राजस्थान में अंबेडकर का पोस्टर लगाने पर दलित युवक की OBC के दबंगों ने पीट-पीटकर की हत्या

मृतक युवा के परिजनों का आरोप है कि जब OBC युवाओं ने विनोद और उसके भाई पर हमला किया तो वो लोग मारपीट और जातिवादी गालियां देने के साथ लगातार एक ही बात कह रहे थे कि आज हम तुम्हें तुम्हारा अंबेडकरवाद याद दिलायेंगे...

Update: 2021-06-10 03:50 GMT

विनोद मेघवाल : अंबेडकर जयंती मनाना और घर पर पोस्टर लगाना नहीं आया ओबीसी के गुंडों को रास, पीट-पीटकर कर दी हत्या

जनज्वार। दलितों के साथ उच्च जातियों द्वारा उत्पीड़न की तमाम खबरें आये दिन मीडिया की सुर्खियां बनती रहती हैं, मगर अब पिछड़ी जातियां भी दलितों का शोषण करने में बढ़-चढ़कर सामने आ रही हैं। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के हनुमानगढ़ से सामने आ रहा है, जहां पिछड़े समुदाय के लोगों ने दलित युवक को इसलिए नृशंसता से पीटा, क्योंकि उसने अपने मकान पर अंबेडकर का पोस्टर लगाया था। एक ​दिन बाद गंभीर रूप से घायल दलित युवक की मौत भी हो गयी।

मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक यह घटना राजस्थान के हनुमानगढ़ में 5 जून को पिछड़ी जाति से संबंध रखने वाले समुदाय के लोगों ने विनोद नाम के युवक की पीट-पीटकर हत्या सिर्फ इसलिए कर दी, क्योंकि उसने अपने घर पर अंबेडकर का पोस्टर लगाया था।

मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक दलित युवक विनोद मेघवाल राजस्थान के हनुमानगढ़ का रहने वाला था और भीम आर्मी से जुड़ा हुआ था।

विनोद मेघवाले के परिवार द्वारा आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गयी एफआईआर के मुताबिक, 14 अप्रैल को विनोद मेघवाल और उनके भाई मुकेश मेघवाल ने अपनी जाति के ही कुछ अन्य युवाओं के साथ मिलकर गांव में ही भीमराव आंबेडकर की जयंती मनाई और अपने मकान पर आंबेडकर का बैनर भी लगाया था।

एफआईआर के मुताबिक 24 मई 2021 को स्थानीय युवक राकेश सिहाग और उनके भाई अनिल सिहाग उनके घर पहुंचे और घर के बाहर लगे बाबा साहेब के बैनर को फाड़ दिए। FIR में मृतक विनोद के परिजनों ने जानकारी दी है कि राकेश सिहाग और अनिल सिहाग जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। पोस्टर फाड़ने की घटना के बाद दोनों पक्षों में विवाद हुआ, जिसके बाद पंचायत ने दोनों को बुलाकर राजीनामा करवाया था।

मृतक विनोद के ​परिजनों द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक इस घटना के बाद 5 जून की शाम को राकेश सिहाग और उसके कुछ साथियों ने विनोद मेघवाल और उसके मुकेश मेघवाल को उनके खेत के पास रोका और गाली-गलौच के साथ-साथ मारपीट भी शुरू कर दी। राकेश सिहाग और उसके साथियों ने विनोद और मुकेश को बुरी तरह पीटा। विनोद मेघवाल के सिर पर लाठियों से बुरी तरह वार किया गया, जिससे उसकी हालत बहुत खराब हो गयी। उसे मरा हुआ जानकार हमलावर वहां से भाग गये।

परिवार वाले विनोद को गंभीर हालत में स्थानीय रावतसर अस्पताल ले गये, जहां से स्थिति क्रिटिकल होने के कारण उसे हनुमानगढ़ अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया, जिसके अगले ही दिन यानी 6 जून को इलाज के दौरान विनोद मेघवाल की मौत हो गयी।

आरोपियों पर इस मामले में धारा 302 और SC-ST ऐक्ट समेत तमाम धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने परिवार द्वारा नामजद 4 आरोपियों में से 2 अनिल सिहाग और राकेश सिहाग को गिरफ्तार कर लिया है।

परिजनों द्वारा दर्ज एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि जब पिछड़ी जाति के युवाओं ने विनोद और उसके भाई पर हमला किया तो वो लोग मारपीट और जातिवादी गालियां देने के साथ लगातार एक ही बात कह रहे थे कि आज हम तुम्हें तुम्हारा अंबेडकरवाद याद दिलायेंगे।

विनोद मेघवाल की मौत के बाद मेघवाल समाज और भीम आर्मी ने स्थानीय स्तर पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। आंबेडकर का बैनर फाड़ने वाली बात से माहौल वहां पहले ही तनावपूर्ण था और विनोद की मौत के बाद तनाव और ज्यादा बढ़ गया।

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इस मामले में DSP रणवीर मीणा ने पीड़ित परिवार की कोई मदद नहीं की, इसलिए उन्हें जल्द से जल्द निलंबित किया जाये। प्रदर्शनकारियों ने पीड़ित परिवार के लिए 50 लाख रुपये मुआवजे की भी मांग उठायी है।

घटना की जानकारी सामने आने के बाद ट्वीटर पर #JusticeForVinod ट्रेंड करने लगा और लोग लगातार न्याय की गुहार लगा रहे हैं। भीम आर्मी ने इसके बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन की भी अपील की।  

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