Sanjay Raut Bail: जानिए क्या था पात्रा चॉल घोटाला जिसके चलते सांसद संजय राऊत को काटनी पड़ी 101 दिन की जेल

Sanjay Raut Bail: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच की आंच का सामना कर रहे शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के सांसद संजय राउत को जमानत मिल गई है। उन्हें आज बुधवार को जमानत मिली है। प्रवर्तन निदेशालय ने पात्रा चॉल भूमि मामले में राउत को जुलाई के अंत में गिरफ्तार किया था...

Update: 2022-11-09 10:38 GMT

Sanjay Raut Bail: 101 दिन जेल काटने के बाद संजय राउत को मिली बेल, जानिए क्या था पात्रा चॉल घोटाला

Sanjay Raut Bail: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच की आंच का सामना कर रहे शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के सांसद संजय राउत को जमानत मिल गई है। उन्हें आज बुधवार को जमानत मिली है। प्रवर्तन निदेशालय ने पात्रा चॉल भूमि मामले में राउत को जुलाई के अंत में गिरफ्तार किया था। इस मामले में ED राउत की पत्नी, करीबियों समेत कई लोगों से पूछताछ कर चुकी है।

विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने आज बुधवार को अपना फैसला सुनाया। मुंबई के उत्तरी उपनगरीय इलाके में पात्रा चॉल प्रोजेक्ट के मामले में ईडी जांच कर रही है। जांच के दौरान उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था। 31 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और ई़डी की हिरासत में 8 दिन बिताने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था

2 नवंबर, बुधवार को विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) अदालत ने धन शोधन मामले में आरोपी शिवसेना नेता एवं सांसद संजय राउत की जमानत याचिका पर नौ नवंबर तक फैसला सुरक्षित रख लिया था। विशेष पीएमएलए अदालत के न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलों के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। हालांकि, अदालत ने राउत की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी थी।

7 सितंबर को उन्होंने जमानत के लिए याचिका दायर की थी। साथ ही राउत ने दावा किया था कि उनके खिलाफ दर्ज ईडी का मामला सत्तारूढ़ दल की तरफ से विपक्ष का दबाने की कोशि है। उन्होंने यह भी कहा था कि अपराध की आय के तौर पर दिखाए गए 1.06 करोड़ रुपये का हिसाब था और जानकारी दी गई थी।

जमानत पर उठी रोक की मांग

राउत की जमानत पर रोक की मांग उठी है। एडीशनल सॉलिसिटर जनरल ने कुछ समय के लिए बेल ऑर्डर लागू होने पर रोक की मांग की है, ताकि ईडी कोर्ट के आदेश के खिलाफ उच्च अदालत में अपील दायर कर सके। खबर है की पीएमएलए (PMLA) कोर्ट भी जमानत पर रोक की मांग पर बुधवार को दोपहर 3 बजे फैसला सुना सकता है।

क्या है पात्रा चॉल घोटाला?

उत्तरी मुंबई के गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर है, यह पात्रा चॉल के नाम से मशहूर है। यहां पर 47 एकड़ में 672 घर हैं। 2008 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी MHADA ने रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू किया और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड यानी GACPL को 672 किराएदारों का पुनर्वास और इलाके को रिडेवलप करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया।

GACPL को पात्रा चॉल के 672 किराएदारों को फ्लैट देना था, MHADA के लिए 3 हजार फ्लैट बनाना था और शेष को निजी डेवलपर्स को बेचना था। हालांकि ED का दावा है कि संजय राउत के करीबी सहयोगी प्रवीण राउत और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के अन्य निदेशकों ने MHADA को गुमराह किया।

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