कौन हैं फैसल खान जिनके नाम पर मचा है इतना बवाल, मंदिर में नमाज पढ़ने पर UP पुलिस ने किया गिरफ्तार
सोशलिस्ट पार्टी ने कहा, हिन्दू धर्म गुरु बतलाएं कि वे उदारवादी मुसलमानों की मुखालफत करके कट्टरवाद को क्यों बढ़ावा देना चाहते हैं...
सोशलिस्ट पार्टी ने कहा, मंदिर प्रांगण में नमाज़ अदा करते हुए फैसल खान व चांद मोहम्मद की फोटो जब सार्वजनिक हुई तो ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने दुर्भावना से मंदिर के पुजारी को पुलिस से शिकायत करने को कहा, इसीलिए घटना के तीन दिन बाद 1 नवम्बर को प्राथमिकी दर्ज हुई...
इंदौर। खुदाई खिदमतगार के प्रमुख फैसल भाई को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की सोशलिस्ट पार्टी इंडिया मध्यप्रदेश ने कड़ी निंदा करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है।
पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री एवं महासचिव दिनेशसिह कुशवाह ने कहा कि फैसल भाई पूरे देश में सद्भाव की एक मिसाल है और उनका हर काम हिंदू मुस्लिम एकता के लिए ही रहता है और इसी के तहत वे अपने अन्य साथियों के साथ ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा पर निकले थे।
उन्होंने कहा एक ऐसी शख्सियत, जो साम्प्रदायिक सद्भावना बढ़ाने के लिए दिन-रात काम कर रहा हो, जिसने सबका घर बनाकर सभी धर्मों, जातियों के लोगों के लिए साथ रहने और खाने की व्यवस्था शुरू की हो, जो घोषित गांधीवादी और समाजवादी हो, जिसने शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए सैकड़ों यात्राएं की हों ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाना बतलाता है कि योगी सरकार सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वालों को पुरस्कृत कर रही है तथा सर्वधर्म सद्भाव को बढ़ावा देने वालों को प्रताड़ित कर रही है।
आपने देश के धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले संगठनों से अपील है कि वे उत्तर प्रदेश सरकार की दमनात्मक और असंवैधानिक कार्यवाही का विरोध करें। हिन्दू धर्म गुरु बतलाएं कि वे उदारवादी मुसलमानों की मुखालफत करके कट्टरवाद को क्यों बढ़ावा देना चाहते हैं?
सोशलिस्ट पार्टी इंडिया की मध्य प्रदेश इकाई फैसल खान की तत्काल बिना शर्त रिहाई और चांद मोहम्मद, आलोक रत्न और नीलेश गुप्ता पर दर्ज फर्जी मुकदमों को रद्द करने की मांग। करती है। सोशलिस्ट पार्टी इंडिया की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री एवं महासचिव दिनेश सिंह कुशवाह ने बताया कि फैसल खान ने अपनी सारी जिंदगी साम्प्रदायिक सद्भावना के काम के लिए लगा दी है। लोगों के बीच में शांति और सौहार्द बना रहे इसके लिए न जाने उन्होंने कितनी यात्राएं की हैं, सिर्फ भारत के अंदर ही नहीं बल्कि भारत से पाकिस्तान के बीच भी।
फैसल खान अगर कुरान की आयतें पढ़ते हैं तो उतनी ही आसानी से रामचरितमानस की चौपाई भी पढ़ते हैं। वे मस्जिद में नमाज़ अदा करते हैं, तो मंदिर में प्रसाद ग्रहण कर पुजारी से आशिर्वाद भी लेते हैं। पिछले वर्ष उन्होंने अयोध्या में सरयू आरती में भी हिस्सा लिया। 2018 में जाने-माने संत मुरारी बापू ने उन्हें अपने स्थान महुआ बुलाकर सद्भावना पर्व पर पुरस्कार दिया और अपनी सभा में बोलने का मौका भी दिया।
खान से रामचरित मानस के दोहे व चौपाई सुनकर मुरारी बापू इतने गदगद हो गए कि उन्होंने कहा कि वे एक दिन फैसल खान द्वारा जामिया मिल्लिया के निकट गफ्फार मंजिल में, किसी भी प्रकार के भेदभाव के कारण शहीद हुए लोगों को समर्पित, 'सबका घर' जो फैसल खान द्वारा स्थापित किया गया है, देखने ज़रूर आएंगे। 'सबका घर' साम्प्रदायिक सद्भावना की एक मिसाल है जहां विभिन्न धर्मों को मानने वाले एक साथ रहते हैं और होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस सभी त्योहार सब मिलकर मनाते हैं।
हाल में फैसल खान ने चांद मोहम्मद, आलोक रतन व निलेश गुप्ता को लेकर बृज में 84 कोस की परिक्रमा की और इसी यात्रा के दौरान मथुरा के नंद बाबा मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। मंदिर में प्रसाद ग्रहण किया व पुजारी को रामचरितमानस की चौपाइयां सुनाईं। पुजारी ने प्रसन्न होकर उन्हें मंदिर प्रांगण में ही नमाज़ अदा करने की अनुमति दे दी।
यह घटना 29 अक्तूबर, 2020 की है। मंदिर प्रांगण में नमाज़ अदा करते हुए फैसल खान व चांद मोहम्मद की फोटो जब सार्वजनिक हुई तो ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने दुर्भावना से मंदिर के पुजारी को पुलिस से शिकायत करने को कहा, इसीलिए घटना के तीन दिन बाद 1 नवम्बर को प्राथमिकी दर्ज हुई। चारों यात्रियों पर भारतीय दंड संहिता की धाराएं 153ए, 295 व 505 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। 2 नवम्बर, 2020 को करीब चार बजे उत्तर प्रदेश पुलिस उन्हें दिल्ली में गिरफ्तारी के बाद मथुरा ले गई।
फैसल खान अयोध्या के रामजानकी मंदिर, दुराही कुआं, सरजू कुंज स्थित सर्व धर्म सद्भाव केन्द्र न्यास के न्यासी भी हैं। आचार्य युगल किशोर शास्त्री के इस मंदिर को एक सर्वधर्म सद्भाव केन्द्र के रूप में विकसित करने की योजना है। इस मंदिर में फैसल खान ने कई बार आकर नमाज़ अदा ही है और यहां किसी को कोई आपत्ति नहीं होती। इस मंदिर में सभी धर्मों को मानने वाले व दलित समेत सभी जातियों का स्वागत होता है। इस मंदिर में लंगर का आयोजन होता है जिसकी संचालन समिति के अध्यक्ष फैजाबाद के दानिश अहमद हैं। धर्म का तो उद्देश्य ही यही है कि लोगों को मिल जुलकर रहने का संदेश दे। धर्म को यदि कोई झगड़े का आधार बनाता है तो वह धार्मिक कृत्य नहीं है।
सोशलिस्ट पार्टी ने बयान जारी कर कहा हम समाज से अपेक्षा करते हैं कि फैसल खान को ठीक से समझे और सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने के प्रयासों का साथ दे न कि उनका जो समाज को अपने निहित स्वार्थ हेतु बांटना चाहते हैं। हम यह भी मांग करते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार व पुलिस अपनी गलती को सुधारते हुए फैसल खान व उनके साथियों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लें व फैसल खान को ससम्मान रिहा करें।