महंगी बिजली बेचने के बाद भी यूपी में कंपनियों को 90 हजार करोड़ का घाटा, सपा विधायक ने पूछा घाटा है या घोटाला

उर्जा मंत्री ने बीते साल 12 फरवरी 2020 को भी एक बयान दिया था जिसमें 90 हजार करोड़ के घाटे का ही जिक्र किया गया था। तो क्या तब से अब 90 हजार करोड़ का घाटा स्थिर है। वहीं दूसरी तरफ सपा विधायक ने इसे घाटा नहीं घोटाला करार दिया है...

Update: 2021-08-27 08:08 GMT

(उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के बिजली घाटे के बयान पर सपा विधायक का पलटवार)

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बुधवार 25 अगस्त 2021 को ट्वीट के जरिए बताया की प्रदेश में उर्जा विभाग 90 हजार करोड़ रूपये के घाटे में चल रहा है। उर्जा मंत्री ने बीते साल 12 फरवरी 2020 को भी एक बयान दिया था जिसमें 90 हजार करोड़ के घाटे का ही जिक्र किया गया था। तो क्या तब से अब 90 हजार करोड़ का घाटा स्थिर है। वहीं दूसरी तरफ सपा विधायक ने इसे घाटा नहीं घोटाला करार दिया है। 

अपने निजी ट्वीटर हैंडल से किए गये ट्वीट में उर्जा मंत्री ने कहा कि, 'ऊर्जा विभाग 90,000 करोड़ रुपये के घाटे में है। ग्रामीण क्षेत्रों में 75% व शहरी क्षेत्रों में 25% लोग किन्हीं कारणों से बिल जमा नहीं कर पाते। छोटे बकायेदारों का डिस्कनेक्शन नहीं, डोर नॉक करें। विभाग उपभोक्ताओं को बिल भरने के लिए प्रेरित करे।'

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बीती वर्ष 12 फरवरी 2020 को भी कुछ ऐसा ही बयान दिया था, जिसमें कहा गया था कि, 'बिजली विभाग का 90 हज़ार करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें 12 हज़ार करोड़ रुपये ऐसे हैं जो सरकारी विभागों से वसूले जाने हैं। उन्होंने कहा था कि, अभियान चलाकर बकाया राशि की भरपाई की कोशिश की जा रही है ताक़ि विभाग अपने नुकसान में कमी लाकर बिजली की बेहतर सुविधा मुहैया करा सके।

शर्मा ने कहा था कि सरकारी विभागों से पैसे वसूलने की कोशिश चल रही है और इसमें भुगतान में तेज़ी भी देखने को मिली है। ऐसे में उम्मीद है कि बहुत जल्द बकाया राशि वसूल ली जाएगी। लेकिन तब से अब के बीच एक साल का वक्त निकल गया घाटा ज्यों का त्यों बना हुआ है।'

उन्नाव से समाजवादी पार्टी विधायक सुनील सिंह यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, 'देश में सबसे महँगी बिजली बेचने के बाद भी @ptshrikant जी साढ़े चार साल @myogiadityanath सरकार में रहते हुए भी बिजली विभाग के जिस 90 हज़ार करोड़ को घाटा बता रहे हैं वो दरसर घाटा नहीं इनका घोटाला है। मंत्री जी किसने रोका वसूलने से? आप के इन घड़ियाली आँसुवो को अब जनता समझ चुकी है!'

क्या है यूपी में बिजली की दरें

उत्तर प्रदेश की बात करें तो वहां यूपी इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन टैरिफ रेट को लेकर फैसला लेती है। यहां शहरी घरेलू उपभोक्ता शुरुआती 150 यूनिट के लिए 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करते हैं, उसके बाद 150-300 यूनिट की खपत पर 6 रुपये प्रति यूनिट का चार्ज लगता है। इसी तरह, 301-500 यूनिट के बीच स्लैब के लिए उपभोक्ता को 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से चार्ज लगता है। 500 यूनिट से अधिक बिजली का उपभोग करने पर 7 रुपये प्रति यूनिट का रेट लगता है।

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