महागठबंधन से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा की एनडीए में नहीं बनी बात, अब ले सकते हैं बसपा का साथ

आजकल में इसकी आधिकारिक घोषणा भी की जा सकती है, इस बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद भूदेव चौधरी तथा कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भी राजद में शामिल हो गए हैं...

Update: 2020-09-29 07:22 GMT

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की File photo

जनज्वार ब्यूरो, पटनाबिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद से ही राजनीतिक दलों और गठबंधनों में जैसे भगदड़ वाली हालत हो गई है। उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी महागठबंधन छोड़ कर एनडीए में अपना रास्ता तलाश रही थी, पर अब कहा जा रहा है कि वहां भी बात नहीं बनी है और रालोसपा अब बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करने जा रही है।

राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम हो गई है कि आजकल में इसकी आधिकारिक घोषणा भी की जा सकती है। इस बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद भूदेव चौधरी तथा कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भी राजद में शामिल हो गए हैं।

पहले राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के महागठबंधन छोड़कर एनडीए का दामन थाम लेने के कयास लगाए जा रहे थे। वैसे इन कयासों के पीछे ठोस कारण भी थे। चूंकि 24 सितंबर को रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई थी।

इस बैठक में उपेंद्र कुशवाहा सहित पार्टी के कई अन्य नेताओं ने महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट को बदले जाने की बात कही थी। महागठबंधन में वैसे तो अभी आधिकारिक रूप से सीएम कैंडिडेट की घोषणा नहीं हुई है, पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सीएम कैंडिडेट होंगे, यह लगभग तय माना जा रहा है।

ऐसे में सीएम कैंडिडेट बदले जाने की मांग करना सीधे तौर पर महागठबंधन से अलग होने के रास्ते की तलाशी माना गया।

24 सितंबर की उस बैठक के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि पार्टी ने उनको सारे निर्णय लेने के लिए अधिकृत कर दिया था। घोषणा कर सकते हैं। वैसे उपेंद्र कुशवाहा पहले एनडीए में ही थे। उल्लेखनीय है कि हम पार्टी सुप्रीमो जीतनराम मांझी भी कुछ समय पहले महागठबंधन छोड़कर एनडीए का दामन थाम चुके हैं। मांझी भी पहले एनडीए में ही थे।

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