गर्भवती को खाट पर टांग कर अस्पताल में भर्ती कराने 9 किमी पैदल चले ग्रामीण
नौ किमी पैदल चलने के बाद भी जब एंबुलेंस नहीं आयी तो आखिरकार आदिवासी समुदाय के लोगों को ऑटो का सहारा लेना पड़ा...
जनज्वार। सड़क निर्माण की कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के बाद भी आज भी हजारों ऐसे गांव हैं जो इससे जुड़ नहीं सके हैं। ऐसे गांवों में आदिवासी समुदायों के गांवों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। उत्तर भारतीय राज्यों की तुलना में अपेक्षाकृत विकसित माने जाने वाले आंध्रप्रदेश में भी ऐसी ही स्थिति है।
आंध्रप्रदेश के विजियानागरम में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर नौ किलोमीटर पैदल चल कर लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। लोग उक्त महिला को खाट पर लेटा कर और उसे टांग कर अस्पताल के लिए ले गए।
विजियानागरम में रहने वाली कस्तूरी देवुदम्मा को प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन सड़क से गांव के नहीं जुड़े होने की वजह से एंबुलेंस वहां नहीं पहुंच सकती थी, ऐसे में आदिवासी समुदाय को लोगों ने महिला को ले जाने के लिए खाट में टांगकर अस्पताल जाने का रास्ता चुना।
नौ किलोमीटर पैदल चलने के बाद ग्रामीण दबबगुनता पहुंचे। यहां डेढ घंटे के इंतजार के बाद भी जब एंबुलेंस नहीं पहुंची तो आॅटो से उक्त महिला को श्रृंगवेरपु कोटा जीजीएच ले गए और वहां भर्ती कराया।
जानकारी के अनुसार, 10 दिन में तीसरी बार आंध्रप्रदेश में इस तरह से मरीज को अस्पताल ले जाया गया। इससे 27 अगस्त व 5 सितंबर को ऐसा किया गया था और अब 9 सितंबर को ऐसा किया गया।