यही हैं साहब..जिन्होने मेरी जिंदगी नर्क बना दी- भिखारी गैंग की आवाज सुनकर दहशत में आया सुरेश मांझी चीखकर बोला

Kanpur News: यूपी के कानपुर में भिखारी गैंग के सरगना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गैंग की यातनाओं का शिकार हुए नौबस्ता के सुरेश मांझी से इनका सामना कराया गया। सामना होने के बाद आरोपियों ने जैसे ही जुबान खोली..जिसे सुनकर सुरेश चौंककर दहशत में आ गया...

Update: 2022-11-09 06:47 GMT

गिरफ्तार किये गये भिखारी गैंग के सदस्य

Kanpur News: यूपी के कानपुर में भिखारी गैंग के सरगना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गैंग की यातनाओं का शिकार हुए नौबस्ता के सुरेश मांझी से इनका सामना कराया गया। सामना होने के बाद आरोपियों ने जैसे ही जुबान खोली..जिसे सुनकर सुरेश चौंककर दहशत में आ गया। पीड़ित ने उन्हें तुरत पहचान लिया। सुरेश ने पुलिस को बताया कि यही लोग हैं, जिन्होने उसकी जिंदगी नर्क बना दी। 

इस दौरान पुलिस फरार आरोपी विजय की मां को भी सुरेश के सामने लाई। यातनाओं में अपनी आंखें खो चुके सुरेश ने उसे भी आवाज सुनकर पहचान लिया। सुरेश मांझी इस समय हैलट में भर्ती है। उसकी एक आंख की रोशनी पूरी तरह से चली गई है। उम्मीद है शायद रोशनी लौट आये। फिलहाल, वह देख नहीं सकता। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के बाद शिनाख्त के तौर पर सुरेश को आवाज सुनाई थी। 

रेश मांझी इस समय हैलट में भर्ती है उसकी एक आंख की रोशनी पूरी तरह से चली गई है

क्या बोला सुरेश मांझी? 

जैसे ही सुरेश को पता चला की पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है..तब उसकी जान में जान आई। उसने पुलिस से कहा, साहब यही सब लोग हैं...जिन्होने मेरा ये हाल किया है। इतना तड़पाया, प्रताड़ित किया कि जिंदा रहने की उम्मीद खत्म हो गई थी। पता नहीं कैसे मेरी सांसें चलती रहीं। ये बातें सुनकर आरोपी खामोश रहे, क्योंकि उनकी करतूतें उजागर हो रही थीं।

क्या कहा आरोपियों ने?

गिरफ्तार किये गये आरोपियों ने पुलिस को बताया कि विजय ने अपने काफी दिनों तक सुरेश को अपने घर पर रखा था। उसकी बहन तारा कोई जड़ी-बूटी लेकर आती थी। उसी जड़ी-बूटी से निकला एक तरल पदार्थ सुरेश की आंखों में डाला जाता था। जिसके चलते सुरेश की आंखों की रोशनी धीरे-धीरे चली गई। पुलिस अब तारा की भूमिका की भी जांच कर रही है। 

इस दिन कानपुर में छोड़ा  

राज ने बताया कि सुरेश को दिल्ली के नागलोई में रखा था। उसे फुटपाथ पर सुलाते थे। सुबह नींद खुलते ही कभी सड़क पर तो कभी चौराहे पर भीख मांगने के लिए छोड़ देते थे। शाम को वापस ले आते थे। जो पैसे मिलते थे वह उसे खुद रख लेता था। जब तबियत खराब हुई तो इलाज कराया। इलाज में रूपये अधिक लगने पर 30 अक्टूबर को कानपुर लाकर छोड़ दिया था। 

फरार हुआ अपाहिज व अंधा बनाने वाला विजय 

30 साल के सुरेश मांझी को नौकरी का झांसा देकर बंधक बनाने वाला विजय फरार है। पुलिस उसकी तलाश में लगी हुई है। अंधा व अपाहिज बनाने वाले राज नागर व उसकी मां को पुलिस ने देर रात गिरफ्तार कर लिया, जिनसे पूछताछ जारी है। पुलिस का कहना है कि गिरोह बड़ा है। उन तक अभी पुलिस पहुँच नहीं सकी है। वहीं, सुरेश को बेचने वाले फरार विजय की तलाश में पुलिस की तीन टीमें लगाई गईं हैं। 

इस मामले में DCP साउथ अंकिता शर्मा ने जनज्वार को बताया कि, सुरेश ने राज नागर, उसकी मां आशा व फरार आरोपी विजय की मां को आवाज से पहचान लिया है। चूंकी सुरेश को दिखाई नहीं देता इसलिये आवाज से शिनाख्त कराई गई है। एक आरोपी विजय जोकि अभी फरार है उसकी तलाश के लिए पुलिस की तान टीमें लगाई गई हैं। 

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