भिखारी विकलांग महिला से बेटी ढूढ़ने के बदले 12 हजार घूस मांगने पर ट्रोल हुयी थी कानपुर पुलिस, अब लड़की बरामद और आरोपी गिरफ्तार
लड़की की दिव्यांग मां ने आरोपी के खिलाफ नामदर्ज रिपोर्ट कराई थी, रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने लड़की को खोजने के नाम पर मानवीयता की तमाम हदें पार करते हुए 12 हजार रुपये ऐंठ लिए थे, जो बुजुर्ग महिला ने भीख मांगकर जुटाए थे...
जनज्वार, कानपुर। उत्तर प्रदेश पुलिस ने तमाम किरकिरी कराने के बाद आखिर अगवा हुई किशोरी को तलाश कर लिया है। पुलिस ने बुधवार 3 जनवरी को नौबस्ता के बम्बा एरिया से आरोपी को भी अरेस्ट कर लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।
लड़की की दिव्यांग मां ने आरोपी के खिलाफ नामदर्ज रिपोर्ट कराई थी, रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने लड़की को खोजने के नाम पर मानवीयता की तमाम हदें पार करते हुए 12 हजार रुपये ऐंठ लिए थे, जो बुजुर्ग महिला ने भीख मांगकर जुटाए थे।
कानपुर के चकेरी सनिगवां से 7 जनवरी को 16 वर्षीय किशोरी के अपहरण हो गया था। किशोरी की दिव्यांग बूढ़ी मां किशोरी के दूर के चचेरे भाई सहित 7 लोगों के खिलाफ नामदर्ज रिपोर्ट व दो अज्ञात के खिलाफ साजिशन अपहरण करने का केस दर्ज करवाया था। किशोरी को खोजने के नाम पर सनिगवां चौकी इंचार्ज राजपाल सिंह व दारोगा अरुण कुमार ने दिव्यांग बूढ़ी मां से डीजल भरवाने के नाम पर 12 हजार रुपये वसूल लिए थे।
दो दिन पहले डीआईजी से मिली दिव्यांग मां ने पूरी आपबीती सुनाई, जिसके बाद डीआईजी ने दोनों दरोगाओं को सस्पेंड कर दिया था। कानपुर पुलिस ने किशोरी की बरामदगी के लिए 4 टीमें लगाई थीं। इंस्पेक्टर चकेरी दधिबल तिवारी ने बताया कि किशोरी मिल गयी है। उसका मेडिकल करवाकर मामले की जांच कराई जा रही है।
पुलिस ने आरोपी ठाकुर का मोबाइल नम्बर सर्विलांस पर लगाया तो नम्बर चालू था। नम्बर की लोकेशन नौबस्ता में मिली, इसी आधार पर उसे ट्रेस किया गया। जांच में पता चला कि जिस दिन से किशोरी अगुवा हुई उसी दिन से ठाकुर यह नम्बर चला रहा था। इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि पुलिसकर्मियों ने किस हद तक लापरवाही बरती। पेशे से मजदूर ठाकुर यहां की नट बस्ती में रह रहा था।
यूपी पुलिस पर समय समय पर वसूली और लूटपाट के आरोप लगते रहते हैं। चकेरी की वारदात ने एक बार फिर महकमे को शर्मसार किया है। दरोगाओं ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दीं। यह तब है जब सरकार पुलिसकर्मियों के डीजल से लेकर चाय पानी तक का खर्चा खुद उठाती है। बावजूद इसके दबिश के नाम पर अक्सर पीड़ित से ही वसूली की जाती है। जबकि पुलिस को दबिश मारने के दौरान डीजल सहित टीए-डीए तक दिया जाता है।
शहर में इस समय 58 पीआरवी गाड़ियां और 53 जेब्रा मोटरसाइकिलें हैं। थाने और चौकी में सरकारी जीपें हैं। विभाग हर महीने प्रत्येक थाने की जीपों को 2 सौ लीटर डीजल उपलब्ध करवाता है। पीआरवी गाड़ियों के लिए 20 हजार का डीजल और जेब्रा के लिए 5 हजार प्रतिमाह का पेट्रोल दिया जाता है। और तो और खपत अधिक होने पर विभाग ही देता है, बस आलाधिकारियों से बिल पास करवाना होता है। साथ ही एसएसपी की मंजूरी के बाद थाने चौकी में चाय नाश्ता और स्टेशनरी तक का खर्च देय होता है।
आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल का कहना है कि 'पुलिसकर्मियों के खिलाफ जो भी शिकायतें आती हैं, उसकी जांच कर कार्रवाई की जाती है। भ्रष्टाचार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में सभी रेंज के कप्तानों को निर्देश दिए गए हैं।'