GLOBAL TIMES ने चीनी सैनिकों के मारे जाने ​से किया इनकार, लेकिन भारतीय मीडिया उसी के भरोसे कर रहा दावेदारियां

भारतीय मीडिया में चीनी ट्विटर हैंडल और ग्लोबल टाइम्स का हवाला देकर दावा किया जा रहा है कि 5 चीनी सैनिक मारे गए जबकि ग्लोबल टाइम्स ने इससे इनकार किया है...

Update: 2020-06-16 10:38 GMT

जनज्वार ब्यूरो। लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के अतिक्रमण के बाद दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने हैं। सोमवार की देर रात चीनी सैनिकों की ओर से हिंसक हमला होने के बाद भारत के एक सैन्य अधिकारी और दो सिपाही शहीद हो गए। वहीं भारतीय मीडिया में आ रही खबरों में बताया जा रहा है कि भारतीय सेना की ओर से जवाबी कार्रवाई में पांच चीनी सैनिक मारे जाने की खबर है। इसके अलावा 11 चीनी सैनिक भी घायल हुए हैं।  और इसका दावा चीन के प्रमुख अखबार और वहां की सरकार के मुखपत्र कहे जाने वाले 'ग्लोबल टाइम्स' के दावेदारियों को आधार बताकर किया जा रहा है। 

हालांकि चीनी सरकार के मुखपत्र समझे जाने वाले 'ग्लोबल टाइम्स' ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से स्पष्ट किया है कि उनकी ओर से ऐसी कोई खबर प्रकाशित नहीं की गई है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, 'ग्लोबल टाइम्स के आधिकारिक खातों ने कभी भी चीनी पक्ष के सटीक हताहतों की सूचना नहीं दी है। ग्लोबल टाइम्स इस समय संख्या की पुष्टि नहीं करता है।'

बता दें कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। दरअसल ट्विटर पर वांग वेंमेन नाम के ट्वीटर हैंडल ने पहले अपने ट्वीट में बताया कि कल वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पांच सैनिक मारे गए हैं और 11 घायल हुए हैं। ट्विटर पर इस हैंडल ने अपने आपको ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्टर बताया है।इसके बाद हमारी मीडिया खासकर टीवी चैनल हर बार की तरह अपने यहां खबरों को सबसे पहले दिखाने के चक्कर में जो जहां, जैसे मिला उसे आधिकारिक तौर चलाना शुरू कर दिया। आजतक और इंडिया टीवी जैसे नामचीन टीवी चनैलों के संपादकों और आधिकारिक ट्वीटर हैंडल ने यह खबर चलानी शुरू कर दी कि सोमवार देर रात चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प में चीन के भी 5 सैनिक मारे गए हैं। इससे एक बार फिर वैश्विक स्तर पर भारतीय मीडिया की किरकिरी हो रही है। 




जबकि महिला रिपोर्टर ने बाद में अपने ट्वीट करने के पीछे का स्त्रोत भारतीय मीडिया को ही बताया।  महिला ने लिखा,  'मैंने कल LAC चीन-भारत सीमा पर एक शारीरिक झड़प के बारे में @NewsLineIFE के एक भारतीय स्रोत का हवाला दिया। हताहतों के संबंध में आधिकारिक चीनी स्रोत से अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है। भारतीय मीडिया के लिए यह कहना अप्रमाणिक है कि यह चीनी पक्ष की आधिकारिक खबर है।'

वहीं ग्लोबल टाइम्स के एडिटर इन चीफ अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए लिखा, 'मुझे जो पता है, उसके आधार पर चीनी पक्ष के भी गलवान घाटी के शारीरिक संघर्ष में हताहत हुए हैं। मैं भारतीय पक्ष को बताना चाहता हूं, कमजोर होने के नाते अभिमानी और चीन के संयम को गलत मत समझो। चीन भारत के साथ कोई टकराव नहीं करना चाहता है, लेकिन हम इससे डरते नहीं हैं।'

चीन के ही एक अन्य टीवी एंकर ने हालांकि इस बात को स्वीकार किया है कि चीनी पक्ष के सैनिक भी गलवान घाटी के शारीरिक संघर्ष में हताहत हुए हैं। सीजीटीएन के इस न्यूज एंकर ने अपने ट्वीट में लिखा, 'एलएसी में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के हताहत होने की भी स्त्रोतों ने पुष्टि की। भारत न केवल चीन बल्कि नेपाल के साथ भी क्षेत्रीय मुद्दों को भड़का रहा है।

 टीवी एंकर रोहित सरदाना ने भी फर्जी दावा किया कि ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबि चीन के 5 सैनिक मारे गए हैं। वहीं उनके इस ट्वीट पर पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'चीन ने हमारे घर में घुस के हमें मारा है। हरि ॐ।'

 स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने भी इन फर्जी खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'अगर यह हमारे चैनलों के दावे का स्रोत है, तो यह बहुत ही संदिग्ध है। बस न्यूज़ लाइन IFE का प्रोफ़ाइल देखें।'

 

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