हरियाणा के डिप्टी स्पीकर का विरोध करने पर 5 किसान गिरफ्तार, 100 से ज्यादा के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज

किसान नेता हरचरण सिंह भारुखेड़ा ने बताया कि गुरुवार 15 जुलाई को पुलिसकर्मी कुछ किसानों के घरों में दीवार फांदकर घुसे, जैसे कि वे आतंकवादी हों। उन्होंने बताया कि राजद्रोह का मामला हमारी आवाज दबाने के लिए किया गया है, लेकिन ऐसा नहीं होगा....

Update: 2021-07-16 11:33 GMT

(हरियाणा पुलिस ने कहा: 11 जुलाई की घटना के वीडियो फुटेज का विश्लेषण करने और इनकी पहचान के बाद इन पांचों को गिरफ्तार किया है।)

जनज्वार डेस्क। साल 2014 से केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद से दर्ज किए राजद्रोह के मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। भारत के सीजेआई जस्टिस एमवी रमना ने हाल ही राजद्रोह को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा था कि राजद्रोह कानून का दुरुपयोग हो रहा है और इसकी कोई जवाबदेही नहीं है। वहीं अब खबर है कि कृषि कानूनों के खिलाफ बीते आठ महीने से प्रदर्शन कर रहे 100 किसानों पर हरियाणा पुलिस ने राजद्रोह का मुकदमा दायर किया है।

अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार 15 जुलाई को हरियाणा पुलिस ने पांच किसानों को बी गिरफ्तार किया है। वहीं किसान नेताओं का कहना है कि उन्हें 13 जुलाई को पता चला कि लगभग सौ से ज्यादा किसानों पर 11 जुलाई को सिरसा में हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा के खिलाफ विरोध करने के आरोप में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक एफआईआर में सिर्फ दो लोगों हरियाणा किसान मोर्चा के नेता प्रह्लाद सिंह भारुखेड़ा और 70 साल के हरचरण सिंह पंजुआना का नाम शामिल हैं, जो सिरसा में किसान आंदोलन का चेहरा हैं। पंजुआना सात महीने से दिल्ली जाने वाले प्रदर्शनकारियों के लिए सिरसा में लंगर चला रहे हैं।

इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह), 307 (हत्या के प्रयास) और 120बी (आपराधिक साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज किया गया।

इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इससे पहले कि किसानों को कुछ पता चलता, पुलिस ने गुरुवार 15 जुलाई को तड़के लगभग चार बजे सिरसा जिले में इन किसानों में से पांच के घरों पर छापेमारी की। सुबह नौ बजे तक पांचों को अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बाद में किसानों ने सिरसा के एसपी ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया।

किसान नेता भारुखेड़ा ने बताया कि गुरुवार 15 जुलाई को पुलिसकर्मी कुछ किसानों के घरों में दीवार फांदकर घुसे, जैसे कि वे आतंकवादी हों। उन्होंने बताया कि राजद्रोह का मामला हमारी आवाज दबाने के लिए किया गया है, लेकिन ऐसा नहीं होगा।

वहीं सिरसा के एसपी अर्पित जैन ने कहा, 'उन्होंने तय प्रक्रिया का पालन किया है और 11 जुलाई की घटना के वीडियो फुटेज का विश्लेषण करने और इनकी पहचान के बाद इन पांचों को गिरफ्तार किया है।' पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनस्थल के पास मौजूद और लोगों की पहचान की गई है और उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

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