Janjwar Exclusive: योगी की मंत्री स्वाति सिंह का पत्ता होगा साफ, विपक्ष की कौन कहे पति दयाशंकर सिंह ही उतरे विरोध में
स्वाति और दयाशंकर सिंह के आपसी संबंध भी काफी खराब रहे हैं। साल 2008 में स्वाति ने पति के खिलाफ मारपीट की शिकायत की थी। उस वक्त नौबत तलाक तक पहुंच गई थी...
मनीष दुबे की रिपोर्ट
Janjwar Exclusive : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में लखनऊ की सरोजिनी नगर विधानसभा (Sarojini Nagar Assembly) सीट से चुनाव जीतकर कैबिनेट मंत्री तक का सफर तय करने वाली स्वाती सिंह (Swati Singh) को क्या अब उनके पति दयाशंकर सिंह (Dayashankar Singh) से ही टक्कर मिलने वाली है। बात चौंकाने वाली जरूर है लेकिन जो इनपुट मिल रहे हैं वह इसी बात की तस्दीक कर रहे हैं। कि 2022 चुनाव में मंत्री पत्नि को पूर्व छात्रनेता रहे पति दयाशंकर से ही मोर्चेबंदी करनी पड़ सकती है।
भाजपा संगठन से ही जुड़े एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर जनज्वार को बताया कि, दयाशंकर की ही देन थी जो स्वाती जीतकर विधायक बनीं। इसके बाद मंत्री पद पा गईं। इधर दयाशंकर की राजनीतिक महत्वकांक्षाएं हैं प्लस पत्नी से उतने मधुर संबंध भी नहीं हैं। पार्टी से आशीर्वाद और जनसमर्तन भी उनको मिल रहा है। अब दयाशंकर इसी विधानसभा से आगामी 2022 चुनाव के लिए ताल ठोक रहे जहां से स्वाती सिंह जीतकर मंत्री बनीं थीं। इसी कड़ी में दिनांक 25 दिसंबर यानी कल शनिवार को अटल तिरंगा यात्रा का आयोजन होना है।
सूत्र ने हमें आगे बताया कि दोनो ही लोगों का राजनीतिक कैरियर भी अलग है। अब हम लोग तो संगठन से जुड़े हैं जिसे पार्टी कहेगी लड़ाएंगे। अटल तिरंगा यात्रा का सरोजिनी नगर ही रूट रहेगा। डिफेंस मैदान से पीजीआई, पीजीआई से तेली बाग और फिर वहां से आशियाना की तरफ होते हुए तिरंगा यात्रा पूरी की जाएगी। (UP Election 2022)
दयाशंकर और स्वाति में रही है तकरार
स्वाति और दयाशंकर सिंह के आपसी संबंध भी काफी खराब रहे हैं। साल 2008 में स्वाति ने पति के खिलाफ मारपीट की शिकायत की थी। उस वक्त नौबत तलाक तक पहुंच गई थी, लेकिन फिलहाल दोनों ओर से पिछले कुछ समय से सुलह की कोशिशें हुईं और मामला शांत हो सका था। कहा जाता है कि स्वाति सिंह अपने मायके में रहती हैं जबकि दयाशंकर सिंह अपनी मां के साथ। इस मामले में दोनों परिवार फिलहाल कुछ नहीं बोल रहे, लेकिन स्वाति को इस मामले में काफी सफाई देनी पड़ी थी।
स्वाति के खिलाफ भाभी ने दर्ज कराई थी FIR
दरअसल, स्वाति सिंह पर भाभी के साथ मारपीट करने, बिना तलाक लिए भाई की दूसरी शादी कराने और भाभी को घर से निकालने का आरोप लगा था। लखनऊ के आशियाना थाने में स्वाति के खिलाफ अपनी ही भाभी के के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज हुआ था। स्वाति के खिलाफ मुकदमा उनके अपने सगे भाई की पत्नी आशा सिंह ने दर्ज कराया था। ये मामला करीब 11 साल पुराना है। 2008 में आशा सिंह ने लखनऊ के आशियाना थाने में अपनी ननद स्वाति के खिलाफ पति की दूसरी शादी कराने का मामला दर्ज कराया था।
कौन हैं स्वाती सिंह?
भारतीय जनता पार्टी की नेता और योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह को पिछले यूपी विधानसभा चुनाव-2017 में लखनऊ के सरोजनी नगर विधानसभा सीट से टिकट दिया गया था। स्वाति सिंह एक राजपूत/ठाकुर परिवार से हैं और उनकी पढ़ाई लिखाई लखनऊ में हुई है। शादी से पहले स्वाति सिंह ने एक सामान्य लड़कियों की ही तरह जीवन गुजार रही थीं। उन्होंने 2001 में इलाहाबाद (Allahabad) के एमएनआरईसी मौजूदा समय में एमएनएनआईटी से एमएमएस किया था और उसके बाद उन्होंने 2007 में लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलएम किया। स्वाति सिंह एक राजनीतिज्ञ के रूप में उस समय उभरकर सामने आई जब उनके पति दयाशंकर सिंह को भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष पद से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।
मायावती से विवाद
स्वाति सिंह मायावती को गाली देने वाले यूपी बीजेपी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की पत्नी हैं। बता दें कि स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह ने मायावती को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके जवाब में बीएसपी के लोगों ने दयाशंकर की पत्नी और बेटी के लिए भी वैसी ही भाषा का प्रयोग कर बदला लिया था। उसके बाद स्वाति ने भी बीएसपी नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर बीजेपी ने दयाशंकर सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया था, लेकिन इसके बाद दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने गाली कांड में बीएसपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
मायावती के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान
गौरतलब है कि स्वाति सिंह उस समय सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी और कहा था कि मायावती यूपी में किसी भी सामान्य सीट से चुनाव लड़ें, वो खुद उनके खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। बता दें कि 2019 में स्वाति सिंह (Minister Swati Singh) का एक कथित ऑडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह धोखाधड़ी और ठगी (Fraud) के मामले में लखनऊ में अंसल ग्रुप (Ansal Group) के खिलाफ एफआईआर (FIR) को खत्म करने की बात कहती सुनाई दे रही थीं।
राजनीति में इस तरह हुआ था प्रवेश
स्वाति सिंह का राजनीति में अचानक ही प्रवेश हुआ है। स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह बीजेपी के नेता है। बलिया में दयाशंकर सिंह अपनी राजनीति चमकाने में जुटे रहते थे। वर्ष 2014 में केन्द्र में पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार आ जाने के बाद बीजेपी का सारा फोकस यूपी चुनाव 2017 जीतना था इसके लिए बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह ने खास रणनीति पर काम शुरू कर दिया था। यूपी में उस समय अखिलेश यादव की सरकार थी। इसी बीच जुलाई 2016 में बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर अपमानजनक टिप्पणी कर दी। इसके बाद तो प्रदेश की राजनीति में सियासी तूफान आ गया था। बसपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और बीजेपी पर जमकर हमला बोला।
BJP नेताओं को करना पड़ा था डैमेज कंट्रोल
बीजेपी पूरी तरह से बैकफुट पर आ चुकी थी बीजेपी का समझ नहीं आ रहा था कि कैसे ड्रेमेज कंट्रोल किया जाये। लगातार घिर रही बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को इस लड़ाई में कूदना पड़ा था उन्हें बसपा सुप्रीमो मायावती का गुस्सा शांत करने के लिए गेस्ट हाउस कांड में बीजेपी द्वारा की गयी मदद तक याद दिलानी पड़ी थी लेकिन इसका भी कुछ फायदा नहीं हुआ। यूपी चुनाव के साल भर पहले ही बीजेपी ऐसे भंवर में फंस चुकी थी जहां से निकला बहुत कठिन था। बीजेपी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दयाशंकर सिंह को पार्टी से छह साल के निष्कासित कर दिया। इसी बीच बसपा के तत्कालीन नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने दयाशंकर सिंह पर हमला बोलते हुए उनकी पत्नी स्वाति सिंह व बच्ची पर विवादित बयान दे दिया। इसके बाद दयाशंकर सिंह की अध्यापक पत्नी स्वाति सिंह ने बसपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। स्वाति सिंह ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बयान के नारी अस्मिता के साथ ऐसा जोड़ा कि बसपा का दांव फेल होने लगा। उसके बाद जो कुछ हुआ वह सामने है।