UP : दबंगों ने जेसीबी से ढहाया था नवनिर्वाचित मुस्लिम BDC सदस्य का घर, BJP प्रत्याशी को वोट देने से किया था इंकार

घर गिराने की घटना ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी को वोट देने के लिए मैनुद्दीन को दिए गए प्रलोभन और निर्देशों के आगे न झुकने के कारण हुई, इसके अलाव दबंग लोग उक्त जमीन को खाली भी कराना चाहते थे इसलिए नवनिर्वाचित मुस्लिम बीडीसी सदस्य का घर ढहा दिया गया...

Update: 2021-07-15 17:56 GMT

नवनिर्वाचित मुस्लिम बीडीसी मेंबर ने भाजपा ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी को वोट देने से किया इंकार तो ढहा दिया गया उसका घर

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के गोंडा में 11 जुलाई को नवनिर्वाचित मुस्लिम बीडीसी सदस्य का घर दबंग ठाकुरों द्वारा जेसीबी द्वारा ढहाने का मामला सामने आया था। इस मामले में पीड़ित पक्ष ने कहा था कि चूंकि उसने ब्लॉक प्रमुख के लिए भाजपा प्रत्याशी को वोट देने से इंकार किया था, इसलिए दबंग ठाकुरों ने उसका घर ढहा दिया।

भाकपा (माले) की तीन सदस्यीय टीम ने गोंडा में परसपुर थाना क्षेत्र के नंदौर गांव का दौरा कर पीड़ित अल्पसंख्यक परिवार से भेंट की। पीड़ित ने बताया कि दबंग ठाकुरों ने जेसीबी चलवाकर नवनिर्वाचित बीडीसी सदस्य मैनुद्दीन का घर जमींदोज करा दिया था।

जांच टीम ने घटनास्थल से लौटकर कहा कि घर गिराने की घटना ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी को वोट देने के लिए मैनुद्दीन को दिए गए प्रलोभन और निर्देशों के आगे न झुकने के कारण हुई। इसके अलावा, दबंग लोग उक्त जमीन को खाली भी कराना चाहते थे। हालांकि भाजपा का ब्लाक प्रमुख प्रत्याशी अंत समय में 'निर्विरोध' जीत गया, क्योंकि विपक्षी प्रत्याशी का नामांकन ही दाखिल नहीं हो पाया। जीतने के बाद दबंगों का मनोबल बढ़ा। उन्होंने इस मौके को सबक सिखाने और जमीन खाली कराने के अवसर के रूप में भुनाया।

जांच टीम को मैनुद्दीन ने बताया कि चुनाव परिणाम घोषणा के अगले दिन यानी 11 जुलाई की शाम जब वह घर पर नहीं थे, दबंगों ने भाजपा नेता व पसका गांव प्रधान की जेसीबी मशीन बुलाकर उनके कच्चे छप्पर मकान सहित पेड़ों को जड़ से उखाड़ कर जमीन को समतल करा दिया। गृहस्थी के सामान को तहस-नहस कर दिया।

टीम ने पड़ताल के बाद कहा कि घटना भाजपा के इशारे पर अंजाम दी गई। इस घटना के फोटो-वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने पर ही प्रशासन हरकत में आया। कर्नलगंज के एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर घर की नाप करवाई, जिसमें उक्त जमीन पुरानी आबादी में पायी गई। मुख्य अभियुक्त यशवंत सिंह, जो सत्ताधारी दल से जुड़ा है, गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर छूट गया है।

टीम ने कहा कि फिलहाल घटनास्थल पर थाने के दो पुलिसकर्मी तैनात हैं। वहीं मैनुद्दीन का परिवार एक टीन शेड के नीचे भय के माहौल में रहने को मजबूर है। गौरतलब है कि गांव में मुस्लिम आबादी नाममात्र की है, इसके बावजूद मैनुद्दीन को लोगों ने जिताया था।

जांच टीम में माले राज्य कमेटी सदस्य राधेश्याम मौर्य, अमरनाथ सिंह व शिवराम शामिल थे। टीम की रिपोर्ट मिलने पर माले राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि योगी की सरकार में न दलित सुरक्षित हैं, न महिला और न ही अल्पसंख्यक। यह सरकार समाज के कमजोर हिस्सों को सुरक्षा देने के बजाय उनके उत्पीड़न के लिए कुख्यात हुई है। सरकारी संरक्षण के चलते दबंगई सातवें आसमान पर है। अल्पसंख्यकों को खासकर निशाना बनाया जा रहा है और वे सर्वाधिक असुरक्षित हैं। विधानसभा चुनाव करीब आने के साथ ही भाजपा की ध्रुवीकरण की कोशिशें तेज हो गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिरोध और एकजुटता के बल पर इसका मुकाबला करना होगा।

इस घटना के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के पूर्व मंत्री रहे योगेश प्रताप सिंह व सपा नेता मसूद आलम खां को नंदौर गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से भेंट करने को कहा।

पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने भी इस घटना में पीड़ित परिवार से मिलने के बाद कहा, समाजवादी पार्टी बीडीसी सदस्य मैनुद्दीन के साथ है और उसके साथ हुए अन्याय के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। गांव के लोगों ने बताया कि मैनुद्दीन के पूर्वज 80 वर्षों से इस जगह रहते थे, दबंगों ने सत्ता के शह पर जेसीबी मशीन से घर को नेस्तनाबूद कर दिया।

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