राकेश टिकैत ने पिछले बयानों से किया किनारा, बोले-कानून वापसी तक चलेगा आंदोलन, हम न मंच बदलते हैं न पंच

महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत और प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शामिल हुए, दोनों ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि हम न मंच बदलते हैं, न पंच बदलते हैं..

Update: 2021-02-12 13:09 GMT

जनज्वार। तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। दिल्ली से लगे विभिन्न राज्यों के बॉर्डर पर किसान जमे हुए हैं। इस बीच विभिन्न जगहों पर किसान महापंचायतों का आयोजन भी लगातार हो रहा है। इसी कड़ी में उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद में शुक्रवार को किसान महापंचायत का आयोजन किया गया था।

इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता और उनके भाई राकेश टिकैत भी शामिल हुए। दोनों ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि हम न मंच बदलते हैं, न पंच बदलते हैं।

मुरादाबाद की किसान महापंचायत में शामिल हुए बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने पिछले बयानों से किनारा करते हुए कहा कि केंद्र चाहे 10 दिन का समय ले या अगले साल तक का, हम तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पंचायती प्रणाली को हम मानने वाले लोग हैं।

टिकैत ने कहा कि हम फैसलों के बीच में न पंच बदलते हैं और न मंच बदलते हैं। हमारा दफ्तर सिंघु बार्डर पर ही रहेगा और हमारे लोग भी वहीं रहेंगे। जो केंद्र सरकार की लाइन थी वह बातचीत करने की उसी लाइन पर बातचीत कर लेंम कृषि कानून रद्द होने के बाद ही घर वापसी होगी।

किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि हमारे संगठन ने सरकार की लगाम थामी है। सरकार तरह-तरह के आरोप लगा रही है। जनता सभी आरोपों का जवाब देगी। अगर किसान ढीले पड़े तो आने वाले सालों तक आपका कोई नाम नहीं लेगा।

उन्होंने आह्वान किया कि पिछली बातें भुलाकर एक हो जाओ। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने उनके बयानों की याद दिलाई। नरेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री जी बात कहकर हंसते हैं। आंदोलनजीवी एक मजाक का शब्द है। वे पंचायत को जमात कह रहे हैं।

नरेश टिकैत ने कहा कि युवाओं की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। अभी उत्तर प्रदेश में कानून नहीं आया है। मन मुटाव भूलकर संगठन को मजबूत करें। धानमंत्री की गुजरात में चल गई होगी, लेकिन उन्होंने हमारे यहां गलत जगह हाथ डाल दिया है। हमारे पास शांति का हथियार है। आंदोलन में एकत्र होकर रहें। सरकार को झुकना पड़ेगा।

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