Yogiraj : 7 दिन में 7 हत्याओं से दहला गोरखपुर, जिन्ना-जिन्ना कर रहे योगीराज में कानून का इकबाल खत्म

Yogiraj : सीएम योगी के गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर में एक सप्ताह के भीतर सात लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं।

Update: 2021-12-01 07:52 GMT

Yogiraj : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के खुद के गृहराज्य गोरखपुर (Gorakhpur) में कानून का इकबाल खत्म हो गया है। बावजूद इसके वह पूरे प्रदेश में जिन्ना की छतरी खोलकर घूम रहे हैं। गोरखपुर के भीतर पिछले 7 दिनों में 7 हत्याएं हो चुकी हैं। बता दें कि इन सभी हत्याओं में पुलिस का रोल भी कम हैरान कर देने वाला नहीं रहा है।

28 नवंबर को गोरखनाथ इलाके के 10 नंबर बोरिंग में शादी समारोह के दौरान दुल्हन के चचेरे भाई की पीट- पीटकर हत्या कर दी गई। 28 नवंबर को ही झंगहा इलाके में चाचा-भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई। परिवार वालों का आरोप था कि पुलिस सूचना के दो घंटे बाद पहुंची। चाचा-भतीजे की हत्या मामले में एसएसपी ने चौकी प्रभारी गोबड़ौर दिनेश कुमार साहनी को सस्पेंड कर दिया था।

ताबड़तोड़ वारदातों से खौफ में गोरखपुर

22 नवंबर

बड़हलगंज के सिधुआपार में थाईलैंड से आई 37 वर्षीय महिला पुष्पा देवी की बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में 5 पट्टीदारों के नामजद होने के बाद भी अब तक एक की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

24 नवंबर

रामगढ़ताल इलाके के रामपुर में 11वीं के छात्र अंकुर शुक्ला की पीट- पीटकर हत्या की दी गई। पीड़ित परिवार बदमाशों के खौफ से घर छोड़कर पलायन कर रहा है। हालांकि इस मामले में एक आरोपी नाटकीय ढंग से कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जबकि दूसरे एक अन्य आरोपी को ​पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में चल रहे विवाद में तत्कालीन इंस्पेक्टर जेएन सिंह ने जबरदस्ती दोनों पक्षों से सुलह करा दिया था।

26 नवंबर

खोराबार इलाके के चांदमारी के ठीक सामने कुसम्ही जंगल में एक युवक की बेरहमी से हत्या कर फेंकी गई लाश मिली। लाश की पहचान तक नहीं हो सकी।

26 नवंबर

कोतवाली इलाके के होटल गंगेज के पास विवाहित बहन को पिटाई से बचाने के लिए मायके पहुंचे भाई की जीजा ने चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी। सोमवार को मृतक के बहनोई अजय जायसवाल और उसकी मां सुभद्रा देवी को गिरफ्तार किया है।

28 नवंबर

गोरखनाथ इलाके के 10 नंबर बोरिंग में शादी समारोह के दौरान दुल्हन के चचेरे भाई की पीट- पीटकर हत्या की दी गई। इसके बाद हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पीड़ित परिवार ने लाश चिलुआताल बालापार टिकरिया मार्ग पर रखकर सड़क जाम कर दिया।

28 नवंबर

झंगहा इलाके के जददुपुर गांव में चाचा और भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जबकि तीन अन्य लोग बुरी तरह घायल है। इस घटना की सूचना के दो घंटे बाद भी पुलिस नहीं पहुंची। जिसकी वजह से हत्या हो गई। सोमवार को एसएसपी ने चौकी प्रभारी गोबड़ौर दिनेश कुमार साहनी को सस्पेंड किया। हालांकि, पुलिस ने मुख्य आरोपी गुलशन और विकास को सोमवार 29 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया था।

गौरतलब है कि हिन्दू बनाम मुस्लिम की राजनीति कर रहे सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के लिए एक लंबी कतार है जो यह कह रही कि वे अफसरशाही पर लगाम नहीं लगा पा रहे. लगातार कानून व्यवस्था में सुधार के आंकड़े पेश करने वाली भाजपा सरकार के शाशन में कानून व्यवस्था चरमरा चुकी है, और इस कानून व्यवस्था की चरमराहट अकेले गोरखपुर ही नहीं बल्कि मथुरा, कानपुर, लखीमपुर, पीलीभीत और उन्नाव जैसे जनपदों से भी सुनाई दे रही है।

इन सभी हत्याओं में मारे गए लोग हिन्दू हैं। अब शायद सरकार और उनके मातहत हिंदुओं को कमजोर बताने की राजनीति भले ही करें लेकिन इतना तो तय है कि पूर्वांचल के ब्राह्मण भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार से नाखुश है। अंकुर शुक्ला नाम के नवयुवक की हत्या के बाद उसके बड़े भाई और पिता पर पुलिस ने जिस तरह का व्यवहार किया वह आगे की लड़ाई यानी 2022 चुनाव में भाजपा की तैरती नाव में सुराख जरूर कर सकती है।

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