चीन में भयंकर बाढ़ से 5.5 करोड़ किसान तबाह, पश्चिमी देशों से तनातनी के कारण हो सकता है भारी खाद्य संकट

चीन में कोरोना वायरस के बाद बाढ आफत बन कर आयी है। बाढ के कारण चीन के दक्षिणी हिस्सों में लगी धान की फसलें बड़े पैमाने पर बर्बाद हो गई हैं। इससे देश का फूड सप्लाई चेन भी प्रभावित होने का खतरा है...

Update: 2020-08-11 04:08 GMT

जनज्वार। चीन के जिआंगशी प्रांत में आयी बाढ से हजारों एकड़ कृषि भूमि पर लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है। यहां के कई किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। पियोंग लेक व तिब्बत से सटा यह प्रदेश चीन में मछली व धान की फसल उत्पादक राज्य के रूप में जाना जाता है। चीन में 70 प्रतिशत धान की फसल अकेले जिआंगशी प्रांत में होती है। बाढ से अकेला जिआंगशी प्रांत ही नहीं बल्कि दक्षिणी चीन के सात प्रांत प्रभावित हुए हैं।

चीन के इस प्रांत में इस साल बाढ में 13 मिलियन एकड़ से अधिक धान की फसल पानी बाढ में डूब गई है। 1998 के बाद यह यहां आयी सबसे बड़ी बाढ है, जिससे व्यापक क्षति हुई है। नोमूरा ने आकलन किया है कि इससे चीन के कृषि जीडीपी को 1.7 बिलियन डाॅलर का नुकसान होगा। यह नुकसान चीन के सात राज्यों में जुलाई मध्य में आयी बाढ की वजह से होगा।

हालांकि चीन की सरकार ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि इससे वहां का फूड सप्लाई चेन किस तरह प्रभावित होगा। चीन के एक एनालिस्ट फर्म ने अपने अध्ययन के आधार पर कहा है कि पिछले साल की तुलना में चीन को 11.2 मिलियन टन का खाद्यान्न उत्पादन का इस साल नुकसान होगा। यह चीन में उत्पादित होने वाले चावल का पांच प्रतिशत है।

चीन के दक्षिण प्रांतों में आयी भयानक बाढ से कई किसानों को व्यापक नुकसान हुआ है।  चीन के आपदा मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि इस आपदा से 21 बिलियन का नुकसान हुआ है, जिसमें कृषि भूमि व उस पर लगी फसलें, रोड एवं अन्य संपत्तियों का नुकसान शामिल है। इस बाढ से 55 मिलियन यानी 5.5 करोड़ लोग भी प्रभावित हुए हैं। 

विशेषज्ञों का मानना है कि फसलों की इस व्यापक क्षति से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अथव्यवस्था चीन को बड़ा आर्थिक नुकसान होगा। कोविड19 महामारी के बाद चीन के लिए यह दूसरा बड़ा संकट है। हालांकि चीन अनाज जरूरतों को पूरा करने के लिए उसका आयात कर सकता है, लेकिन यह ऐसा वक्त है जब उसके रिश्ते पश्चिमी देशों से खराब हैं।

चीन के अधिकारियों ने यह चेतावनी जारी की है कि अगस्त के महीने भी भारी बारिश हो सकती है और बाढ का प्रकोप दक्षिणी राज्यों से उत्तरी राज्यों की ओर बढ सकता है। इससे गेहूं और मकई की फसलों को व्यापक क्षति हो सकती है।

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