बाइडेन को पुतिन का जवाब, पीओके-अक्साई चीन भारत का हिस्सा, China-PAK के लिए बड़ा झटका
Diplomacy : कश्मीर पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के ताजा रुख ने सबको चौंका दिया है। खासकर पाकिस्तान और चीन के लिए तो यह बड़ा वाला झटका तो बाइडेन के लिए समझदारी से काम लेने का संकेत है।
नई दिल्ली। दुनिया के कुछ राष्ट्रों के बीच सीमा विवाद हमेशा से एक जटिल समस्या और चुनौती के रूप में लंबित है। इन्हीं में से एक सीमा विवाद भारत पाकिस्तान के बीच कश्मीर ( Kashmir dispute ) और भारत-चीन के बीच अक्साई चीन ( Aksai China ) को लेकर है। कुछ दिनों पहले ही इस विवाद को बाइडेन सरकार ने गरमा दिया था। बाइडेन के इशारे पर एक अमेरिकी डिप्लोमैट ने पीओके ( POK ) का दौरा किया और कश्मीर का पाक का हिस्सा बताया था। इसके बाद कश्मीर को लेकर अमेरिक-भारत ( America-India ) के लिए तनाव देखने को मिला था, जिसका जवाब भारत ( India ) ने अपने अंदाज में दिया था और बाइडेन ( Joe Biden ) सरकार को मुंह की खानी पड़ी थी।
अब इस मामले में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ( Vladimir Putin ) के ताजा रुख ने सबको चौंका दिया है। खासकर पाकिस्तान और चीन के लिए तो यह बड़ा वाला झटका है। रूसी समचारा एजेंसी स्पुतनिक द्वारा जारी किए गए नक्शे में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और अक्साई चिन के साथ-साथ पूरे अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्से के रूप में दिखाया गया है। रूस ने जम्मू-कश्मीर, लद्धाख और अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा माना है। रूस की पुतिन सरकार द्वारा जारी किए गए एससीओ सदस्य देशों के नक्शे ने यह साबित कर दिखाया है कश्मीर और अक्साई चीन सीमा विवाद का सच क्या है।
मास्को के इस कदम से भारत का पक्ष मजबूत
रूसी समचार एजेंसी स्पुतनिक के अनुसार जारी किए गए नक्शे में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और अक्साई चिन के साथ-साथ पूरे अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्से के रूप में दिखाया गया है। मास्को ( Moscow ) ने यह कदम उस समय उठाया है जब पाकिस्तान और चीन एससीओ के सदस्य देश हैं। चीन तो संस्थापक सदस्य है। बावजूद इसके मॉस्को ने यह कदम उठाया है। इस मानचित्र ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और एससीओ के भीतर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत पक्ष को और मजबूत किया है।
अमेरिकी डिप्लोमैट : POK है आजाद कश्मीर
हाल ही में अमेरिकी राजदूत ने हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर ( POK ) यानि पीओके की यात्रा की थी। उन्होंने इस इलाके को आजाद कश्मीर कहा था। जर्मन विदेश मंत्री ने भी हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद को सुलझाने में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका का सुझाव दिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया जाहिर की थी। इसके बाद अमेरिका और जर्मनी ने अपने पांव पीछे खींच लिए थे। इतना ही नहीं, कुछ दिनों पहले ही अमेरिका ने पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक राष्ट्र बताकर उसके मुंह पर तमाचा मारा था।
ड्रैगन को लगा झटका
साम्राज्यवादी चीन ने भी हाल ही में SCO के लिए जारी किए गए मैप में भारत के कुछ इलाकों को अपने इलाके के हिस्से के तौर पर दिखाकर अपनी विस्तारवाद की नीति को परिभाषित किया था। एक सरकारी सूत्र ने कहा कि एससीओ के संस्थापक सदस्यों में से एक रूस द्वारा भारत के नक्शे के सही चित्रण ने सीधे रिकॉर्ड स्थापित किया है। दूसरी तरफ मास्को से जारी एससीओ नक्शे ने शी जिनपिंग को चौंका दिया है। साथ ही अहसास करा दिया है कि ताकत के बल पर सच को छुपाया नहीं जा सकता।
कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा : रूस
यहां पर खास बात यह है कि सोवियत संघ के समय से ही रूस ( Russia ) ने कश्मीर ( Kashmir ) पर भारत ( India ) का हमेशा समर्थन किया है। यूएनएससी में भारत विरोधी प्रस्तावों को रोकने के लिए बार-बार अपने वीटो का इस्तेमाल किया है। मॉस्को ने बार-बार कहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है, जिससे विवाद के किसी भी अंतर्राष्ट्रीयकरण को रोका जा सकता है।