YouTube के अश्लील ऐड में भटककर फेल हुआ छात्र पहुंचा SC, Google से मांगा 75 लाख रूपये का मुआवजा

YouTube Video: याचिकाकर्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नग्नता को भी प्रतिबंधित करने की मांग की। पीठ ने संज्ञान लिया की याचिकाकर्ता ने दावा किया है, वह परीक्षा की तैयारी कर रहा था और उसने यू-ट्यूब सब्सक्राइब किया हुआ है...

Update: 2022-12-09 12:10 GMT

YouTube के अश्लील ऐड में भटककर फेल हुआ छात्र पहुंचा कोर्ट, Google से मांगा 75 लाख रूपये का मुआवजा

YouTube Video: सुप्रीम कोर्ट के सामने एक अजीबो-गरीब मामला पहुंचा। एक व्यक्ति ने YouTube पर दिखाये जाने विज्ञापनों को लेकर Google इंडिया से 75 लाख रूपये का मुआवजा मांगा है। हालांकि अदालत ने YouTube पर दिखाए जाने वाले ऐड को लेकर मुआवजे की मांग वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। इतना ही नहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25000 रूपये का जुर्माना भी लगाया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

Supreme Court ने याचिका खारिज करते हुए मध्य प्रदेश के रहने वाले याचिकाकर्ता की याचिका को उद्दंडतापूर्ण करार दिया। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि विज्ञापनों के कारण उसका ध्यान भटक गया और वह प्रतियोगी परीक्षा पास नहीं कर सका। Google के स्वामित्व वाला यू-ट्यूब वीडियो प्रसारित करने वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। न्यायमूर्ति संजय K कौल और न्यायमूर्ति एएस ओका ने पीठ के समक्ष पेश हुए याचिकाकर्ता से पूछा, 'आप मुआवजा इसलिये चाहते हैं क्योंकि आपने इंटरनेट पर विज्ञापन देखे और आपका कहना है कि ध्यान भटकने के कारण आप परीक्षा पास नहीं कर सके?' पीठ ने कहा संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिकाओं में यह सबसे उद्दंडतापूर्ण है।' अदालत ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं न्यायिक समय की बर्बादी है। 

अश्लील विज्ञापन ना देखते- कोर्ट   

याचिकाकर्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नग्नता को भी प्रतिबंधित करने की मांग की। पीठ ने संज्ञान लिया की याचिकाकर्ता ने दावा किया है, वह परीक्षा की तैयारी कर रहा था और उसने यू-ट्यूब सब्सक्राइब किया हुआ है, जहां उसने कथित रूप से अश्लील सामग्री वाले विज्ञापन देखे। पीठ ने कहा कि, अगर आपको विज्ञापन पसंद नहीं आया तो उसे मत देखें। 

अदालत ने लगाया जुर्माना 

शुरूआत में पीठ ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया। बाद में याचिकाकर्ता के अनुरोध पर न्यायालय ने उसे माफ करते हुए जुर्माना हटा दिया। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि वह बेरोजगार है। पीठ ने कहा कि वह यूं ही न्यायालय आकर सिर्फ पब्लिसिटी के लिए ऐसी याचिका दायर नहीं कर सकता है। इसके बाद पीठ ने जुर्माने की राशि को एक लाख से घटाकर 25 हजार रूपये कर दिया।  

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