दलित बाहुल्य मालधन की 40 हजार आबादी को सभी नेता करते हैं वोट बैंक की तरह इस्तेमाल, बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव

मालधन क्षेत्र मे 40 हजार से भी अधिक आबादी निवास करती है और यह इलाका अनुसूचित जाति व ओबीसी बहुल क्षेत्र है। राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा मालधन क्षेत्र को वोट बैंक की तरह से इस्तेमाल किया जाता है तथा इस क्षेत्र में आजादी के 75 वर्षों बाद भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है.....;

Update: 2023-10-09 17:09 GMT
दलित बाहुल्य मालधन की 40 हजार आबादी को सभी नेता करते हैं वोट बैंक की तरह इस्तेमाल, बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव
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रामनगर। महिला एकता मंच द्वारा उत्तराखण्ड स्थित रामनगर के मालधन क्षेत्र में पटरानी, कारगिल, कुमगडार, नारायणपुर आदि गाँवों में 29 अक्टूबर (रविवार) को प्रस्तावित जुलूस की तैयारी को लेकर आज 9 अक्टूबर को बैठक आयोजित की गईं।

इस बैठक में हिस्सा लेने वाली आनन्दी ने कहा कि मालधन क्षेत्र मे 40 हजार से भी अधिक आबादी निवास करती है और यह इलाका अनुसूचित जाति व ओबीसी बहुल क्षेत्र है। राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा मालधन क्षेत्र को वोट बैंक की तरह से इस्तेमाल किया जाता है तथा इस क्षेत्र में आजादी के 75 वर्षों बाद भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है।

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मीटिंग में हिस्सा लेते हुए गीता आर्या ने कहा कि यहां पर जनता के इलाज हेतु एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ही है, जिसकी हालत भी बद से बदतर बनी हुई है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जनता को इलाज के लिए काशीपुर, रामनगर व अन्य जगहों पर जाना पड़ता है। उन्होंने सरकार पर मालधन की जनता के साथ धोखा करने का आरोप लगाया।

इस बैठक में शामिल महिला एकता मंच की सरस्वती जोशी ने कहा हमारे संगठन द्वारा गांव गांव, घर-घर चलाए जा रहे हैं जन जागरण अभियान से मालधन क्षेत्र की जनता अब जागरूक हो रही है, वह राजनीतिक पार्टियों असलियत को भी समझ रही है। जनता अपने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों व पैरा-मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति, अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्स रे, पैथोलॉजी, इमरजेन्सी आदि की सुविधाओं के लिए जागरूक बन रही है। सरकार के कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए महिलाओं ने हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है और मुख्यमंत्री पोर्टल पर तीन दर्जन से भी अधिक शिकायतें भी दर्ज की गई हैं।

अलग अलग गांवों में हुईं इन इन बैठकों में अल्का, पूनम, बबीता, पिक्की, सुनीता, केला देवी, कर्ता देवी, संतोषी, गंगा, तुलसी, लीला, आशा, ललित उप्रेती, मदन मेहता समेत बड़ी संख्या में महिलायें शामिल हुईं।

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