सार्वजनिक हैंडपंप से पानी पिया तो दलित को दबंगों ने बुरी तरह पीटा, इलाज के दौरान मौत के बाद ग्रामीणों ने लाश के साथ किया हंगामा

दलित युवक की मौत के बाद जब परिजनों के साथ मिलकर ग्रामीणों ने बवाल काटा है तो पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी, उनके घरों की कुर्की और हरिजन एक्ट के तहत मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया है...

Update: 2021-05-24 04:02 GMT

जनज्वार। समाज में तमाम तरह की बराबरी की बात सिर्फ हवा हवाई होती है, दलितों के साथ आज भी वैसा ही व्यवहार होता है जैसे पहले होता आ रहा है। दलित उत्पीड़न में न केवल समाज बल्कि पुलिस प्रशासन भी शामिल रहता है। कर्नाटक में पुलिस ने एक दलित युवक को पानी मांगने पर न सिर्फ बुरी तरह ​पीटा था, बल्कि पेशाब पिला दिया था। अब एक खबर बिहार से सामने आयी है। यहां सार्वजनिक हैंडपंप पर पानी पीने के बाद 15 मई को एक दलित युवक को सवर्ण जाति से ताल्लुक रखने वाले दबंगों ने लाठी-डंडों से पीटा, इलाज के दौरान उस युवक की मौत हो गयी।

मीडिया में सामने आई जानकारी के मुताबिक बिहार के छपरा में एक दलित युवक को इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया, क्योंकि उसने गांव के सार्वजनिक हैंडपंप का इस्तेमाल पानी पीने के लिए किया था। इससे गुस्साये गांव के ही कुछ सवर्ण दबंग युवकों ने दलित युवक को लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटकर लहूलुहान कर दिया। इलाज के अस्पताल के दौरान 23 मई को पीड़ित दलित युवक की मौत हो गयी।

इस घटना की सूचना पर छपरा जनपद के गरखा विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुरेंद्र समेत तमाम अन्य लोग मौके पर पहुंचे और उन्होंने मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है। आरोपी ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया है, मगर घटना के बाद से गांव में भारी तनाव व्याप्त है।

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यहां सवाल यह भी उठता है कि घटना के लगभग 14 दिन बीत जाने और नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाने के बावजूद अभी तक पुलिस किस बात का इंतजार कर रही थी, क्यों नहीं अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी हो पायी है। अब जब परिजनों के साथ मिलकर ग्रामीणों ने बवाल काटा है तो पुलिस ने आरोपियों के घरों की कुर्की और हरिजन एक्ट के तहत मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया है। इस मामले में 14 लोग को अभियुक्त बनाया गया है।

दलित शख्स की पिटाई से मौत का यह मामला छपरा के भेल्दी थाना इलाके के मौलानापुर गांव का बताया है। मृतक युवक का नाम शिवप्रसाद राम है। 15 मई को मौलनापुर निवासी चुल्हन राम के पुत्र चंदन कुमार राम ने रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि 12 मई को उसके घर के आधा दर्जन सदस्य जब गांव के सार्वजनिक चापाकल पर हाथ पैर-धो रहे थे, तभी रंजीत कुमार द्विवेदी बाइक से आया और पिस्तौल लहराते हुए गाली-गलौच और मारपीट करने लगा। रंजीत कुमार द्विवेदी के साथ करीब आधा दर्जन अन्य लोग भी वहां आये थे। वो लोग उन्हें सार्वजनिक हैंडपंड का इस्तेमाल करने और वहां से पानी लेने से मना कर रहे थे। उसके बाद इन दबंग सवर्ण युवकों ने दलित परिवार पर लाठी-डंडे, रॉड और फरसा से हमला कर दिया, जिसमें परिवार के सभी लोग घायल हो गये।

सामने आई जानकारी के मुताबिक हमले में बुरी तरह घायल दलित युवक शिवप्रसाद राम की 23 मई को पटना में इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने भेल्दी के पास सड़क जाम कर दी। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दलितों पर हमला करने वाले सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और उन्हें कड़ी सजा दिलाने की मांग की। साथ ही मृतक के परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की की भी मांग की गयी।

मृतक शिवप्रसाद राम की लाश पटना से लाने के बाद आक्रोशित भीड़ ने एनएच 722 पर मोलनापुर शिवमंदिर के नजदीक शव को रखकर बांस-बल्ले से एनएच को घेर लिया और रास्ता जाम कर दिया था। आक्रोशित भीड़ कह रही थी कि जब तक हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होगी विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। घटना की सूचना मिलते गड़खा विधायक सुरेंद्र राम, सारण जिला राजद अध्यक्ष सुनील राय मौके पर पहुंचे और आक्रोशितों को समझा-बुझाकर किसी तरह शांत कराया। नेताओं की तरफ से आश्वासन मिलने के बाद आक्रोशित भीड़ ने शिवप्रसाद की लाश वहां से उठायी और जाम खत्म किया।

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