Covid 19 : कोरोना से ठीक हुए मरीज 2 साल बाद भी पूरी तरह फिट नहीं, फूल रहीं सांसें, स्टडी में खुलासा

Covid 19 : कोविड-19 के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती हुए मरीज ठीक होने के 24 महीने बाद भी पूरी तरह से फिट नहीं हो पाए हैं....

Update: 2022-10-04 06:57 GMT

Covid 19 : कोरोना से ठीक हुए मरीज 2 साल बाद भी पूरी तरह फिट नहीं, फूल रहीं सांसें, स्टडी में खुलासा

Covid 19 : कोविड-19 के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती हुए मरीज ठीक होने के 24 महीने बाद भी पूरी तरह से फिट नहीं हो पाए हैं। यह लोग महज 400 से 500 मीटर चलने पर ही इतनी थकान महसूस कर रहे हैं, जितनी कि 2 साल पहले दो से 3 किलोमीटर चलने के बाद होती है। इतना ही नहीं, कई लोग नींद न आना, बाल झड़ना, सांस फूलना, घुटनों में दर्द, जोड़ो में दर्द से परेशान हैं। नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने पोस्ट कोविड स्थिति को लेकर एक सर्वे के जरिये चिकित्सकीय अध्ययन पूरा किया है, जिसे डोवप्रेस मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

8 घंटे की नौकरी कर पाना मुश्किल

इस अध्ययन में डॉक्टरों ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रमित देश के अलग-अलग हिस्सों से मरीजों का चयन कर उससे दैनिक दिनचर्या के बारे में बातचीत की तो पता चला कि 2020 और 2021 के दौरान अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया है। वह कोरोना से ठीक तो हो गए हैं लेकिन अभी भी 8 घंटे की नौकरी कर पाना उनके लिए काफी मुश्किल रहता है।

इन तकलीफों से जूझ रहे कोरोना से ठीक हुए मरीज

बता दें कि एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया की निगरानी में यह अध्ययन किया गया है, जिसमें अलग-अलग राज्यों से 1,800 से ज्यादा मरीजों का चयन किया गया। इन मरीजों से फोन के जरिये संपर्क किया गया और उनकी वर्तमान दिनचर्या को लेकर कुछ सवाल पूछे। इसमें 79.3 फीसदी लोगों ने थकान, जोड़ो का दर्द (33.4%), वात रोग (29.9%), बालों का झड़ना (28.0%), सिरदर्द (27.2%), सांस फूलना (25.3%) और 25.30 फीसदी लोगों ने रात भर नींद नहीं आने की परेशानी बताई है।

बता दें कि एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि जो लोग कोरोना की चपेट में आने के बाद गंभीर रूप से बीमार पड़े उन्हें अस्पताल में दाखिला लेना पड़ा। इस बीच इन्हें काफी एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करना पड़ा।

पोस्ट कोविड से जुड़े हुए कारण 

अध्ययन के मुताबिक पोस्ट कोविड की व्यापकता 12 सप्ताह में घटकर 12.8 फीसदी दर्ज की गई है। महिला, वृद्धावस्था, ऑक्सीजन की खुराक, गंभीर बीमारी की गंभीरता और पहले से मौजूद अन्य बीमारियां पोस्ट कोविड से जुड़े हुए कारण हैं।

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