International women's day 2022 : महिला दिवस पर उत्तराखण्ड के रामनगर में कई कार्यक्रम आयोजित, छात्राओं ने बढ़-चढ़कर की हिस्सेदारी

International women's day 2022 : ऐसे कार्यक्रमों में छात्राओं की बढ़ती भागीदारी इस बात का प्रतीक है की सभी महिला यौन हिंसा के विरोध में हैं, परंतु सरकार इस प्रकार की घटनाओं पर हमेशा मौन रहती है....

Update: 2022-03-08 17:52 GMT

महिला दिवस पर उत्तराखण्ड के रामनगर में कई कार्यक्रम आयोजित, छात्राओं ने बढ़-चढ़कर की हिस्सेदारी

International women's day 2022 : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर रामनगर के कई संगठनों ने कार्यक्रमों का आयोजन किया। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र ने महाविद्यालय गेट पर हस्ताक्षर अभियान चलाते हुए महिला हितों की लड़ाई आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। तो दूसरी ओर महिला एकता मंच ने शहर में जुलूस निकालकर एक जनसभा का आयोजन किया।

मंगलवार को पीएनजी महाविद्यालय गेट पर महिला यौन हिंसा के विरोध में एवं अश्लील उपभोक्तावादी संस्कृति के विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाये गए प्रगतिशील महिला एकता केंद्र के इस कार्यक्रम में कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की। शिक्षकों ने इस प्रकार के अभियानों को बढ़ावा देने की जरूरत बताते हुए गया कि देश में महिला हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अश्लील उपभोक्तावादी संस्कृति समाज में हावी होकर समाज में विकृत मानसिकता को जन्म दे रही है, जिसके परिणाम में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों व यौन हिंसा की बाढ़ आ गयी है। अश्लील उपभोक्तावादी संस्कृति पर रोक नही लगाये बिना इस पर काबू करना असंभव है।

शीला शर्मा ने कहा कि 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को देश का सरकारी तंत्र महिलाओं को गिफ्ट देने के रूप में मनाकर इसकी गंभीरता को कम करता है। जबकि शेष पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को महिला अधिकारों के प्रति याद करने और महिला उत्पीड़न, यौन हिंसा के विरोध में संकल्प लिए जाते हैं। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र देश में आये दिन यौन हिंसा की होने वाली घटनाओं पर पुतला दहन, ज्ञापन आदि के कार्यक्रम चलाता रहता है।

ऐसे कार्यक्रमों में छात्राओं की बढ़ती भागीदारी इस बात का प्रतीक है की सभी महिला यौन हिंसा के विरोध में हैं, परंतु सरकार इस प्रकार की घटनाओं पर हमेशा मौन रहती है। इस दौरान कार्यक्रम में शीला शर्मा, तुलसी छिमवाल, मंजू, मीना, रवि कुमार, कमल वर्मा, रोहित रुहेला संहित कई लोग मौजूद रहे। इसके अलावा दूसरी तरफ महिला एकता मंच ने लखनपुर शहीद पार्क में महिला एकता मंच ने 8 मार्च अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस को युद्ध विरोधी दिवस के रुप में मनाकर यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित स्वदेश वापसी व रोजगार को मौलिक अधिकार का दर्जा देने की मांग की।

रामनगर शहीद पार्क से आरम्भ हुआ महिलाओं का जुलूस पुरानी तहसील पर पहुंचकर जनसभा में तब्दील हो गया। कौशल्या के संचालन में हुयी सभा को संबोधित करते हुए मंच की संयोजक ललिता रावत ने कहा कि 8 मार्च शासक वर्गों की अमीर महिलाओं का नहीं, बल्कि आम मेहनतकश शोषित-उत्पीड़ित महिलाओं का दिन है।


उन्होंने आह्वान किया कि हम महिलाएं एकत्र होकर देश-दुनिया व समाज में मौजूद गैर बराबरी, गरीबी, अन्याय, लूट व शोषण के खिलाफ अपने संघर्षों को जारी रखें व उन्हें आगे बढ़ाने का संकल्प लें। सीमा ने रुस द्वारा यूक्रेन पर किए गये हमले को समूची मानवता पर हमला करार देते हुए कहा कि यूरोप की धरती पर लड़ा जा रहा ये साम्राज्यवादी युद्ध भी पिछले युद्धों की तरह ही न केवल यूक्रेन की जनता के लिए बल्कि दुनिया की समूची जनता के लिए भी बेहद घातक है। इन युद्धों की कीमत हमारे देश की जनता को मंहगाई, बेरोजगारी व अभाव के रुप में चुकानी पड़ रही है।

ऊषा पटवाल ने कहा कि हमारे देश की सरकार एक तरफ आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है, वहीं दूसरी तरफ हम महिलाओं की आज भी वास्तविक जीवन में बराबरी का अधिकार नहीं मिल पाया है। मंगलवार को हुए इस कार्यक्रम में सभा को प्रभात ध्यानी, मुनीष कुमार, ललित उप्रेती, महेश जोशी आदि वक्ताओं ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में दीपा, नीमा, अनीता, भगवती, कमला, पुष्पा, विभा, हेमा व राजेंद्र समेत सैकड़ों महिलाओ ने भागीदारी की।

मंच की सह-संयोजिका सरस्वती जोशी ने बताया कि महिला एकता मंच द्वारा 10 मार्च को मालधन के वार्ड नं. 4 में देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के जन्म दिवस पर एक सभा का आयोजन किया जाएगा तथा युद्ध के विरोध में मानव श्रंखला भी बनायी जाएगी।

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