Indian Market News : दिवाली से पहले चीन का निकला दिवाला, बहिष्कार की अपील से 50,000 करोड़ का झटका

Indian Market News : कोरोना वायरस फैलाने में कथित रूप से चीन की भूमिका और एलएसी पर चीनी घुसपैठ से नाराज भारतीयों का चीनी उत्पादों के प्रति पहले की तुलना रुझान कम हुआ है। कैट की ओर से बहिष्कार की अपील से ड्रैग का बड़े पैमाने पर नुकसान तय है।

Update: 2021-10-30 08:39 GMT

दीवाली से पहले कैट ने फिर की चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील की।

Indian Market News :  पिछले साल की तरह इस बार भी दिवाली से ठीक पहले ही चाइनीज उत्पादों के खिलाफ मुहिम जारी है। भारतीय बाजार में चाइनीज उत्पादों ( Chinese Products ) के बहिष्कार से चीन का दिवाला निकलना तय है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( CAIT ) ने कहा है कि चीनी सामानों के बहिष्कार ( boycott ) से ड्रैगन को इस बार 50 हजार करोड़ रूपए का नुकसान होगा। वहीं घरेलू स्तर पर ग्राहक बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) में दो लाख करोड़ रुपए इजाफे की उम्मीद है।

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कैट की अपील के बाद चीनी उत्पादों का बहिष्कार जारी

कैट ने अपने बयान में कहा कि वर्तमान दिवाली ( Diwali ) त्योहार सीजन के मद्देनजर देश भर के बाज़ारो में ग्राहकों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए व्यापारी वर्ग एक बड़े कारोबार की उम्मीद कर रहा है। दिवाली की बिक्री अवधि के दौरान उपभोकताओं द्वारा खर्च के माध्यम से अर्थव्यवस्था में लगभग 2 लाख करोड़ रूपए की पूंजी का प्रवाह हो सकता है। कैट ने कहा कि पिछले साल की तरह इस साल भी कैट ने 'चीनी सामानों के बहिष्कार' की अपील की है।

देश के व्यापारियों एवं आयतकों ने चीन से आयात करना बंद कर दिया है, जिसके कारण चालू सीजन में चीन को करीब 50 हज़ार करोड़ का नुकसान होने वाला हैं। एक और महत्वपूर्ण बात ये है कि पिछले सीजन से ग्राहक भी चीनी सामान खरीदने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है, जिसके कारण भारतीयों उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है।

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सर्वे में हुआ इस बात का खुलासा

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा हाल ही में कई राज्यों के 20 शहरों में किए गए एक सर्वेक्षण में ये बात सामने आई है कि इस साल व्यापारियों या आयातकों द्वारा दिवाली के सामान ,पटाखों या अन्य समान वस्तुओं का कोई आर्डर चीन को नहीं दिया गया है। इस बार बाजार में शुद्ध रूप से भारतीय सामान होंगे। ये 20 शहर नई दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, नागपुर, जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, रायपुर, भुनेश्वर, कोलकाता, रांची, गुवाहाटी, पटना, चेन्नई, बंगलुरु, हैदराबाद, मदुरै, पुडुचेरी, भोपाल और जम्मू हैं।

50 माह में 70 हजार करोड़ का होता आयात

हर साल राखी से नए साल तक के 5 महीने के त्योहारी सीजन के दौरान भारतीय व्यापारी और निर्यातक चीन से लगभग 70 हजार करोड़ रूपए का माल आयात करते थे। भरतिया ने आगे कहा कि इस वर्ष राखी उत्सव के दौरान चीन को लगभग 50 हजार करोड़ रूपए का भारी नुकसान हुआ और गणेश चतुर्थी में 500 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ। ही स्थिति दिवाली में भी देखने को मिलेगी। यह स्पष्ट रूप से इंगित कर रहा है कि बस व्यापारी ही चीनी सामान का बहिष्कार कर रहे हैं बल्कि ग्राहक भी चाइनीज़ माल नहीं खऱीदना चाहते है।

सबक सिखाने की सोच

दरअसल, कोरोना महामारी फैलाने में कथित रूप से चीन की भूमिका सामने आने के बाद से लोग अब चाइनीज उत्पाद लेने से बचने लगे हैं। चीन को लेकर भारतीयों के मन में गुस्सा है। अधिकतर भारतीयों का मानना है कि कोविड बिमारी को चीन ने फैलाया हैं। दूसरा कारण जिस तरीक़े से सीमा पर अशांति फैला रहा है जबरदस्ती भारतीय सीमा के अंदर चीनी सेना का आना—जाना लोगों को पसंद नहीं हैं। इसका सीधा असर सीधे बाजार पर दिख रहा है। चीन को भारतीय आर्थिक चोट देकर सबक सिखाना चाहते है।

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