Covid-19 : दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई थी कई की मौतें, सरकार कराए ऑडिट - संसदीय समिति

Covid-19 : संसद की स्थायी समिति ने सरकार से अपील की है कि वो कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जांच कराए। ताकि पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिल सके।

Update: 2022-09-13 06:15 GMT

Covid-19 : दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई थी कई की मौतें, सरकार कराए ऑडिट - संसदीय समिति

Covid-19 : स्वास्थ्य और परिवार कल्याण ( Ministry of Health and Family Welfare ) पर संसद की स्थायी समिति ( Parliamentary committee ) ने मोदी सरकार को झटका दिया है। संसदीय समिति की राय में कोरोना ( Coronavirus ) की दूसरी लहर ( Second wave ) के दौरान ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत ( death due to lack of oxyzen ) र्हुइं थी। इस मसले पर समिति केंद्र और राज्य सरकारों की राय से सहमत नहीं हैं। केंद्र सरकार को चाहिए कि वो ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की निष्पक्ष जांच कराए। ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके साथ ही उनकी आर्थिक मदद करना संभव हो सके।

संसद की स्थायी समिति ( Parliamentary committee ) ने अपनी एक रिपोर्ट में सिफारिश की है कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ऑक्सीजन की कमी के कारण कोविड-19 ( Covid-19 death )  की मौतों की जांच करे और पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा सुनिश्चित करे।

सरकार की अनदेखी से समिति निराश



समाजवादी पार्टी नेता और समिति के सदस्य राम गोपाल यादव ने कहा कि समिति सरकार की इस पूरी तरह से अनदेखी से निराश है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को विशेष रूप से कोविड Covid-19 : की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों की संख्या की जांच करने की जोरदार सिफारिश की थी। समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय को राज्यों के साथ मिलकर ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों का ऑडिट करना चाहिए।

स्वास्थ्य पर संसद की स्थायी समिति ने कहा कि वह सरकारी एजेंसियों से अधिक पारदर्शिता और अधिक जवाबदेही की अपेक्षा करती है। मंत्रालय को ऑक्सीजन से प्रभावित कोविड मौतों की सावधानीपूर्वक जांच करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पीड़ितों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए।

सरकार निष्पक्षता से कराए मामले की जांच

इससे हपले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण मृत्यु की पुष्टि पर अनुरोध किया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में आक्सीजन की कमी से मौत की बात को खारिज कर दिया था। इसके बाद प्रतक्रिया के तौर पर 20 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों ने बताया कि उनके यहां ऑक्सीजन की कमी से कोई कोई मौत नहीं हुई थी लेकिन संसदीय समिति ने अपने ऑब्जर्वेशन में कहा है कि मंत्रालय को राज्यों के साथ समन्वय करना चाहिए और अवश्य ही ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का ऑडिट करें। समिति ने कहा है कि मरीजों के परिवारों द्वारा ऑक्सीजन के लिए गुहार लगाने और ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए कतारों में प्रतीक्षा करने के कई उदाहरण थे।

हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकारों को लगाई थी फटकार

देशभर की मीडिया ने अस्पतालों में ऑक्सीजन से बाहर चलने और हताश अपील करने की कहानियों को चलाया था। अप्रैल 2021 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने मेडिकल ऑक्सीजन के वितरण में कथित कुप्रबंधन के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। उच्च न्यायालय ने मई 2021 में केंद्र सरकार को ऑक्सीजन के अप्रयुक्त टैंकरों को उन राज्यों से दिल्ली की ओर मोड़ने के लिए भी कहा जहां कोविड-19 की स्थिति में सुधार हो रहा था।

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