Pithoragarh News : बेटी को बदनाम करने से रोका तो दलित पिता और भाई से मारपीट, दारोगा पर भी पक्षपात का आरोप
पीड़ित अमर राम कहते हैं, उनकी बेटी अविवाहित है, बेटी को इस तरह के बदनाम करने से उसकी शादी में बाधा आ सकती है, आरोपी मनोज पंत ने पूरे गांव में झूठी अफवाह फैला दी कि अमर राम की बेटी 4 माह की गर्भवती है और मुंबई में गर्भपात कराने गई है...
Pithoragarh News : उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ में एक दलित समुदाय की लड़की के चरित्र को बदनाम करने और उसके पिता और भाई से मारपीट का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि जब इसकी शिकायत उन्होंने थाने में की तो दारोगा ने पीड़ित की शिकायत के अनुसार मामला दर्ज नहीं किया और आरोपियों का बचाव करते हुए अपने हिसाब से प्रथमिकी दर्ज कर दी।
ये पूरा मामले पिथौरागढ़ जिला के गंगोलीघाट के अगरोन गांव का है। यहां के दलित अमर राम टम्टा का आरोप है कि गांव के सवर्ण जाति के मनोज पंत ने उनकी बेटी के चरित्र को लेकर गांव भर में अफवाह फैला दी। पीड़ित पिता का आरोप है कि आरोपी मनोज पंत ने बेटी को बदनाम करने के लिए अफवाह उड़ा दी कि उनकी बेटी 4 माह की गर्भवती है। इसको लेकर अमर राम ने जब आपत्ति जताई तो मनोज पंत ने उन्हें जातिसूचक गालियां दी और मारपीट की।
पीड़ित अमर राम ने बताया कि, "उनकी बेटी अविवाहित है। बेटी को इस तरह के बदनाम करने से उसकी शादी में बाधा आ सकती है। आरोपी मनोज पंत ने पूरे गांव में झूठी अफवाह फैला दी कि अमर राम की बेटी 4 माह की गर्भवती है और मुंबई में गर्भपात कराने गई है।" इसकी शिकायत लेकर वे 10 अक्टूबर को मनोज पंत के पास गए और उससे विनती करते हुए कहा कि उनकी बेटी के बारे में झूठी बातें न फैलाएं। इतने में ही मनोज उनके साथ गाली गलौज करने लगा और जातिसूचक गालियां दी। फिर उसने लाठी लेकर अमर राम पर हमला कर दिया जिससे उनका सिर में गंभीर चोटें लगीं।
पीड़ित अमर राम के बेटे ने बताया कि, "मनोज पंत द्वारा पिता पर हमला करने की सूचना फोन पर मिली तो वे तुरंत उसके घर गए। पिता का सिर फट गया था।" बीच बचाव में गए अमर राम के बेटे से भी मारपीट की गई।
मामले की शिकायत लेकर पिता-पुत्र गंगोलीघाट थाने पहुंचे और लिखित शिकायत दी। अमर राम का आरोप है कि उनके सिर में चोट लगी थी। थाने पहुंचने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनके सिर में 5-6 टांके लगे, पर इलाज करवाने के बाद कोई मेडिकल रिपोर्ट भी नहीं मिला। इसके अलावा पीड़ित अमर राम टम्टा और उनके बेटे का दोरागा पर आरोप है कि गंगोलीघाट थाने के दारोगा मोहन जोशी ने उनके द्वारा लिखी शिकायत को यह कहकर लेने से मना कर दिया कि कागज में जातिसूचक शब्द लिखा है और इसे नहीं ले सकते। फिर दारोगा ने अपने अनुसार धाराएं लगाकर दोषियों के खिलाफ एफआईआर लिखी।
गंगोलीघाट थाने में सुनवाई नहीं हुई तो अमर राम और बेटे ने पिथौरागढ़ में एसपी ऑफिस में एप्लीकेशन दिया पर उसके बाद भी आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मामले को लेकर भीम आर्मी कुमांव मंडल के अध्यक्ष ने बताया कि अगरोन गांव के दलित वर्ग के अमर राम की बेटी को सवर्ण जाति के मनोज पंत द्वारा बदनाम करने की कोशिश की गई। आपत्ति जताने पर अमर राम और उसके बेटे पर जानलेवा हमला किया गया। वहीं, पीड़ित द्वारा थाने में भी जातिगत व्यवहार किया गया और उनके आवेदन को स्वीकार नहीं किया। वहीं, ये मामला एससी एसटी एक्ट का है पर दारोगा ने आवेदन में इसका भी जिक्र नहीं किया। भीम आर्मी के सदस्यों ने बताया कि घटना को एक हफ्ते से ऊपर बीत चुके हैं पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। अगर जल्द से जल्द दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे थाने का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे।