Duniya ka sabse amir desh 2021: अमेरिका को पीछे छोड़कर चीन बना दुनिया का सबसे अमीर देश

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Update: 2021-11-17 11:51 GMT

Duniya ka sabse amir desh 2021: आर्थिक सुधार, विकेंद्रीकरण, पार्टी व सरकार की पकड़ ढीली कर और बाज़ारवादी मॉडल अपना कर चीन ने 40 साल में इतनी ज़बरदस्त प्रगति की कि वह दुनिया का सबसे धनी देश बन गया है। चीन अब अमेरिका को पीछे छोड़ दुनिया का सबसे अमीर देश बन गया है। पिछले दो दशकों में वैश्विक संपत्ति तीन गुना बढ़ने के कारण चीन ने अमेरिका से सबसे अमीर देश होने का खिताब छीन लिया है। मैकिन्से एंड कंपनी के रिसर्च आर्म ने यह जानकारी दी है। यह रिपोर्ट 10 देशों की राष्ट्रीय बैलेंस शीट की जांच के बाद तैयार की गई है जिनके पास दुनिया की 60 फीसदी संपत्ति है।

मैकिन्से एंड कंपनी द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक 2020 में 156 ट्रिलियन डॉलर से 2020 में दुनिया भर में शुद्ध संपत्ति बढ़कर 514 ट्रिलियन डॉलर हो गई है। चीन दुनिया भर की इस सूची में चीन प्रथम स्थान पर है। चीन में जबरदस्त आर्थिक विकास और उसके अर्थव्यवस्था की मजबूती के चलते 2020 में चीन की संपत्ति बढ़कर 120 ट्रिलियन डॉलर की हो गई है, जो 2000 में सिर्फ 7 ट्रिलियन डॉलर थी। यानि केवल 20 वर्षों में चीन की संपत्ति में 113 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। इसकी मदद से चीन अमेरिका को पीछे छोड़ दुनिया के सबसे अमीर देश का तमगा अपने नाम करने में सफल रहा है। इसी अवधि के दौरान, अमेरिका की कुल संपत्ति दोगुने से अधिक 90 ट्रिलियन डॉलर हो गई है। अमेरिका की संपत्ति में वृद्धि दर चीन के मुकाबले बेहद कम रही इसलिये वो चीन से पिछड़ गया।

ब्लूमबर्ग द्वारा पेश किए गए मैकिन्से एंड कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार गौर करने वाली बात यह है कि अमेरिका और चीन दोनों में दो-तिहाई से अधिक धन सबसे 10 फीसदी अमीर परिवारों के पास है, और उनका हिस्सा दिनों दिन बढ़ ही रहा है।

पर्यवेक्षकों का कहना है कि इसकी एक और बड़ी वजह चीन का विश्व व्यापार संगठन से जुड़ना रहा है। पहले चीन साम्यवादी आर्थिक मॉडल की वजह से विश्व व्यापार संगठन यानी डब्लूटीओ का विरोध करता था, पर वह 2000 में इस संगठन में शामिल हो गया। उसके बाद ही उसकी आर्थिक प्रगति की रफ़्तार यकायक तेजी से बढ़ी। मैंकिजे ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि इस दौरान पूरी दुनिया का आर्थिक विकास हुआ और 20 साल में दुनिया की कुल संपत्ति 156 ट्रिलियन डॉलर से 514 ट्रिलियन डॉलर हो गई। लेकिन इसका बड़ा हिस्सा रियल स्टेट के रूप में है। बुनियादी सुविधाओं, मशीन, उपकरणों के रूप में 68 प्रतिशत संपदा है।

मैंकिजे की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया की कुल संपत्ति में 68 फीसदी हिस्सेदारी रियल एस्टेट सेक्टर की है। इनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, मशीनरी और इक्विपमेंट, इंटेलेक्टुअल प्रॉपर्टी और पेटेंट भी शामिल है। वैश्विक संपत्ति के कैलकुलेशन में फाइनैंशल एसेट्स को शामिल नहीं किया गया है।

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