हरियाणा में दलित लड़की से दर्जनभर पुलिसकर्मियों के पुलिस हिरासत में अमानवीय गैंगरेप के खिलाफ निकली शवयात्रा

पुलिस हिरासत में दर्जनभर पुलिसवालों द्वारा दलित लड़की से गैंगरेप मामले में 4 माह बीत जाने के बावजूद नहीं किया गया है विस्तृत रूप से मेडिकल, इसके खिलाफ आवाज उठा रहे लोगों ने कहा जानबूझकर इसे किया जा रहा है लेट, ताकि पीड़िता हो जाये चुप...

Update: 2020-11-10 08:53 GMT

दलित लड़की से दर्जनभर पुलिसवालों ने किया था गैंगरेप, जिसके खिलाफ आज 10 नवंबर को विभिन्न संगठनों ने निकाली शवयात्रा

पानीपत, जनज्वार। आज 10 नवंबर को बुटाना में नाबालिग दलित लड़की से 10-12 पुलिसकर्मियों द्वारा पुलिस हिरासत में किए गए गैंगरेप के खिलाफ अंबेडकर पार्क ,सोनीपत से सुभाष चौक तक शवयात्रा निकाली गई।

यह शवयात्रा हरियाणा सरकार की मामले को गंभीरता से ना लेने की वजह से निकाली गई। शव यात्रा से पहले अंबेडकर पार्क में एक सभा का आयोजन किया गया, जिसका संचालन छात्र एकता मंच के अध्यक्ष अंकित ने किया।

अंकित ने कहा, लगभग 4 महीने से पीड़ित लड़की के लिए न्याय की मांग की जा रही है, लेकिन प्रशासन किसी तरह की सुध नहीं ले रहा है। जिला स्तरीय दौलतपुर जमानत रद्द कर दी गई है, जिसके बाद हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है, जिसमें हरियाणा सरकार को 16 तारीख तक जवाब देने का नोटिस दिया गया है। इससे पहले भी प्रदर्शनों में मुख्यमंत्री के नाम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन पत्र दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सभा की कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए SUCI के साथी ईश्वर राठी बात रखते हुए कहा बलात्कारी संस्कृति इस व्यवस्था की देन है और जब तक यह व्यवस्था नहीं खत्म होगी, तब तक इसके नुकसान से नहीं बचा जा सकता।

पुलिस हिरासत में हुई इस शर्मनाक घटना मैं सम्मिलित सभी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

छात्र अभिभावक संघ के विमल किशोर ने कहा, अभी तक पीड़ित की लड़कियों का विस्तृत रूप से मेडिकल नहीं करा गया है। इसे जानबूझकर लेट किया जा रहा है, ताकि मामले को दबाया जा सके और आगे कोई भी पीड़िता आवाज नहीं उठा सके।

जन कल्याण समिति से हुकुम सिंह जी ने बात रखी और बताया कि पुलिस का चरित्र आज से नहीं बहुत पहले से ही खराब रहा है, जिसके खिलाफ क्रांतिकारी आंदोलन ही एकमात्र रास्ता है।

इस दौरान कुछ मांगें भी सरकार के सामने रखी गयीं, जिनमें मांग की गयी कि बर्बर बलात्कार के दोषी पुलिसकर्मियों को और उनके सरपरस्तों को तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार कर कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट के कार्यरत न्यायाधीश द्वारा न्यायिक एसआईटी (SIT) गठित की जाए। निर्दोष दलित लड़कियों को तुरंत प्रभाव से रिहा किया जाए। दोनों दलित लड़कियों को शारीरिक-मानसिक-आर्थिक प्रताड़ना देने की एवज में ₹40 लाख का मुआवजा दिया जाए।

इसी के साथ पीजीआई चंडीगढ़ या एम्स दिल्ली के मेडिकल बोर्ड द्वारा पीड़िता के विस्तृत मेडिकल करवाने की मांग भी की गयी।

इस दौरान नौजवान भारत सभा, छात्र अभिभावक संघ, छात्र एकता मंच ,मजदूर अधिकार संगठन, भारतीय किसान पंचायत, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा, जन कल्याण समिति, AIDWAM, DASFI आदि संगठनों ने हिस्सा लिया।

प्रदर्शन में सचिन, अभिषेक, प्रवेश कुमारी ,विमल किशोर, हुकुमचंद ईश्वर राठी, शीलकराम समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे। 

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