Maoist Attack : माओवादियों ने दिखाई ताकत : विष्णुगढ़ में मोबाइल टॉवर उड़ाया, डुमरी व मधुबन के सरकारी परिसरों में फहराया काला झंडा

Maoist Attack : भाकपा माओवादी द्वारा प्रशांत बोस व शिला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में 21 जनवरी से 26 तक प्रतिरोध दिवस व 27 को एक दिवसीय बन्द का आह्वान किया गया है, प्रतिरोध दिवस का पहला दिन ही विस्फोट की घटना से पूरा पीरटांड़, मधुबन व खुखरा क्षेत्र दहशत में है.....

Update: 2022-01-26 11:07 GMT

(माओवादियों ने विष्णुगढ़ में मोबाइल टॉवर उड़ाया)

विशद कुमार की रिपोर्ट 

Maoist : भाकपा माओवादी (CPI Maoist) संगठन ने केंद्रीय कमेटी व पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस (Prashant Bose) तथा पत्नी केंद्रीय कमेटी सदस्य शीला मरांडी (Sheela Marandi) की गिरफ्तारी व जेल यातनाओं के विरुद्ध में बिहार झारखण्ड स्पेशल एरिया कमेटी भाकपा माओवादी ने 21 से लेकर 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस तथा 27 जनवरी को 24 घंटे के लिए झारखण्ड बिहार बंद (Jharkhand-Bihar Shutdown) का आह्वान किया।

इसी कड़ी में गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर झारखंड के अलग-अलग जिलों में नक्सलियों ने दुस्साहस का परिचय दिया है। अलग-अलग इलाकों में नक्सलियों की ओर से काला झंडा फहराया गया है। कई सरकारी इमारतों और परिसर में गणतंत्र के विरोध स्वरूप काला झंडा (Black Flag) लगाया गया है। एक तरफ हजारीबाग के बिष्णुगढ़ (Vishnugarh) में मोबाइल टॉवर उड़ाया गया। वहीं गिरिडीह के डुमरी व मधुबन इलाके में झंडा लगाया गया है।


बता दें कि आज 26 जनवरी की सुबह बिष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के खरकी में माओवादियों (Maoist) ने मोबाइल टावर के समीप लगाए गए उपकरणों को उड़ा दिया। प्रखंड मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर माओवादी ने इस घटना का अंजाम दिया है। विस्फोट से टावर को भी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा कुछ दूर पर स्थित उत्क्रमित खरकी विद्यालय में बम लगा दिया था। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची CRPF की टीम ने बम को निष्क्रिय कर दिया है। इसके अलावा यहां पर काला झंडा भी लगाया गया था। उसे उतार दिया गया है। घटना की सूचना के बाद पुलिस वहां कैंप कर रही है। जंगल क्षेत्र में छापेमारी की जा रही है। इसके अलावा मडमो के विद्यालय में काला झंडा लगाया गया है।

वहीं गिरिडीह के डुमरी और मधुबन इलाके में नक्सलियों ने काला झंडा फहराया है। डुमरी थाना क्षेत्र अमरा पंचायत सचिवालय के सामने नक्सलियों ने बीती रात काला झंडा फहराया है। 26 जनवरी की सुबह देर तक काला झंडा पंचायत सचिवालय के मुख्य द्वार के सामने कुछ दूरी पर लगाया गया था। झंडे के नीचे और सचिवालय के मुख्य दरवाजे पर्चा भी छोड़ा गया है। इसमें बिहार झारखण्ड स्पेशल एरिया कमेटी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी की ओर से पार्टी के टॉप लीडर प्रशांत बोस और शीला दी को समुचित स्वास्थ्य सुविधा देने, राजनीति बंदी का दर्जा देने, बिना शर्त रिहा करने की मांग की गई है। इसके अलावा सरकार के खिलाफ जन प्रतिरोध आंदोलन को जोरदार करने की बात कही गई है।

गिरिडीह जिले के ही मधुबन थाना क्षेत्र के जयनगर व दलान चलकरी के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में नक्सलियों द्वारा काला झंडा फहराया गया। पोस्टर भी चिपकाया गया है। इसमें 27 जनवरी को पूर्व घोषित बिहार झारखंड बंद को को सफल बनाने का आह्वान किया गया। बताया जा रहा है कि किशन दा की रिहाई सहित अन्य मांगों को लेकर नक्सलियों की ओर से 21 जनवरी से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस मनाने की घोषणा की गई है।


बता दें कि बिहार झारखण्ड स्पेशल एरिया कमेटी द्वारा कहा गया है कि प्रशांत बोस तथा शीला मरांडी दोनों जीवन साथी हैं। दोनों कई बीमारियों से पीड़ित हैं। लेकिन इन लोगों की गिरफ्तारी के दो माह बाद तक सरकार की ओर से कोई बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया नहीं करायी गयी है। जिसके विरोध में 21 जनवरी से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस और 27 जनवरी को एक दिवसीय बिहार झारखंड बंद का ऐलान किया गया है।

भाकपा माओवादी केंद्रीय कमेटी के पोलित ब्यूरो सदस्य तथा पूर्वी रीजनल ब्यूरो सचिव 77 वर्षीय प्रशांत बोस तथा उनकी पत्नी केंद्रीय कमेटी सदस्या 65 वर्षीय शीला मरांडी की गिरफ्तारी चांडिल स्थित टोल प्लाजा से की गई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत बोस तथा शीला मरांडी लकवा, शुगर, गठिया वात, पीठ दर्द से ग्रसित है। यही नहीं बगैर सहारा न ही उठ पाते हैं न ही बैठ पाते हैं और न ही चल पाते हैं।

उल्लेखनीय है कि भाकपा माओवादी की ओर से घोषित प्रतिरोध दिवस के तीसरे व आज चौथे दिन किसी घटना की सूचना नहीं थी, जबकि प्रतिरोध दिवस के पहले ही दिन 21 जनवरी की रात को झारखंड गिरिडीह जिला अंतर्गत मधुबन थाना क्षेत्र में दो मोबाइल टावर को विस्फोट कर उड़ा दिया गया था। दूसरे दिन 22 जनवरी की रात दस्ते के सदस्यों ने गिरिडीह जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सिंदवरिया पंचायत के बरागढ़हा बराकर नदी पर स्थित पुल पर ब्लास्ट कर क्षतिग्रस्त कर दिया था। इस तीसरी घटना को रात लगभग 2:30 बजे अंजाम दिया गया था।


तीसरी घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। घटनास्थल से नक्सलियों के पर्चे बरामद किए गए। इसमें नक्सली नेता प्रशांत बोस व शिला मरांडी की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई है। इसके अलावा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देने की मांग की गई है।

इससे पहले 21 जनवरी की देर रात को भाकपा माओवादी द्वारा खुखरा व मधुबन थाना क्षेत्र में दो मोबाइल टावर को विस्फोट कर उड़ा दिया गया। मधुबन बाजार से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित आईडिया के टावर को निशाना बनाया गया, तो वहीं खुखरा स्थित जमुआ टांड सड़क के किनारे एयरटेल के टावर को नक्सलियों द्वारा उड़ा दिया गया। खुखरा के जमुआ टांड के एयरटेल टावर के आस पास रहने वाले ग्रामीण बताते हैं कि धमाका इतना शक्तिशाली था कि एक बार के लिए सब घबरा गए। रात्रि के 10 बजे के आस पास हुए इस धमाके से पूरा खुखरा क्षेत्र के लोग के बीच दहशत का माहौल है।वहीं मधुबन थाना क्षेत्र के मधुबन बाजार से जयनगर गांव जाने वाले मार्ग में नक्सलियों द्वारा रात के एक बजे आइडिया टावर को विस्फोट कर उड़ाया गया विस्फोट की आवाज बहुत दूर तक सुनाई दी थी।

वहीं विस्फोट के पश्चात नक्सलियों द्वारा पर्चा भी छोड़ा गया था, जिसमें प्रशांत बोस व शिला मरांडी को रिहा करने व राजनीतिक बन्दी का दर्जा देने का बात कही गई है।

बताते चलें भाकपा माओवादी द्वारा प्रशांत बोस व शिला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में 21 जनवरी से 26 तक प्रतिरोध दिवस व 27 को एक दिवसीय बन्द का आह्वान किया गया है। प्रतिरोध दिवस का पहला दिन ही विस्फोट की घटना से पूरा पीरटांड़, मधुबन व खुखरा क्षेत्र दहशत में है। क्योंकि नक्सल उन्मूलन के नाम पर पुलिसिया दमन का भय भी आम आवाम के जेहन में एक बार फिर दिखाई पड़ने लगा है।

विस्फोट की घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सीआरपीएफ व जिला प्रशासन नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त छापामारी अभियान चला रही थी।पारसनाथ क्षेत्र के तमाम थाना व पुलिस पिकेट को एलर्ट कर दिया गया था। बावजूद 26 जनवरी की घटना को माओवादियों अंजाम देकर अपनी उपस्थिति व ताकत का एहसास करा दिया है।

जबकि सीआरपीएफ तोपचांची की सहायक समादेष्टा विनिता कुमारी ने कहा था कि सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध किया गया है।

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