उन्नाव कांड में 8 ट्विटर हैंडल के खिलाफ FIR दर्ज, दंगा फैलाने के इरादे से अफवाह फैलाने का आरोप
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सोशल मीडिया पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। उन्नाव पुलिस ने जिले के बबुरहा गांव में खेत में मृत पाई गईं दो नाबालिग लड़कियों के शवों की बरामदगी के संबंध में 'भ्रामक सूचना' फैलाने के आरोप में आठ ट्विटर हैंडल और इनके यूजर्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है, जिसमें 'द मोजो स्टोरी' नाम से बना एक अकाउंट भी है, जिसे वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त चलाती हैं।
अन्य जिन हैंडल्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई हैं, उनमें भीम सेना चीफ (नवाब सतपाल तंवर द्वारा संचालित), निलिम दत्ता, जनजागरण लाइव, सूरज कुमार बौध (आजाद समाज पार्टी के प्रवक्ता), विजय अंबेडकर यूपी, अभय कुमार आजाद 97 और राहुल दिवाकर शामिल हैं।
इससे पहले, शनिवार को पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता उदित राज के खिलाफ उन्नाव पुलिस ने कथित रूप से अपने ट्वीट के माध्यम से गलत सूचना फैलाने के लिए मामला दर्ज कर चुकी है।
भाजपा से पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता उदित राज के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, क्योंकि उन्होंने अपने एक ट़्वीट में दावा किया है कि उन्नाव के बबुरहा में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई दलित लड़कियों की मौत दुष्कर्म का मामला है और पुलिस इनके परिवार के खिलाफ जाकर बच्चियों के शव को जला दिया है। उदित राज ने शुक्रवार 19 फरवरी को ट्विटर पर अपनी यह बात रखी।
उन्नाव पुलिस ने दावा किया कि इन आठ ट्विटर हैंडल के यूजर्स के द्वारा ट्वीट किया गया है कि खेतों में मृत पाई गईं इन दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया है और उनका अंतिम संस्कार उनके परिवारों की इच्छा के खिलाफ किया गया है।
इन ट्विटर यूजर्स पर दंगे फैलाने के इरादे से अफवाहों का प्रसार करने और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यूपी सरकार द्वारा उन्नाव मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद उदित राज ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है, 'सीएम योगी जी के निर्देश पर मेरे खिलाफ उन्नाव की पुलिस ने FIR दर्ज किया है। दलित बच्चियों की मां कह रही है कि उनके साथ गलत काम करके मारा गया। यही सच मैंने बोला तो अफवाह कैसे हुआ? योगी जी मुझे डरा नही सकते। जान चली जाए फिर भी अन्याय के खिलाफ खड़ा रहूंगा।'
एक अन्य ट्वीट में उदित राज ने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है, 'बीजेपी के मंत्री आंदोलित किसानों को खालिस्तानी कहें तो अफवाह नही फैलती। जब मैं उन्नाव में मृत दलित बच्चियों का मामला उठाया तो अफवाह है।योगी जी FIR दर्ज करा देते हैं। मामला साफ है पीड़ित दलित हैं & मैं भी। हमारी हिम्मत बोलने की कैसे हो गई?'