उन्नाव कांड में अस्पताल में भर्ती दलित किशोरी के दर्ज हुए बयान, पहले बुआ और चचेरी बहन ने पिया था जहरीला पानी, रेप से इंकार

उन्नाव कांड में जिंदा बची दलित बच्ची ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि हत्यारोपी विनय उससे जबरन दोस्ती करना चाहता था, जब उसने इनकार किया तो वह दबाव बनाने लगा, पर कामयाब नहीं हो सका, इसके बाद उसने इस घटना को अंजाम दिया, जिसमें जहरीला पानी पीने से 2 किशोरियों की मौत हो गयी...

Update: 2021-02-24 05:06 GMT

file photo

जनज्वार, उन्नाव। यूपी के उन्नाव स्थित थाना असोहा के बबुरहा गांव की तीन में से एकमात्र बची किशोरी ने मंगलवार को मजिस्ट्रेट के सामने 17 फरवरी की पूरी कहानी बयान की है। किशोरी ने बताया कि वह तीनों नमकीन के पैकेट लेकर खेत पर गई थीं। चारा काट लेने के बाद तीनों वहीं बैठी थीं। तभी वहां विनय उर्फ लंबू और सचिन नमकीन लेकर आये। सभी ने बैठकर नमकीन खाई। नमकीन कड़वी थी तो पीने के लिए पानी दिया गया।

जिंदा बची किशोरी के मुताबिक पहले उसकी बुआ और चचेरी बहन उससे बोतल छीनकर पानी पी गईं। आखिर में जो थोड़ा पानी बचा, वह उसने पिया था। पानी पीने के बाद हम तीनों वहां गिरकर छटपटाने लगी तों विनय और सचिन वहां से भाग गए। मजिस्ट्रेटी बयान में पीड़िता ने एक-एक आपबीती सुनाई। सूत्रों की अगर माने तो जेल जाने से पहले आरोपियों ने जो बताया था, किशोरी ने उसकी पुष्टि की है।

किशोरी ने अपने बयान में कहा कि विनय उससे जबरन दोस्ती करना चाहता था। जब उसने इनकार किया तो वह दबाव बनाने लगा, पर कामयाब नहीं हो सका। इसके बाद उसने इस घटना को अंजाम दिया। इससे पहले पूछताछ में आरोपियों ने भी पुलिस को यही बात बताई थी। जब पुलिस ने लड़की से पूछा कि क्‍या उन लोगों को मारा-पीटा गया या यौन शोषण हुआ तो लड़की ने इससे साफ इनकार कर दिया।

मंगलवार 23 फरवरी को लखनऊ से आई एफएसएल रिपोर्ट में जहरीले पदार्थ से पर्दा उठ गया है। एसपी आनंद कुलकर्णी के मुताबिक इस जहर में न तो पानी का रंग बदलता है और न ही बदबू आती है। जो जहर किशोरियों को दिया गया था, वह गेहूं की फसल में खरपतवार को खत्म करने के काम आता है। 19 फरवरी को दो किशोरियों के अंतिम संस्कार के बाद लखनऊ से आई टीम ने मौके से नमकीन के रैपर, पानी की बोतल सहित जली हुई सिगरेट और कुछ साक्ष्य संकलित कर जांच के लिए भेजा था। जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को मिली है।

एक साथ तीनों किशोरियों की तबियत बिगड़ी थी, लिहाजा अस्पताल में भर्ती किशोरी को नहीं पता था कि उसकी बुआ और चचेरी बहन की मौत हो चुकी है। होश में आने पर जानकारी मिली तो फफककर रो पड़ी। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी सहेलियों जैसी बहनें अब इस दुनिया मे नहीं रहीं, उसके चेहरे पर इस बात का अफसोस साफ झलक रहा था।

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