उन्नाव कांड : तीन एंगल से पुलिस कर रही जाँच, मृत लड़की काजल के पिता के बयान से उलझ रहा केस
यह बात तो साफ है कि तीनों लड़कियों की हालत जहर से खराब हुई, जिसमें दो की मौत हो गई तीसरी गंभीर है, पुलिस जांच रही कि इन्हें जहर किसने खिलाया और क्यों? पुलिस रंजिश सहित किशोरियों के परिजनों को भी शक के दायरे में रखे हुए है....
जनज्वार, उन्नाव। उत्तर प्रदेश के जनपद उन्नाव के असोहा थाना स्थित बबुरहा गांव में तीन दलित किशोरियां बुधवार 17 फरवरी को संदिग्ध हालत में सरसों के खेत में पड़ी मिली थीं। तीनो में से दो कि मौत हो गई तो एक किशोरी कानपुर के रिजेंसी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है।
इस घटना के बाद बबुरहा गाँव से लेकर कानपुर का रिजेंसी पुलिस छावनी में बदल चुका है। कड़ा पहरा बिठा दिया गया है। पुलिस मामले में तीन एंगल से जांच कर रही है। एक कि यदि उन्हें जहर दिया गया तो क्यों दिया गया? दो, अगर लड़कियों ने जहर खुद खाया तो क्यों? तीसरा एंगल ये कि अगर ऑनर किलिंग है तो कारण क्या था? इस बीच पुलिस पार्टी एक सवाल और तलाश रही और वह सवाल यह है कि मृतक काजल के पिता ने बेटे कल्लू ये यह क्यों कहा था कि 'तुमने ऐसा क्यों कर दिया?'
उन्नाव में दलित किशोरियों की मौत के बाद राजनीति गर्मा रही है। तमाम नेताओं का गाँव आना-जाना शुरू हो गया है। कांग्रेस व माले ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उन्नाव की घटना को दिल दहला देने वाली बताया है। उन्होंने सरकार से निवेदन किया है कि तीसरी बची लड़की को उच्च स्तरीय इलाज के लिए दिल्ली भेजा जाना चाहिए। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पीड़ित की माँ से फोन पर बात की है। पूर्व मुखमंत्री ने मृतक पीड़िता की माँ बिटोल को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। कानपुर के रिजेंसी में भर्ती लड़की से नेताओं और मीडिया के मिलने की सूचना के बाद दो सीओ समेत एक दर्जन थानों की फोर्स को तैनात किया गया है।
इससे पहले किशोरियों के परिजन भी शक के दायरे में चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि तीनों किशोरियां जब बदहवास हालत में मिलीं थीं, तो वहां सबसे पहले काजल का भाई सूरज उर्फ कल्लू पहुँचा था। बाद में उसी ने घर पर जाकर सूचना दी थी कि तीनों किशोरियां खेत में पड़ी हैं। साथ ही उसने यह भी कहा था कि उनके हाथ—पैर बंधे हुए थे और एक ही दुपट्टे से तीनों के गले कसे थे।
कल्लू कि इस बात का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ था कि गला कसा होने या चोट जैसे कोई निशान मृतक किशोरियों की रिपोर्ट में नहीं निकले हैं। यह बात तो साफ है कि तीनों लड़कियों की हालत जहर से खराब हुई, जिसमें दो की मौत हो गई तीसरी गंभीर है। पुलिस जांच रही कि इन्हें जहर किसने खिलाया और क्यों? पुलिस रंजिश सहित किशोरियों के परिजनों को भी शक के दायरे में रखे हुए है। सबूत और घटना के पीछे की मंशा का पता लगाना पुलिस के लिए भी चुनौती है।
एक मृतक लड़की काजल की मौत के बाद उसकी माँ के मुँह से आवाज नहीं निकल रही थी। रोते हुए उसने बताया कि पुलिस रात में उसे थाने ले गई थी। थाने में सादे कागज पर उसके दोनों हाथ के अंगूठों के निशान ले लिए। उसके पूछने पर पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया।
बुधवार 17 फरवरी की रात पुलिस ने शक के आधार पर काजल के पिता और भाई को उठा लिया। काजल की भाभी का आरोप है कि पुलिस ने रात को घर में घुसकर एक-एक कोना छाना था। पुलिस उसकी ढाई महीने की बच्ची की दवा तक उठा ले गई। उसने बेटी की तबियत खराब होने और दवा लौटा देने की कही तो पुलिस ने उसे फटकार दिया। काजल की भाभी का कहना है कि पुलिस उसकी बेटी की जो दवा ले गई, उसके बाद से उसकी तबियत और बिगड़ गई है।