Kanpur News: कानपुर के स्कूल में दलित बच्चों के साथ खुलेआम भेदभाव का आरोप, मिड डे मिल के लिए घर से लाने पड़ते हैं बर्तन
Kanpur News: कानपुर देहात के प्राथमिक स्कूल में बच्चों के साथ खुलेआम भेदभाव हो रहा है, इस विद्यालय में दलित बच्चों को मिड डे मील के लिए बर्तन अपने घर से लाने होते हैं, वह स्कूल की थाली मैं खाना नहीं खा सकते हैं...
Kanpur News: उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर देहात के एक विद्यालय में दलित बच्चों के साथ भेदभाव का मामला सामने आया है। जहां आज हमारा देश ऊंचाइयों को छू रहा है और सरकार लगातार शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के प्रयास कर रही है, वहीं कानपुर देहात के प्राथमिक स्कूल में बच्चों के साथ खुलेआम भेदभाव हो रहा है। इस विद्यालय में दलित बच्चों को मिड डे मील के लिए बर्तन अपने घर से लाने होते हैं। वह स्कूल की थाली मैं खाना नहीं खा सकते हैं। इस मामले के खुलासे के बाद जिला प्रशासन ने बड़ी संख्या में पुलिस बल और अधिकारियों की टीम स्कूल रवाना की ताकि मामले के पीछे का सच जाना जा सके।
मिड डे मिल खाने के लिए बर्तन अपने घर से लाते हैं दलित छात्र
बता दें कानपुर देहात के डिलवल प्राथमिक विद्यालय से ये पूरा मामला सामने आया है। दरअसल कानपुर देहात के डिलवल क्षेत्र में संचालित हो रहा यह प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों ने स्कूल के प्रधानाचार्य पर यह आरोप लगाया है कि यहां उनके साथ जातिवाद के नाम पर भेदभाव किया जाता है। दरअसल सरकार द्वारा चलाई जा रही बच्चों के लिए मध्यान भोजन योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले खाने के लिए स्कूल में एक आदेश जारी किया गया है और इस आदेश के अंतर्गत दलित वर्ग के किसी भी बच्चे को स्कूल में मिलने वाला मिड डे मिल खाने के लिए अपने घर से ही बर्तन लेकर आने पड़ेंगे। स्कूल से उन्हें मिड डे मिल में कोई भी बर्तन में खाना नहीं दिया जाएगा और ना ही इन बच्चों के खाए हुए जूठे बर्तन स्कूल का कोई भी सवर्ण कर्मचारी नहीं धोएगा। यह बात जैसे ही सामने आई स्कूल में पढ़ने वाले तमाम बच्चों के अभिभावक स्कूल पहुंचे और जमकर वहा अपना गुस्सा जाहिर किया। तनाव बढ़ते देख जिला प्रशासन ने भारी मात्रा में मौके पर पुलिस बल और अधिकारियों की टीम को रवाना कर दिया, जिसके बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस और अधिकारियों ने इस बात की पड़ताल की और मामले को शांत कराया।
रोज नशे की हालत में स्कूल आते हैं प्रधानाचार्य
स्कूल में पढ़ रहे बच्चों ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि प्रधानाचार्य रोज स्कूल में शराब पीकर आते हैं। स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक का कहना है कि स्कूल के प्रधानाचार्य अरुण कुमार शुक्ला अक्सर नशे की हालत में विद्यालय आते हैं और विद्यालय में रसोइए को प्रधानाचार्य द्वारा यह हिदायत दी गई कि दलित बच्चों के जूठे बर्तनों को स्कूल में नहीं धोया जाएगा।
इस पूरे मामले में स्कूल के दलित बच्चों ने मीडिया को बताया, मास्टर साहब ने कहा है कि खाने के लिए बर्तन घर से लेकर आओ, तुम नीची जात के हो।वहीं इस पूरे मामले में जब प्रधानाचार्य अरुण कुमार शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर दिया और उनका कहना है कि मेरे खिलाफ स्कूल में पढ़ाने वाले कुछ शिक्षक षड्यंत्र रच रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि यह शिक्षक स्कूल समय में अपना काम निष्ठा से नहीं करते हैं, जिसका उन्होंने विरोध किया था, जिसके बाद शिक्षकों ने कुछ बच्चों और अभिभावकों को इस बात के लिए भड़काया और यहां पर इकट्ठा करके बवाल करवा दिया।
कानपुर देहात की जिलाधिकारी नेहा जैन ने कहा कि इस तरीके के भेदभाव को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस तरह का कार्यकलाप करने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं मामले में जिले की बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडे ने कहा कि एक टीम गठित की जाएगी और पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने दोषी पाए जाने पर शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।