कोरोना से लड़ने के लिए चीन के नेतृत्व वाले बैंक ने भारत के लिए मंजूर किया 750 मिलियन डॉलर का लोन
एआईआईबी ने कहा कि एशियन डेवलपमेंट बैंक से संबद्ध बजटीय सहायता अनौपचारिक क्षेत्र समेत व्यवसायों को बढ़ावा देने, सामाजिक सुरक्षा जाल के विस्तार करने और देश की स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।
जनज्वार ब्यूरो। भारत और चीन के बीच सीमा पर चल रहे तनाव के बीच बीजिंग समर्थित एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (AIIB) ने बुधवार को बारत को 750 मिलियन डॉलर के ऋण की मंजूरी दे दी है। एआईआईबी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा कि एआईआईबी ने भारत के लाखों गरीब और कमजोर परिवारों पर कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभावों पर अपनी प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए सरकार को सहायता के लिए 750 मिलियन डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है।
एआईआईबी ने कहा कि एशियन डेवलपमेंट बैंक से संबद्ध बजटीय सहायता अनौपचारिक क्षेत्र समेत व्यवसायों को बढ़ावा देने, सामाजिक सुरक्षा जाल के विस्तार करने और देश की स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।
भारत महामारी के लिए बेहद असुरक्षित है क्योंकि 250 मिलियन लोग राष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं और 81 मिलियन लोग घनी आबादी वाली बस्तियों में रहती है जिनकी स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच है।
आर्थिक गतिविधियों में व्यवधान पड़ने से गरीब परिवारों, खासकर महिलाओं पर असर पड़ने का खतरा है जिनमें से कई अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत हैं।
एआईआईबी के वाइस प्रेसीडेंट (इंवेस्टमेंट ऑपरेशंस) डी.जे. पांडियन ने कहा, 'दुनिया के कई निम्न और मध्यम-आय वाले देश अभी भी स्वास्थ्य संकट के शुरुआती चरण में हैं, लेकिन पहले से ही महामारी के प्रभावों को महसूस कर रहे हैं। यह पूरे भारत में लाखों लोगों के लिए एक बड़ा खतरा है, जो हाल ही में गरीबी से उभरे है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने देश के लिए अपने 2021 जीडीपी पूर्वानुमान को संशोधित कर 1.9 प्रतिशत कर दिया है, जो कि जनवरी 2020 के पूर्वानुमान से लगभग 3.9 प्रतिशत कम है।
पांडियन ने कहा, 'भारत को हमारा समर्थन भारत की अर्थव्यवस्था सहित मानव पूंजी, उत्पादक क्षमता को दीर्घकालिक नुकसान को रोकने के लिए आर्थिक लचीलापन सुनिश्चित करना है।'