पीएम नरेंद्र मोदी का गुजरात मॉडल हुआ कोरोना से बेहाल, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

मोदी का गुजरात हुआ कोरोना से बेहाल, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार राज्य में लगातार कोरोना मामले बढ़ रहे है। बीते दिन रविवार को कोरोना वायरस के 5469 मामले आए जो महामारी शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा है। बीते दिन वहीं संक्रमण की वजह से 54 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 4,800 हो गई।

Update: 2021-04-13 08:24 GMT

जनज्वार डेस्क। भारत में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। पूरे भारत में इस वक्त कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1,35,27,717 तक पहुंच चुका है और लगभग 1,70,179 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र और गुजरात कोरोना के कहर से बेहाल है। प्रधानमंत्री मोदी के गढ़ माने जाने वाले गुजरात में लगभग 3,47,495 लोग कोरोन से ग्रस्त हो चुके हैं और मरने वालो का आंकड़ा 4,800 पार हो गया है। सैकड़ों लोग प्रतिदिन अपनी जान गंवा रहे हैं। हालात ऐसे हो चले हैं कि राजकोट में कोविड मरीज को अस्पताल में बेड मिलना मुश्किल हो गया है। वहीं श्मशान मे अंतिम संस्कार के लिये भी घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। कई जगह तो अंतिम संस्कार हो जाने के बाद परिवार वाले अस्थियां ही नहीं ले जा रहे हैं।

तीन बार से ज्यादा गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके नरेंद्र मोदी साल 2001 में पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने और इसके बाद वह लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) गुजरात के मुख्यमन्त्री चुने गए थे। लेकिन मोदी का गुजरात अब कोरोना की मार झेल रहा है। राज्य में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार कि खिंचाई करते हुए कहा कि कोविड-19 की स्थिति और लोगों को हो रही परेशानियां सरकारी दावों की असलियत को बयां करता है। मुख्य न्यायाधीश विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति भार्गव कारिया की बेंच ने राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति पर एक जनहित याचिका पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि लोग अब सोच रहे हैं कि वे भगवान की दया पर हैं।

महाअधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने हाईकोर्ट को उन कदमों के बारे में बताया, जो राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए उठाए हैं। इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा कि असलियत सरकारी दावों के उलट है। कोरोना वायरस पर की गई सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की गई थी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि आप जो दावा कर रहे हैं, स्थिति उससे काफी अलग है। आप कह रहे हैं कि सबकुछ ठीक है, लेकिन हकीकत उसके विपरीत है।

बेंच ने राज्य सरकार पर अपना रुख बिलकुल साफ कर दिया हैं। बेंच ने कहा कि लोगों में विश्वास की कमी है। हाईकोर्ट ने कोविड-19 मरीजों के लिए रेमडिसिवर इंजेक्शन की कमी पर कहा कि रेमडिसिविर जो कि प्रमुख एंटी वायरल दवाई है, उसकी किल्लत नहीं है। आपके पास सब कुछ मौजूद है। हम नतीजे चाहते हैं, कारण नहीं। कोर्ट ने कहा कि एक शख्स को आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट लेने में करीब पांच दिन लग रहे हैं। बेंच ने कहा कि जब आपके पास समय था तब आपने जांच केंद्रों को नहीं बढ़ाया।

बीते दिन रविवार को कोरोना वायरस के 5469 मामले आए जो महामारी शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा है।  वहीं संक्रमण की वजह से 54 और मरीजों की मौत के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर 4,800 हो गई। इनमें से 20 मरीजों की मौत अहमदाबाद जिले में हुई। वहीं सूरत में 18, वडोदरा में सात, राजकोट में पांच, बनासकांठा में दो और गांधीनगर तथा जामनगर में एक-एक मरीज की मौत हुई। 

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