UP Election 2022 : जनता ने एक और भाजपा विधायक सुरेश राही को दौड़ाया, गए थे वोट मांगने

UP Election 2022 : वोट मांगने पहुंचे भाजपा विधायक सुरेश राही को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा....

Update: 2022-01-21 09:51 GMT

(सीतापुर में भाजपा विधायक को जनता ने उल्टे पांव वापस लौटने पर किया मजबूर)

UP Election 2022 : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों को इन दिनों ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में भाजपा विधायक विक्रम सैनी (Vikram Saini) को गुस्साई जनता ने मुजफ्फरनगर में उल्टे पांव वापस भगा दिया था। अब खबर है कि भाजपा विधायक सुरेश राही (Suresh Rahi) को जनता ने दौड़ा दिया है। सुरेश राही सीतापुर के हरगांव से विधायक हैं। सोशल मीडिया पर विधायक को खदेड़ने का वीडियो वायरल हो रहा है। गांववालों ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी भी की। 

इस दौरान ग्रामीणों ने कहा- विधायक जी पांच साल तक दिखे नहीं, विकास किया नहीं और वोट मांगने पहुंच गए। वीडियो में देखा  जा सकता है कि विधायक जी फॉर्च्यूनर कार से भागते नजर आ रहे हैं, उनके पीछे पीछे गुस्साई जनता। इस दौरान एक ग्रामीण यह कहता हुआ सुनाई दे रहा है कि चलाओ गोली...चलाओ गोली..विधायक सुरेश राही चलाओ गोली।

बता दें कि इससे पहले इसी तरह मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से भाजपा के उम्मीदवार विक्रम सैनी (Vikram Saini) को भी गाड़ी में बैठकर भागना पड़ा था। विक्रम सैनी अपने क्षेत्र के गांव मनव्वरपुर में एक मीटिंग के संबंध में पहुंचे थे। लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें खदेड़ दिया। इसके बाद विक्रम सैनी हाथ जोड़कर भागते हुए नजर आए थे। 

इसके बाद उनका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। वीडियो में गुस्साई भीड़ बार-बार यह कहते हुए सुनाई दे रही थी कि 'विधायक जी इस बार विधायक बनकर दिखा दो', वीडियो में विक्रम सैनी (BJP MLA Vikram Saini) लोगों से घिरे हुए नजर आते हैं जिसके बाद उन्हें बॉडीगार्ड वहां से निकालकर गाड़ी में ले जाता है और फिर वो वहां से चले जाते हैं।

हालांकि विधायक विक्रम सैनी ने बाद में संवाददाताओं से कहा था कि जो लोग उनके दौरे का विरोध कर रहे थे वे शराब के नशे में थे। विक्रम सैनी ने कहा, मनव्वरपुर गांव में सैनी समाज की एक मीटिंग थी जिसमें हिस्सा लेने गए थे वहां दो लड़के थे जिन्होंने शराब पी रखी थी। केवल वहीं विरोध कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वो पहले भी गठबंधन प्रत्याशी राजपाल सैनी के साथ थे और अब भी हैं। केवल दो लोगों ने मेरा विरोध किया बकि गांव मेरे साथ है।

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