Afghanistan में अब भी फंसे हैं सैकड़ों भारतीयों ने लगाई मदद की गुहार, सरकार के पास नहीं कोई ठोस आंकड़ा
Afghanistan : हामिद करजई एयरपोर्ट पर ब्लास्ट के बाद 27 अगस्त को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अभी तक वहां पर और कितने भारतीय फसे हैं, इसका कोई ठोस आकड़ा नहीं है।
Afghanistan। अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान (Taliban) का कब्जा होने के बाद से अब भी बहुत संख्या में भारतीय अभी भी वहां फंसे हुए हुए हैं। इन भारतीयों ने भारत सरकार (Govt Of India) से मदद की गुहार लगाई है। अफगानिस्तान में अभी भी 100 भारतीय समेत भारतीय मूल के 222 अफगान नागरिक फंसे हुए हैं। इन सभी ने काबुल से निकलने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा है। मौजूदा समय तक भारत-अफगानिस्तान के बीच कोई कूटनीतिक रिश्ता कायम नहीं हो पाया है। हालांकि दोनों देशो के बीच बात जारी है।
दिल्ली सिख गुरद्वारा प्रबंधक कमिटी (Gurudwara Prabandhak Committie) के पूर्व अध्यक्ष मंनजीत सिंह ने 20 अक्टूबर को लिखे पत्र के बारे में बताया - 'काबुल (Kabul) में गुरुद्वारा सहित सिख नेताओं और गैर सरकारी संगठनों को परेशान भारतीय नागरिक और भारतीय मूल के अफगान नागरिकों के फोन कॉल्स आ रहे हैं। वैध वीजा और और भारत की ट्रैवल हिस्ट्री के बावजूद ज्यादातर को ई-वीजा नहीं मिला है।
सिंह ने बताया कि भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के अफगान नागरिकों के पास वैध वीजा है। लेकिन हाल ही में अफगानिस्तान में हुए तख्तापलट के बीच भारत सरकार ने सभी वीजा रद्द कर दिए। अभी अफगानिस्तान में भारत समेत कई देशों की हवाई सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए बंद हैं।
सरकार को खुद नहीं पता वहां कितने भारतीय फंसे
हामिद करजई एयरपोर्ट (Hamid Karzai International Airport) पर ब्लास्ट के बाद 27 अगस्त को भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बगाची (Arindam Bagchi) ने कहा था कि अभी तक वहां पर और कितने भारतीय फसे हैं, इसका कोई ठोस आकड़ा नहीं है। लेकिन अधिकतर भारतीयों को वहां निकाला जा चुका है। जो भारतीय वापस आना चाहते हैं, हम उनसे सम्पर्क करने की कोशिश करेंगे। ऐसे भी भारतीय हो सकते हैं जो वहीं रहना चाहते हों।
ऐसे में सवाल यह है कि तालिबान (Taliban) के सत्ता पर काबिज होने के बाद से जब अफगान नागरिक खुद अपने देश में नहीं रहना चाहते हैं तो भारतीय वहां कैसे रह सकते हैं? सरकार के पास अपने ही नागरिकों का डेटा नहीं है।
अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत अपना दूतावास और कॉन्सुलेट्स बंद कर चुका है। वहां के हालात को देखते हुए भारत ने पहले ई- वीजा वहां के नागरिकों के लिए जारी किए थे। 60 हजार से अधिक अफगान नागरिक ई-वीजा के इंतजार कर रहे हैं। हालांकि अभी सभी तरह के वीजा रद्द किए गए हैं।
भारत -तालिबान मॉस्को मीटिंग
भारत और तालिबान के बीच बीते दिनों रूस (Russia) में आधिकारिक तौर पर कूटनीतिक बातचीत हुई। भारत के प्रतिनिधिमंडल की तरफ से विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव जेपी सिंह थे। इस मीटिंग के बाद भारत ने कहा, मानवीय पक्ष को देखते हुए हम अफगानिस्तान को गेहूं और जरूरत की चीजें मुहैया कराएंगे। इस समय अफगानिस्तान आर्थिक और भुखमरी संकट से गुजर रहा है। लेकिन फसे हुए भारतीयों को लेकर कोई बयान नहीं आया।
अल्पसंख्यक के लिए कितना महफूज तालिबानी शासन
बीते दिनों एक शिया मस्जिद में बम विस्फोट हुआ जिसमें बहुत से शिया मुसलमान मारे गए थे। वहां अल्पसंख्यक शिया, हजारा, ताजिक हैं जो हमेशा तालिबान के निशाने पर रहते हैं। सिख गुरुद्वारे पर भी कई बार हमले हुए हैं। अफगान मीडिया ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि वहां के सिख समुदाय को तालिबान की तरफ से दो ही विकल्प दिए गए हैं। पहला की सिख मुस्लिम धर्म अपना लें या मुल्क छोड़कर चले जाएं। हालांकि तालिबानी शासन ने अभी तक ऐसा कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।