UP : मऊ में दलित युवक की गोली मारकर हत्या, परिवार का आरोप हत्यारोपी कई बार दे चुके थे जान से मारने की धमकी

घटना के बाद रिहाई मंच ने पीड़ित परिवार से की मुलाक़ात, दोषियों पर सख़्त कार्यवाही की रखी मांग, हत्यारोपी मृतक युवक के ग्राम प्रधान चाचा को भी उतार चुका है मौत के घाट....

Update: 2021-01-14 12:57 GMT

लखनऊ, जनज्वार। उत्तर प्रदेश के मऊ के असलपुर गांव में एक दलित युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गयी। इससे पहले युवक के चाचा जो कि प्रधान थे उनकी भी हत्या कर दी गयी थी। रिहाई मंच ने इस घटना की तीव्र निंदा करते हुए हत्यारों की गिरफ्तारी और दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग उठायी है।

इस घटना के बारे में रिहाई मंच महासचिव राजीय यादव ने बताया कि ग्राम असलपुर, थाना चिरैयाकोट जनपद मऊ में 12 जनवरी शाम सात बजे दलित युवक अरविंद कुमार पुत्र जीउत राम की हत्या कर दी गयी थी। इस घटना के बाद एडवोकेट विनोद यादव के साथ अवधेश यादव और पिंटू रिहाई मंच के तीन सदस्यीय दल ने असलपुर का दौरा किया और घटना की जानकारी प्राप्त की।

घटनास्थल का दौरा करके लौटे विनोद यादव ने बताया, अरविंद कुमार सेना/पुलिस में भर्ती की तैयारी कर रहे थे। वह रोज की तरह 12 जनवरी की शाम को भी तीन अन्य युवकों के साथ दौड़ के लिए गए थे। गांव से करीब डेढ़ दो सौ मीटर दूर हथियारों से लैस राहुल सिंह पुत्र मृगेंद्र सिंह और अन्य दो व्यक्तियों ने उन लोगों को रोक लिया। अन्य दो युवकों को तमंचे से मारकर वहां से भगा दिया और अरविंद को जान से मारने की बात करने लगे। दोनों युवकों ने गांव में पहुंच कर घटना के बारे में बताया। जब तक गांव के लोग इकट्ठा होकर घटनास्थल तक पहुंचे, अपराधी अरविंद की हत्या कर फरार हो चुके थे।

फैक्ट फाइंडिंग टीम के मुताबिक, अरविंद की बहन ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि गांव के ही राहुल सिंह ने करीब डेढ़ साल पहले अरविंद के चाचा व ग्राम प्रधान मुन्ना राम की हत्या कर दी थी, लेकिन राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण राहुल सिंह की गिरफ्तारी तक नहीं हुई थी। अरविंद की बहन ने यह भी बताया कि उसका भाई अरविंद अपने चाचा मुन्ना राम से बहुत करीब था और वहीं उनकी हत्या के मामले की पैरवी भी कर रहा था।


विनोद यादव ने कहा कि इस बीच कई बार अरविंद को राहुल सिंह ने कई बार धमकी दी थी और मुन्ना राम की हत्या मामले में पैरवी से विरत रहने को कहा था। शिकायत करने के बावजूद पुलिस प्रशासन ने न तो राहुल को गिरफ्तार किया और न ही अरविंद की सुरक्षा की कोई व्यवस्था की।

युवक की हत्या में पूर्व प्रधान की हत्या के आरोपी राहुल सिंह के नामजद होने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि कि क्या राहुल वर्चस्व को स्थापित करने के लिए निर्दोष दलित युवा अरविंद को मौत के घाट उतार दिया था, क्योंकि अरविंद का पूर्व प्रधान चमुन्ना बागी से सीधा कोई संबंध नही था, न ही वह पूर्व प्रधान की हत्या में गवाह था।  

जानकारी के मुताबिक असलपुर गांव में मंगलवार 12 जनवरी की रात हुई अरविंद की हत्या में नामजद राहुल सिंह 8 सितंबर 2019 को हुई पूर्व प्रधान मुन्ना बागी की हत्या में भी नामजद आरोपी है। उसकी गिरफ्तार न हो पाने पर पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर उसके घर की कुर्की की थी और उस पर पचास हजार रुपये का पुरस्कार घोषित कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया था।

इस मामले में मृतक युवक के पिता जीउत ने मीडिया को बताया कि पूर्व प्रधान मुन्ना बागी की हत्या में उसके भाई शंभूनाथ गवाह हैं। रही रिश्ते की बात को मुन्ना भी उसके चचेरे भाई थे, लेकिन अरविंद का मुन्ना बागी की हत्या से कोई सरोकार नहीं था। 

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