Sri Lanka PM Resigns : विरोध प्रदर्शन के बीच श्रीलंकाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने दिया इस्तीफा, इमरजेंसी में गहराया राजनीतिक संकट
Sri Lanka PM Resigns : देश में गंभीर आर्थिक संकट (Sri Lanka Crisis) के बीच श्रीलंका (Sri Lanka PM Resigns) के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (PM Mahinda Rajpaksha) ने आज इस्तीफा (Sri Lanka PM Resigns) दे दिया है...
Sri Lanka PM Resigns : देश में गंभीर आर्थिक संकट (Sri Lanka Crisis) के बीच श्रीलंका (Sri Lanka PM Resigns) के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (PM Mahinda Rajpaksha) ने आज सोमवार (9 मई) को इस्तीफा (Sri Lanka PM Resigns) दे दिया है। श्रीलंका (Sri Lanka Crisis) की स्थानीय मीडिया के हवाले से इसका दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि विपक्ष की अंतरिम सरकार बनाने की मांग के आगे झुकते हुए राजपक्षे (Sri Lanka PM Resigns) ने यह कदम उठाया है। बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री राजपक्षे (Sri Lanka PM Resigns) ने कहा कि वह जनता के लिए कोई भी बलिदान देने को तैयार है। उनके कथन से इन अटकलों को बल मिल गया था कि प्रधानमंत्री राजपक्षे आज इस्तीफा (Sri Lanka PM Resigns) दे देंगे।
जनता के लिए कोई भी बलिदान देने को तैयार PM
देश के प्रमुख समाचार नेटवर्क 'लंका फर्स्ट' के अनुसार महिंदा राजपक्षे ने अपने समर्थकों को यह कहते हुए संबोधित किया है कि 'जनता के लिए मैं कोई भी बलिदान देने को तैयार हूं।' इससे संकेत मिलने लगे थे कि वह इस्तीफा (Sri Lanka PM Resigns) देंगे। महिंदा राजपक्षे ने यह बात प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 'टेम्पल ट्री' में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही थी। उनके आवास पर एकत्र हुए एसएलपीपी के सदस्यों ने इनसे इस्तीफा न देने को कहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीएम राजपक्षे के छोटे भाई और राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार पर विपक्ष का दबाव लगातार बढ़ रहा है।
आर्थिक संकट के बीच गहराया राजनीतिक संकट
बात दें कि श्री लंका में आर्थिक संकट के स्थिति है और इस बीच लगातार राजनीतिक संकट भी गहराता जा रहा है। श्री लंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई और राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे की आर्थिक संकट से घिरी सरकार पर देश को उबारने के लिए अंतरिम सरकार बनाने का दबाव बढ़ गया है। अपनी ही श्रीलंका पोदुजन पेरामुन (एसएलपीपी) के भीतर इस्तीफा देने के भारी दबाव से जूझ रहे राजपक्षे (76) अब तक, इस्तीफा न देने का दबाव बनाने के लिए अपने समर्थकों को एकजुट कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनके छोटे भाई राष्ट्रपति गोतबाया रापजक्षे ने अपनी इच्छा प्रत्यक्ष रूप से जाहिर नहीं की लेकिन वह उनका इस्तीफा चाहते हैं। बता दें कि राष्ट्रपति गोटबाया अपने भाई का इस्तीफा इसलिए चाहते थे ताकि राष्टीय एकता की सरकार बना सकें। मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने तक यह अंतरिम व्यवस्था मजूद रहेगी।