तेलगांना में 13 साल की दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म, रेप का विरोध करने पर नाबालिग को जलाया

तेलगांना के खम्मम जिले में एक हाउस हेल्प का काम करने वाली 13 साल की बच्ची के साथ मालिक ने के बेटे ने रेप करने को कोशिश की , बच्ची ने जब विरोध किया तो लड़के ने उसके ऊपर कथित तौर पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी

Update: 2020-10-07 11:34 GMT

जनज्वार। यूपी के बाद तेलंगाना  में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। तेलगांना के खम्मम जिले में एक हाउस हेल्प का काम करने वाली 13 साल की बच्ची के साथ मालिक ने के बेटे ने रेप करने को कोशिश की , बच्ची ने जब विरोध किया तो लड़के ने उसके ऊपर कथित तौर पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। जिसके बाद आरोपित व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है।

मामले पर पुलिस का कहना है  कि पीड़िता के बयान के आधार पर 26 साल के आरोपी को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। बुरी तरह जलने की वजह से पीड़िता को खम्मम जिले के ही एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है। वही आरोपी  के पिता सुब्बाराव ने अपने बेटे पर लगे आरोपिं से साफ इनकार कर दिया। पिता का कहना है कि उनके बेटे ने लड़की को नहीं जलाया, ब्लकि उसने खुद को आग लगा ली।

पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 13 साल की दलित नाबालिक को उसके पिता ने एक बिजनेस मैन अल्लम सुब्बाराल के घर काम करने भेजा था। 18 सितंबर को सुब्बाराव के बेटे अल्लम मर्रेया ने बच्ची से रेप की कोशिश की थी। जब बच्ची ने इसका विरोध किया तो आरोपी ने गुस्से में आकर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। लड़की को गंभीर हालत में आरोपी के पिता ने अस्पताल में भर्ती कराया था। वहीं लड़की के घर वालों को इसकी खबर तक नहीं दी गई।

जिसके बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर उसके पिता को बताया गया कि बच्ची घर में दुर्घटना का शिकार हो गई थी, और उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया है। खम्मम पुलिस का कहना है कि ये घटना वैसे तो 18 सितंबर की है, लेकिन मामला सोमवार को तब सामने आया, जब पीड़ित लड़की को होश आया और उसने रेप की कोशिश और जलाए जाने वाली बात अपने माता पिता को बताई। पीड़िता के माता - पिता ने तुरंत पुलिस को घटना की सूचना दी और  आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।

पूरे भारत में दलित बच्चियों के साथ लगातार दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे है। हालि में हाथरस के थाना चंदपा इलाके में 14 सितंबर को 19 साल की दलित लड़की के साथ उस समय गैंगरेप हो गया, जब वो सुबह के समय दस बजे अपने मां और भाई के साथ पशुओं का चारा लेने के लिए खेतों में घास लेने के लिए गई थी। लड़की का भाई घास काटने के बाद चारा लेकर खेतों से घर चला गया था। जिसके बाद पीड़िता की मां कुछ दूरी पर जाकर घास काटने लगती है। इसी दौरान पीड़िता को अकेला पाकर गांव के रहने वाले चार युवकों ने पीड़िता को बाजरे के खेत में खींचकर उसके साथ रेप कर दिया।

अगर देश में दलित महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म के आंकड़ों की बात की जाए तो नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की इस रिपोर्ट के अनुसार दलित महिलाओं ( एससी) के खिलाफ कुल 45,935 आपराधिक घटनाएं हुईं। इसका मतलब है कि करीब 12 प्रतिशत आपराधिक घटनाएं दलित महिलाओं के साथ हुईं। 3,486 दलित महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं दर्ज की गईं। उत्तर प्रदेश में दलित महिलाओं के खिलाफ अपराध की सबसे अधिक 11,829 घटनाएं दर्ज हुईं, जो पूरे देश में दलित महिलाओं के खिलाफ होने वाली घटनाओं का 25.8 प्रतिशत है। इसके बाद राजस्थान का नंबर आता है, जहां 6,794 घटनाएं दर्ज की गईं। इस मामले में तीसरे नंबर पर बिहार है।

क्रमश: राजस्थान (554 ) उत्तर प्रदेश (537) और मध्यप्रदेश (510) में दलित महिलाओं के साथ सबसे अधिक बलात्कार की घटनाएं दर्ज हुईं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरों (NCRB) के 2017 के आकंड़ों की बात की जाए तो इसी दौरान उत्तर प्रदेश को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्य माना गया था। 2017 में उत्तर प्रदेश में अकेले 56111 हजार से ज्यादा केस महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म से संबंधित मामलों में आए थे। इसके बाद 2018 में इन केसों में बढ़ोतरी होकर कुल 59445 और 2019 में 59853 मामले महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म से संबंधित मामले सामने आए जो किसी भी अन्य राज्य की तुलना में काफी ज्यादा है।

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