Umran Malik : बहुत प्रेरक है सब्जी की दुकान से टीम इंडिया तक पहुंचने वाले कश्मीर के इस प्रतिभाशाली क्रिकेटर की संघर्ष गाथा

Umran Malik : कश्मीर के एक बेहद साधारण परिवार या यूं कहें कि गरीब परिवार से आनेवाले उमरान मलिक यहां तक ऐसे ही नहीं पहुंचे हैं, उनकी संघर्ष गाथा बहुत ही प्रेरक है..

Update: 2021-10-10 04:56 GMT

(कश्मीर के तेज गेंदबाज उमरान मलिक बेहद गरीब परिवार से आते हैं) pic-social media

Umran Malik : (जनज्वार)। इंडियन प्रीमियर लीग 2021 (IPL 2021) में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से महज तीन मैच खेलने वाले जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के उभरते हुए तेज गेंदबाज उमरान मलिक (Umran Malik) को टी-20 विश्व कप के लिए टीम इंडिया के नेट गेंदबाज के तौर पर चुना गया है। आतंकवाद से जूझ रहे कश्मीर से उमरान का भारतीय टीम तक पहुंचना काफी मायने रखता है। भले ही वे फिलहाल नेट गेंदबाज के तौर पर जुड़े हों। कश्मीर से अबतक ज्यादा क्रिकेटर बड़े लेबल की क्रिकेट तक नहीं पहुंचे हैं।

कश्मीर के एक बेहद साधारण परिवार या यूं कहें कि गरीब परिवार (poor family) से आनेवाले उमरान मलिक यहां तक ऐसे ही नहीं पहुंचे हैं। उनकी संघर्ष गाथा बहुत ही प्रेरक है। उमरान के पिता कश्मीर में फल और सब्जी बेचने का काम करते हैं। उनकी छोटी सी एक दुकान है।समझा जा सकता है कि इससे वो कितना अर्जन कर सकते होंगे। 

लिहाजा, उमरान के पिता अब्दुल राशिद मलिक (Abdul Rashid Malik) नहीं चाहते थे कि उनका बेटा भी उनकी तरह सब्जी और फल बेचे। इसलिए उन्होंने उमरान को कभी भी दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने से नहीं रोका। अब्दुल राशिद ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी जम्मू के शहीदी चौक पर फल और सब्जी की दुकान है। इस दुकान को वे और उनके छोटे भाई ही संभालते हैं।

उन्होंने कहा, "मैं नहीं चाहता था कि उमरान भी यही काम करे, इसलिए मैने कभी भी उन्हें दुकान पर आने नहीं दिया। मैंने हमेशा उसे अपने सपने को पूरा करने के लिए ही प्रेरित किया।"

राशिद कहते हैं कि उमरान जब छोटे थे, तभी से गलियों में अन्य बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते थे। मैं जब भी उसे कुछ कहता, तो सिर्फ वह यही कहते थे कि पापा मैं क्रिकेट में आपका नाम रोशन करूंगा। मैं देश के लिए खेलूंगा। आज मेरे बेटे ने UAE में सचमुच मेरा नाम रोशन कर दिया है। आज उसके बारे में हर कोई जानना चाहता है। लोग मेरे घर पर आकर मुझे बधाई दे रहे हैं। मुझे भरोसा है कि जल्दी वह देश का भी नाम रोशन करेगा।

उनका सिलेक्शन अंडर-19 और अंडर-23 के लिए जम्मू कश्मीर की टीम के लिए हुआ। पर उन्हें ज्यादा मैचों में मौके नहीं मिले। फिर उनकी स्पीड की वजह से सनराइजर्स हैदराबाद की टीम में नेटबॉलर के तौर पर मौका मिला। बाद में उन्हें टीम में और फिर प्लेइंग इलेवन में भी शामिल किया गया।

उमरान के कोच रणधीर सिंह एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि 1999 में असम की टीम जम्मू कश्मीर की रणजी टीम के साथ मैच खेलने के लिए आई थी। उमरान को असम टीम ने नेट बॉलर के तौर पर उन्हें शामिल किया। उमरान की स्पीड को देखकर असम टीम के कोच टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर अजय रात्रा ने उमरान को कहा कि गेंद की स्पीड कम रखें, नहीं तो मैच से पहले ही असम के खिलाड़ी चोटिल हो जाएंगे। रात्रा ने उमरान के टीम में शामिल नहीं होने पर हैरानी जताई थी।

उमरान ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Banglore) के खिलाफ खेले गए मुकाबले में आईपीएल 2021 की सबसे तेज गेंद फेंककर सनसनी फैला दी थी। उन्होंने 153 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डाली थी और एनरिज नॉर्टेजे के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया था।

उमरान अपने आईपीएल डेब्यू में ही अपने बॉलिंग से छाप छोड़ने में सफल रहे थे और केन विलियमसन (Ken Williamson) ने उनको खास खिलाड़ी करार दिया था। बता दें कि टी-20 विश्व कप का आगाज 17 अक्टूबर से होना है।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत करते हुए एक सूत्र ने इस बात की पुष्टि की है। सूत्र ने बताया, "हां, वह टीम के साथ बतौर नेट गेंदबाज (Net Baller) रुकेंगे। उनका प्रदर्शन आईपीएल में शानदार रहा था और हमको लगता है कि उनके खिलाफ नेट्स में बैट्समैनों को प्रैक्टिस कराना एक बढ़िया आइडिया होगा। साथ ही यह उनके लिए भी एक शानदार मौका कोहली (Virat Kohli) और रोहित (Rohit Sharma) जैसे क्वॉलिटी बल्लेबाजों के सामने गेंदबाजी करने का।"

बता दें कि उमरान ने केकेआर के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में ही 150 से ऊपर की रफ्तार से गेंद फेंकी थी और उन्होंने सभी भारतीय तेज गेंदबाजों को पीछे छोड़ दिया था।

जम्मू कश्मीर के इस तेज गेंदबाज को सनराइजर्स हैदराबाद (Sunrisers Hydrabad) की टीम ने टी नटारजन की रिप्लेसमेंट के तौर पर टीम से जोड़ा था। उमरान के पास हालांकि ज्यादा मैच खेलने का अनुभव नहीं है। उन्होंने एक ही टी-20 मैच अबतक खेला है। आईपीएल 2021 की सबसे तेज बॉल फेंकने के बाद उमरान ने कहा था कि उनकी गेंदबाजी में स्पीड शुरुआत से ही थी।

उन्होंने बताया था, "बहुत शुरुआत से ही, मैं तेज गेंदबाजी करता हूं। जब मैं कॉस्को बॉल से क्रिकेट खेलता था, तब भी तेज गेंदबाजी ही करता था। हम एक ओवर वाला मैच खेलते थे और मैं तब तेज गेंदबाजी करते हुए यॉर्कर गेंद फेंकता था। 2018 में अंडर-19 ट्रायल्स हुआ और जब मैंने गेंदबाजी की तो सिलेक्टर्स की नजर मुझ पर पड़ी। मैं जॉगर्स शूज में गेंदबाजी कर रहा था, फिर मेरे एक दोस्त ने मुझे स्पाइक शूज दिए और फिर मैं अंडर-19 टीम में आया।"

उमरान ने आगे कहा था, "फिर मैं अंडर-23 टीम में आया। 2018 से मैं लगातार प्रैक्टिस कर रहा हूं। अंडर-23 के बाद मुझे रणजी और विजय हजारे ट्रॉफी खेलने का मौका मिला। मैं एसआरएच फ्रेंचाइजी टीम को शुक्रिया कहता हूं कि मुझे उनके साथ खेलने का मौका मिला। इरफान पठान ने मेरी मदद की, उन्होंने मुझे बताया कि मुझे किस एरिया में काम करने की जरूरत है। नेट्स में जब मुझे केन विलियमसन या डेविड वॉर्नर के सामने गेंदबाजी करनी होती थी, तो पहले मैं डरा हुआ था। इसके बाद मैं सीखता गया और इससे मुझे मदद मिली।"

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