बिहार के बक्सर में गंगा में तैरती लाशों पर हाईकोर्ट हुआ सख्त, शवों को नोंच रहे थे कुत्ते और गिद्ध
पुलिस का कहना है गंगा नदी में शवों का अंबार मिलने के बाद काफी पड़ताल की गयी जिसमें यह पाया गया कि उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक महकमे के आदेश पर ही शवों को बिहार की सीमा में फेंका जाता है....
जनज्वार। सोमवार 10 मई को यूपी के गाजीपुर जिले के बारा गांव से लेकर बक्सर जिले के चौसा श्मशान घाट तक गंगा में तैरती हुई लाशें दिखायी दी थीं। जिनके बारे में अब मीडिया में स्पष्ट हो चुका है कि इनकी संख्या 200 से भी ज्यादा थी। अब यह मामला तूल पकड़ रहा है। बिहार शासन—प्रशासन का कहना है यह लाशें यूपी से बहायी जा रही हैं और इससे संबंधित वीडियो भी सामने आ चुका है जिसमें एक व्यक्ति ने स्वीकारा है कि यूपी के बारा पुलिस ने उसे लाशें गंगा में फेंकने के लिए कहा है।
अब बिहार के बक्सर जिले में गंगा घाटों पर लाश मिलने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अब पटना हाईकोर्ट ने भी नीतीश सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह कल 13 मई तक इसका जवाब दे कि गंगा में आखिर इतनी लाशें आयी कहां से। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए बक्सर के पास गंगा नदी में पाए गए शवों के संबंध में नीतीश सरकार से स्पष्टीकरण देने को कहा है।
इस मामले में नीतीश कुमार सरकार ने पटना हाईकोर्ट को बताया है कि उसने एक बारह सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी कोविड प्रबंधन के लिए राज्य सरकार को विशेष राय और परामर्श देगी।
गौरतलब है कि दो दिन पहले बक्सर जिले में गंगा नदी के किनारे एक साथ लगभग 150 लाशें मिलने से हड़कंप मच गया था। माना जा रहा है कि सभी शव कोरोना संक्रमित मरीजों के हैं। सरकार ने भी मंगलवार 11 मई को स्वीकार किया कि बक्सर जिले में गंगा से अबतक कुल 71 शव निकाले गए हैं।
गौरतलब है कि गिद्ध और कुत्ते शवों को नोच-नोच कर अपना आहार बना रहे थे, जिससे कि वहां नजारा और भी वीभत्स हो गया था। स्थानीय अधिकारियों की तरफ से भी इसे साफ करने को लेकर कोई पहल नहीं की गई। ऐसे में परेशान हो चुके स्थानीय लोगों ने मीडिया को इस बात की जानकारी दी। लोगों ने बताया कि चौसा, मिश्रवलिया, कटघरवा समेत दर्जनों गांव के लोग घाट पर शवदाह के लिए आते हैं लेकिन यहां की स्थिति देखकर अब वह दहशत से भर गए हैं। पहले जहां पांच से छह हजार रुपये में अंतिम संस्कार हो जाया करता था, वहां अब 14 से 15 हजार रुपये खर्च हो रहे हैं।
इतने बड़े पैमाने पर लाशें गंगा में तैरती हुई बरामद होने के बाद आज 12 मई को बिहार पुलिस प्रशासन ने दावा किया है कि यह सारी लाशें यूपी से आ रही हैं। पुलिस का कहना है गंगा नदी में शवों का अंबार मिलने के बाद काफी पड़ताल की गयी जिसमें यह पाया गया कि उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक महकमे के आदेश पर ही शवों को बिहार की सीमा में फेंका जाता है।
बकौल बिहार पुलिस गूगल लोकेशन का आधार और शव फेंकते व्यक्ति की निशानदेही पर ये खुलासा हुआ है। यूपी के गाजीपुर जनपद स्थित बारा थाना की पुलिस के आदेश पर बीच गंगा नदी में प्रवाहित करते नाव पर सवार व्यक्ति ने बताया कि अब तक देर रात छह की संख्या में शव बिहार की सीमा में प्रवाहित कर चुका है। इस खुलासे के बाद बक्सर जिला प्रशासन को बल मिला है। हालांकि यूपी सरकार की ओर से इस पर किसी तरह का बयान नहीं आया है।