामले में पुथेनपुरकल द्वारा मामले को दूसरी बार फिर से खोलने में कामयाब होने के बाद बदलाव आया, जिसके बाद सीबीआई अधिकारियों के 13वें बैच ने 19 नवंबर, 2008 को पूथृक्कयिल सहित तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया...

Update: 2020-12-22 04:50 GMT

photo : Social Media

तिरुवनंतपुरम। केरल के बहुचर्चित नन (सिस्टर) अभया 'हत्या' मामले में 28 साल बाद यहां सीबीआई की विशेष अदालत मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगी। इस चर्चित मुकदमे का सामना कर रहे कैथोलिक पादरी थॉमस एम. कोट्टुर पहले आरोपी हैं और एक नन सेफी तीसरी आरोपी हैं।

साल 2018 में मामले के दूसरे आरोपी एक अन्य कैथोलिक पादरी जोस पूथृक्कयिल को अदालत ने बरी कर दिया था। कोट्टायम में पायस एक्स कॉन्वेंट की एक नन अभया को 27 मार्च 1992 को परिसर के भीतर के कुएं में मृत पाया गया था।

इस मामले को क्राइम ब्रांच और सीबीआई ने शुरूआत में आत्महत्या करार देते हुए खारिज कर दिया था, लेकिन एक कार्यकर्ता जोमन पुथेनपुरकल ने एक एक्टन काउंसिल का गठन किया, जिसके बाद मामला आगे बढ़ा।

पुथेनपुरकल द्वारा मामले को दूसरी बार फिर से खोलने में कामयाब होने के बाद बदलाव आया, जिसके बाद सीबीआई अधिकारियों के 13वें बैच ने 19 नवंबर, 2008 को पूथृक्कयिल सहित तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

पूथृक्कयिल पूर्व में कोट्टायम कॉलेज में एक मलयालम प्रोफेसर थे, जहां अभया ने अध्ययन किया था, जबकि कोट्टुर कोट्टायम में कैथोलिक चर्च के डायोकेसन चांसलर थे और सेफी कॉन्वेंट निवासी थी, जहां यह घटना घटी थी। तीनों आरोपियों को एक जनवरी, 2009 को जमानत दे दी गई थी।

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