आजादी के बाद पहली बार किसी महिला को होगी फांसी, प्रेमी संग मिलकर 7 परिजनों की हत्या की दोषी है शबनम

बताया जाता है कि निर्भया कांड के आरोपियों को फांसी पर लटकाने वाले मेरठ के जल्लाद पवन ही इस महिला को भी फांसी पर लटकाएंगे, इसे लेकर पवन दो बार फांसीघर का निरीक्षण भी कर चुके हैं..

Update: 2021-02-17 10:09 GMT

जनज्वार ब्यूरो/मेरठ। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित राज्य के इकलौते महिला फांसीघर में अमरोहा निवासी वाली शबनम को फांसी पर लटकाने की तैयारी शुरू हो गई है, हालांकि फांसी की तारीख अभी तय नहीं हुई है।

बताया जाता है कि निर्भया कांड के आरोपियों को फांसी पर लटकाने वाले मेरठ के जल्लाद पवन ही इस महिला को भी फांसी पर लटकाएंगे। इसे लेकर पवन दो बार फांसीघर का निरीक्षण भी कर चुके हैं।

बता दें कि उत्तरप्रदेश के अमरोहा जिले की रहने वाली शबनम पर आरोप है कि अप्रैल 2008 में प्रेमी के साथ मिलकर अपने सात परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की फांसी की सजा बरकरार रखी। राष्ट्रपति की ओर से भी उसकी दया याचिका खारिज की जा चुकी है। लिहाजा आजादी के बाद शबनम पहली महिला कैदी होगी जिसे फांसी पर लटकाया जाएगा।

हालांकि बताया जाता है कि करीब 22 वर्ष पूर्व भी मथुरा जेल में हत्या के जुर्म में बुंदेलखंड की महिला रामश्री को फांसी लगाने की तैयारी की गयी थी। परंतु, तब महिला संगठनों की आवाज पर राष्ट्रपति ने उसकी फांसी को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। उस समय भी मथुरा का महिला फांसी घर सुर्खियों में आ गया था।

मथुरा की जिला जेल यूपी की इकलौती ऐसी जेल है, जिसमें महिलाओं को फांसी लगाई जा सकती है। यह व्यवस्था अंग्रेजों के समय की है। शबनम की उम्र करीब 38 वर्ष बताई जाती है और उसको एक पुत्र भी है, जो लगभग 12 वर्ष का बताया जाता है।

बताया जा रहा है कि शबनम के पुत्र का जन्म जेल में ही हुआ था, चूंकि उसके जन्म के वक्त वह जेल में बंद थी। हत्या के आरोप में गिरफ्तारी के वक्त शबनम गर्भवती थी। सात साल उसका बेटा जेल में ही पला। अब वह एक व्यक्ति के देखरेख में है।

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