Ali Amin Gandapur news : बेकाबू होती महंगाई पर पाकिस्तानी मंत्री की सलाह, 'चाय में कम चीनी डालो और रोटियां कम खाओ'

Update: 2021-10-11 15:15 GMT

पाकिस्तानी मंत्री अली अमीन खान गंडापुर की जनता को सलाह, कम कर दो रोटी और चीनी खाना, महंगाई हो जायेगी कम (photo : twitter)

Ali Amin Gandapur news, जनज्वार ब्यूरो। पूरे विश्व में महंगाई ने खासकर कोरोना के बाद से सुरसा की तरह मुंह खोला हुआ है। भारत समेत तमाम देशों की जनता बढ़ती महंगाई से त्रस्त है, लोगों के लिए 2 वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो गया है। हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान भी बढ़ती महंगाई में हमसे एक कदम पीछे नहीं हैं, वहां के हालात भी लगभग भारत जैसे ही हैं, बल्कि यह कहना मुनासिब होगा कि वहां सबसे ज्यादा महंगाई है।

बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान मामलों के संघीय मंत्री अली अमीन गंडापुर ने अब एक सुझाव दे डाला है। उन्होंने पाकिस्तान के लोगों को 'चाय में कम चीनी डालने और रोटी कम खाने' की सलाह दी है.

पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में एक सभा को संबोधित करते हुए अली अमीन ने कहा, "अगर मैं चाय में चीनी के सौ दाने डालता हूँ और नौ दाने कम डाल दूं, तो क्या वह कम मीठी हो जाएगी। क्या हम अपने देश के लिए, अपनी आत्मनिर्भरता के लिए इतनी सी क़ुर्बानी भी नहीं दे सकते? अगर मैं रोटी के सौ निवाले खाता हूँ तो उसमे नौ निवाले कम नहीं कर सकता हूं?'

गौरतलब है कि अली अमीन पाकिस्तान के एक ऐसे नेता हैं, जो अपनी हरकतों के कारण आए दिन विवादों में आते रहते हैं। वह प्रधानमंत्री इमरान खान के बेहद करीबी हैं।

पिछले दिनों वह विपक्षी पार्टी पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी करके भी चर्चा में आये थे। उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Elections in POK) में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मरियम को लेकर काफी अनाप शनाप बातें कहीं थी। उन्होंने कहा था, 'मरियम ने हमारे 8 करोड़ रुपये से सर्जरी करवाई है। तुम्हें इतने थप्पड़ पडे़ंगे कि तुम्हारी असली शकल लोगों के सामने आ जाएगी।'

भारत के खिलाफ भी उल्टी सीधी बयानबाजियों के कारण इमरान खान के मंत्री अली अमीन चर्चा का कारण रहते हैं। 2 साल पहले एक रैली को संबोधित करते हुए अली अमीन ने कहा था, भारत अगर कश्मीर मसले पर अपने रूख से पीछे नहीं हटता है तो इसके नतीजे अच्छे नहीं होंगे। एक मिसाइल भारत की तरफ जाएगी। और जो उसका साथ देने की कोशिश करेगा, दूसरी मिसाइल उस देश पर भी दाग दी जाएगी। अमीन ने यह भी स्वीकार किया कि कश्मीर पर पाकिस्तान को किसी भी राष्ट्र से समर्थन नहीं मिल रहा है और यह चुप्पी सभी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। 

मंत्रियों के इस तरह के कुतर्क पूरे विश्वभर में आम हैं। बढ़ती महंगाई हो या फिर कोई अन्य मामला, हमारे माननीयों की जुबान आये दिन फिसलती रहती है। थोड़े दिन पहले ही सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के नेशनल असेंबली के सदस्य रियाज़ फ़तयाना ने भी अली अमीन गंडापुर जैसी ही सलाह जनता को दे डाली थी।

मंत्री तो छोड़िये पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ भी पाकिस्तानी जनता से 'कम रोटी खाने' की बात कह चुके हैं। वर्ष 1998 में पाकिस्तान ने जब परमाणु परीक्षण किया था तो तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने कहा था 'हमारे देश को भी अमेरिका और बाक़ी दुनिया की तरफ़ से कठिन आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए जनता अपनी कमर कस ले। जनता सिर्फ़ एक वक़्त खाना खाने के लिए तैयार हो जाए और इस परेशानी में मैं भी आपके साथ रहूंगा।'

बीबीसी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक सस्टेनेबल डिवेलपमेंट पॉलिसी इंस्टिट्यूट (एसडीपीआई) इस्लामाबाद के अर्थशास्त्री डॉक्टर साजिद अमीन का मानना है कि इस तरह की सलाह ग़रीबों का मज़ाक बनाने के समान है। बचत करने की सलाह या अभियान न तो कभी भी महंगाई का समाधान रहे हैं और न ही कभी होंगे। सरकार का काम आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़ाना या उसकी स्थिति में सुधार करना है।"

अर्थशास्त्री डॉक्टर साजिद अमीन कहते हैं, 'पाकिस्तान में महंगाई में हालिया वृद्धि के तीन मुख्य कारण हैं। विश्व बाज़ार में वस्तुओं की क़ीमतों में वृद्धि, पाकिस्तानी रुपए की क़ीमत में कमी और हाल ही में सरकार की तरफ़ से लागू की गई टैक्स नीतियां। पाकिस्तान में सरकार "राजस्व यानी आमदनी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ईंधन जैसी वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाती है, जिससे उनकी क़ीमत में वृद्धि होती है।"

पाकिस्तान में सुरसा की तरह मुंह फाड़ती महंगाई का एक प्रमुख कारण आयात बिल का बहुत बड़ा होना है। यानी उसका कुल आयात उसके कुल निर्यात से अधिक है। वह गेहूं, चीनी जैसे खाद्य पदार्थों का भी आयात कर रहा है।

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